कोई खास त्योहार हो या रोज़ पहनने के कपड़े, जब भी बात महिलाओं के कपड़ों की होती है, तो आरामदायक या अपने हिसाब से बनाए गए कपड़े बाज़ार में जल्दी नहीं मिलते। महिलाओं के रेडीमेड कपड़ों या सिलाई किए जाने वाले कपड़ों में एक बहुत बड़ी समस्या यह है कि ये लैंगिक आधार पर बंटे हुए होते हैं। जो सहूलियत और विकल्प हमें पुरुषों के कपड़ों में मिलती है, वैसे विकल्प महिलाओं के कपड़ों में मिलना आसान नहीं होता। आज के ज़माने में अपनी पसंद से कपड़े सिलवाने के लिए काफी जद्दोजहद और खोज करनी पड़ती है।
आज-कल के व्यस्त जीवन में इस काम के लिए भागदौड़ करना, टेलरिंग के अनुभव को और भी मुश्किल बना देता है। अमूमन, बुटीक या ब्रांडेड दुकानों में कपड़े सिलवाना भी एक लंबी, परेशान करनेवाली और खर्चीली प्रक्रिया होती है। इसके साथ-साथ यह ज़रूरी नहीं है कि पूरी उम्र एक जैसे कपड़े या डिज़ाइन फिट बैठे। एक आम दुकान या टेलर के पास कपड़े ठीक करवाने के लिए व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा एक या दो बार जा सकता है। टेलरिंग से जुड़ी इन्हीं समस्याओं के मद्देनज़र व्यक्तिगत टेलरिंग का ऑनलाइन विकल्प देता है क्लाउड टेलर।
क्लाउड टेलर न सिर्फ महिलाओं को उनकी पसंद से कपड़े सिलवाने का विकल्प देता है, बल्कि इस पूरी प्रक्रिया को सरल बनाता है। क्लाउड टेलर स्थानीय डिज़ाइनर्स और दर्जियों के साथ मिलकर महिलाओं के लिए एक सुनिश्चित टेलरिंग का विकल्प दे रहा है। अपने इस अनोखे प्रयास से यह अनेक कारीगरों के लिए रोज़गार का एक मजबूत और स्थायी उपाय भी बन चुका है।
क्लाउड टेलर का जन्म दिसंबर 2020 में व्यक्तिगत फ़ैशन डिज़ाइनर और अच्छे दर्जी तक पहुंच को मजबूत करने के लिए, डिज़ाइनों पर महिलाओं का खुद का नियंत्रण, डिज़ाइनों में ग्राहकों के मत को बढ़ावा देकर, टेलरिंग के अनुभव को महिलाओं तक सुविधाजनक तरीके से लाने के लिए हुआ था। चूंकि महिलाओं के शरीर में उनके जीवनकाल में बहुत सारे बदलाव होते हैं, इसलिए क्लाउड टेलर अपने सभी ग्राहकों को अपनी सहूलियत के अनुसार कपड़े सिलवाने और आजीवन उनमें संशोधन करने के मौके देता है।
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क्लाउड टेलर न सिर्फ महिलाओं को उनकी पसंद से कपड़े सिलवाने का विकल्प देता है, बल्कि इस पूरी प्रक्रिया को सरल बनाता है। क्लाउड टेलर स्थानीय डिज़ाइनर्स और दर्जियों के साथ मिलकर महिलाओं के लिए एक सुनिश्चित टेलरिंग का विकल्प दे रहा है।
क्या है क्लाउड टेलर
सुष्मिता लक्काकुला का शुरू किया गया क्लाउड टेलर एक डायरेक्ट टू कंज़्यूमर यानि डी2सी प्लेटफॉर्म है, जो महिलाओं को घर बैठे व्यक्तिगत फैशन और सिलाई का निश्चित समाधान देता है। क्लाउड टेलर कपड़ों के सिलाई के अनुभव को हर स्तर पर आसान बनाता है और ग्राहकों की डिज़ाइनर तक पहुंच को सुनिश्चित करता है। यह एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से चलता है। इस ऐप के जरिए 6 चरणों में अपने मुताबिक कपड़े सिलवाए जा सकते हैं। अमूमन जहां टेलरिंग की बड़ी दुकानों में कपड़े सिलवाना महंगा ही नहीं, झंझट भरा भी होता है, क्लाउड टेलर के माध्यम से महिलाएं घर बैठ कर कपड़े बनाने का आर्डर दे सकती हैं।
यहां न सिर्फ अपने हिसाब से कपड़े डिज़ाइन करने का विकल्प है, बल्कि डिज़ाइन न समझ आने पर अनुभवी और अच्छे डिज़ाइनरों की सलाह से कपड़े सिलवाए जा सकते हैं। महिलाएं खुद के डिज़ाइन न होने पर ऐप पर पहले से मौजूद डिज़ाइनों से अपनी पसंद का विकल्प चुन सकती हैं या किसी डिज़ाइनर की सलाह ले सकती हैं। ऐप के माध्यम से गले के डिज़ाइन या कुर्ते की लंबाई से लेकर कपड़ों के कट तक चुनने का विकल्प ग्राहकों को दिया जाता है। ग्राहकों को ऑनलाइन माप देने की भी छूट है। अपना माप न जानने वाले लोगों के लिए घर पर दर्जी के ज़रिए माप लेने का विकल्प भी दिया गया है।
क्लाउड टेलर महिलाओं को विभिन्न पोशाक जैसे कुर्ता, ड्रेस या अबाया जैसे कपड़े सिलवाने के अनेक विकल्प देता है। यह उन्हें अपने घर से आर्डर देने और उन्हें घर पर ही पाने की सुविधा प्रदान करता है। व्यक्तिगत फैशन डिज़ाइनर से संपर्क कर, महिलाएं अपनी जरूरत और सहूलियत के हिसाब से किसी भी प्रकार के डिज़ाइन बनवा सकती हैं। अमूमन, महिलाओं को अपने शरीर में आए बदलाव के हिसाब से समय-समय पर कपड़ों की माप बदलवाने की जरूरत हो सकती है।
यह स्वाभाविक है कि हर महिला का पितृसत्ता द्वारा तय किए गए पैमानों के मुताबिक हो। यह भी संभव है कि गर्भवती होने पर उनके शरीर के माप बिलकुल बदल चुके हो। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए क्लाउड टेलर महिलाओं को आजीवन अपने कपड़ों को मुफ्त आल्टरेशन यानि माप में बदलाव करने की छूट देता है। महिलाओं के लिए शादी के बाद नए शहर में व्यवस्थित रूप से बसना भी एक बहुत बड़ी चुनौती है। इसलिए क्लाउड टेलर किसी एक शहर में बने कपड़े को किसी दूसरे शहर में उसे दोबारा ठीक करवाने का विकल्प देता है। यहां सिलवाने के लिए कपड़े ग्राहक खुद दे सकते हैं या सीधा उनसे खरीदकर भी अपने पसंद का कपड़ा बनवाया जा सकता है। इसके अलावा, क्लाउड टेलर पर दिए गए आर्डर को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है।
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क्लाउड टेलर कपड़ों के सिलाई के अनुभव को हर स्तर पर आसान बनाता है और ग्राहकों की डिज़ाइनर तक पहुंच को सुनिश्चित करता है। यह एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से चलता है। इस ऐप के जरिए 6 चरणों में अपने मुताबिक कपड़े सिलवाए जा सकते हैं।
किस तरह क्लाउड टेलर दे रहा है स्थानीय कारीगरों को रोज़गार
क्लाउड टेलर ऑनलाइन पद्धति के जरिए पूरे भारत में टेलरिंग की सेवा दे रहा है। इसके अलावा, क्लॉउड टेलर हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि सिद्दीपेट, पुणे, पटना, तिरुपति और कोच्चि जैसे जगहों में 8 अपने केंद्र स्थापित कर चुका हैं, जहां कपड़ों की सिलाई और डिज़ाइन का काम किया जा रहा है। इन केंद्रों पर क्लाउड टेलर ने कई दर्जी और मास्टर नियुक्त किए हैं जो ग्राहकों से मिले डिज़ाइनों को उनके अनुसार पूरा कर रहे हैं। वर्तमान में, क्लाउड टेलर ने 50 हजार से अधिक ऑर्डर सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।
ऑनलाइन काम को अच्छे और विश्वसनीय तकनीक से कर पाने और मजबूत सप्लाई-चेन मैनेजमेंट के साथ, क्लाउड टेलर आज भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों सहित दुनिया भर से ऑर्डर लेने और उसे पूरा कर अपना व्यवसाय आगे बढ़ा रहा है। यह एक ऐसा माध्यम है जहां डिजिटल चैनल के माध्यम से सीधे कारीगरों और डिज़ाइनरों तक पहुंच रहे हैं। अमूमन टेलरिंग व्यवसाय में कारीगरों को काम किसी त्योहार के समय ही मिल पता है। ऐसे में क्लाउड टेलर स्थानीय डिज़ाइनरों और दर्जियों को पूरे साल रोज़गार का एक जरिया दे रहा है। इस संदर्भ में क्लॉउड टेलर के हैदराबाद स्थित केंद्र के दर्जी मुज़्ज़मिल अंसारी कहते हैं, “क्लाउड टेलर मेरे लिए एक ऐसी नौकरी है, जो पूरे साल मुझे काम दे रहा है। पहले कभी हफ्ते में दो दिन काम होता था तो कभी नहीं होता था। चूंकि यहां मुझे कर्मचारी भविष्य निधि के तहक रखा गया है, तो यह मेरे भविष्य को भी सुरक्षित कर रहा है।”
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अक्सर, दर्जियों को वेतन हफ्ते के दर से मिलता है और काम न होने पर कोई वेतन नहीं दिया जाता। क्लाउड टेलर इस व्यवस्था के उलट, कर्मचारियों को वैतनिक रूप से काम दे रही है। इस विषय पर कंपनी के दर्जी शायिक हाजिमिया कहते हैं, “मुझे वेतन महीने के हिसाब से मिलता है। यहां पैसे की दिक्कत नहीं होती। साथ ही, यहां कर्मचारियों के लिए लोन की व्यवस्था और पीएफ भी है।”
क्लाउड टेलर स्थानीय डिज़ाइनरों और दर्जियों को पूरे साल रोज़गार का एक जरिया दे रहा है। इस संदर्भ में क्लॉउड टेलर के हैदराबाद स्थित केंद्र के दर्जी मुज़्ज़मिल अंसारी कहते हैं, “क्लाउड टेलर मेरे लिए एक ऐसी नौकरी है, जो पूरे साल मुझे काम दे रहा है।”
क्लाउड टेलर भारत की एक ऐसी कंपनी है जो वैश्विक स्तर पर महिलाओं को कपड़े सिलवाने का ऑनलाइन सेवा दे रही है। यह मूल रूप से ‘फिजिटल मॉडल’ पर काम कर रहा है। फिजिटल एक ऐसी अवधारणा है जिसमें ग्राहकों या उपयोगकर्ताओं को एक संवादात्मक अनुभव देने के लिए भौतिक दुनिया के साथ डिजिटल दुनिया को जोड़ने के दिशा में प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। भारत में जब व्यक्तिगत फैशन की बात होती है, तो महिलाओं को महंगे कपड़े, असुविधाजनक प्रक्रिया, कपड़े बनाने के लिए अत्यधिक समय, डिज़ाइन को लेकर दर्जी से मतभेद जैसे कई समस्याओं का सामना करना होता है जिनका समाधान क्लाउड टेलर देने की कोशिश कर रहा है।
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