हमारे समाज में एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के लोगों को अपनी यौनिकता और लैंगिक पहचान की वजह से बहुत संघर्ष करना पड़ता है। तमाम चुनौतियों के बीच रूढ़िवादी सोच को पीछे छ़ोड़ते हुए ट्रांस समुदाय के लोग आगे बढ़ रहे हैं। शिक्षा से लेकर सिनेमा तक ट्रांस समुदाय के लोग अपनी प्रतिभा के दम पर नाम कमा रहे हैं। इस लेख के ज़रिये हम बात कर रहे हैं उन ट्रांस व्यक्तियों के बारे में जो साल 2023 में सुर्खियों में रहें।
1- मिस ट्रांस क्वीन इंडियाः अर्शी घोष
साल 2023 के लिए मिस ट्रांस क्वीन इंडिया का ख़िताब कोलकाता की 24 वर्षीय ट्रांस महिला अर्शी घोष को मिला। इस प्रतियोगिता का आयोजन 23 अप्रैल को नई दिल्ली में हुआ। प्रतियोगिता में देश के 14 अन्य प्रतियोगियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बाद उन्हें विजेता का ताज पहनाया गया। उन्होंने अपने आत्मविश्वास, सुंदरता और शालीनता से जजों को प्रभावित किया। जीत के बाद उन्होंने कहा था कि खिताब जीतना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। 19 साल की उम्र में अर्शी अपनी पहचान तलाशने के लिए मुंबई आयी, जहां उन्होंने मेकअप ऑर्टिस्ट का भी कोर्स किया। वह बेल्जियम में आयोजित मिस इंटरनैशनल ट्रांस ब्यूटी पैजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं।
2- ट्रांस टीचरः अग्नि और मारक्का
चेन्नई के पूनमल्ली के एक निजी स्कूल में दो ट्रांसजेंडर शिक्षक बच्चों को समावेशी परिवेश में पढ़ा रहे हैं। 28 वर्षीय अग्नि प्रदीप और 29 वर्षीय मारक्का क्लास में एक अपने विषय को पढ़ने के साथ-साथ बच्चों को देश में चल रही विविध राजनीतिक गतिविधियों से भी अवगत कराती हैं। वे अपनी कक्षा में बच्चों को लगभग हर रोज समाज की स्थिति, लैंगिक उत्पीड़न और सुप्रीम कोर्ट के नवीन फैसलों पर चर्चा और विचार-विमर्श करती है। कक्षा में न सिर्फ सामान्य ज्ञान की बातें बल्कि इतिहास के ज्ञान पर भी विषेष जोर देते हैं। दोनों ट्रांस टीचर अग्नि और मरक्का राइटर और कवि भी हैं। ये दोनों टीचर बच्चों को विशेष तौर पर जेंडर शिक्षा के बारे में शिक्षित कर रहे हैं और स्कूल में जेंडर न्यूट्रल भाषा के चलन को भी बना रहे है। इसके साथ ही अपने जीवन के संघर्षों की कहानियां भी प्रेरणा के तौर पर अपने छात्रों के साथ साझा करते है।
3-ट्रांस एक्टिविस्टः ग्रेस बानो
ग्रेस बानो एक दलित ट्रांस एक्टिविस्ट हैं जो देश में ट्रांस समुदाय के अधिकारों की मांग को उठाने वाली प्रमुख आवाज़ों में से एक है। वह जाति-विरोधी और ट्रांसजेंडर अधिकार आंदोलन में सबसे आगे हैं। वह ‘ट्रांस राइट्स नाउ कलेक्टिव’ की संस्थापक भी हैं। वह पहली ट्रांस व्यक्ति हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए स्कूल में एडमिशन लिया था। ट्रांस समुदाय की क्षैतिज आरक्षण की मांग है जिसके अनुसार उन्हें उनके जेंडर को आधार मानकर आरक्षण दिया जाए। ट्रांस समुदाय के लिए क्षैतिज आरक्षण की मांग के लिए देशभर में होने वाले विरोध प्रदर्शन हुए। चेन्नई में हुए प्रदर्शन में ग्रेस बानो समेत 17 सदस्यों को हिरासत में लिया गया। ट्रांस राइट्स कलेक्टिव ने राज्य सरकार से क्षैतिज आरक्षण की मांग के लिए प्रदर्शन निकाला था। ग्रेस बानो का कहना है कि हम शिक्षा और रोजगार में ट्रांस समुदाय के क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को कई आवदेन भेजे हैं। हालांकि, सरकार आज तक उस दिशा में आगे बढ़ने में विफल रही है।
4- केरल के ट्रांसजेंडर कपल जो बने पैरेंट
इसी साल केरल के एक ट्रांसजेंडर कपल का प्रेगनेंसी फोटोशूट चर्चा का विषय रहा। केरल के इस जोड़े ने पैरेंट बनने के अपने सफ़र के बारे में काफी सुर्खियों में रहा। केरल की रहने वाली 21 वर्षीय जिया पावल और उनके साथी 23 वर्षीय ज़हाद ने खुद का बच्चा पैदा करने का फैसला किया। इस जोड़े ने अपने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेगनेंसी की ख़बर साझा की जिसके बाद लोगों की काफी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिली। अपने इंस्टग्राम अकाउंट पर प्रेगनेंसी फोटोशूट को लेकर इस जोड़े ने काफी सुर्खियां बटोरी। इस जोड़े के यहां एक बेटी का जन्म हुआ। बीबीसी की ख़बर के अनुसार जिया अपनी कहानी बताते हुए कहती है कि वह एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार से आती हैं जहां उनको डांस नहीं करने देने के लिए उनके बाल तक काट दिए जाते थे। उनके परिवार ने उन्हें कभी भी क्लासिकल डांस सीखने की इजाजत नहीं दी। वही, जहाद एक ईसाई मछुआरे परिवार से संबंध रखते हैं। शुरुआती समय दोनों को अपने परिवार में कई स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ा था। में वो थिरुवनंतपुरम में रहा करते थे। हालांकि समय बीतने के साथ जहाद के परिवार ने उनको एक ट्रांसजेंडर के रूप में स्वीकार कर लिया है।
5- केरल की पहली ट्रांसजेंडर वकील- पद्मा लक्ष्मी
पद्मा लक्ष्मी केरल की पहली ट्रांस वुमन वकील हैं। केरल की राज्य बार काउंसिल ने पद्मा लक्ष्मी को पहली ट्रांस वकील के रूप में नामांकित किया है। उन्हें 19 मार्च, 2023 के एक समारोह में परिषद में शामिल किया गया। वह उन 1,500 लॉ ग्रेजुएट्स में से थीं जिन्हें समारोह में शामिल किया गया था। लक्ष्मी ने फिजिक्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया उसके बाद उन्होंने एलएलबी के लिए एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला लिया। पद्मा लक्ष्मी का लक्ष्य अब गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपने कानूनी कौशल का उपयोग करना है।
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