समाजकैंपस सोशल मीडिया के स्याह पक्ष को उजागर करती प्राची निगम की ट्रोलिंग 

सोशल मीडिया के स्याह पक्ष को उजागर करती प्राची निगम की ट्रोलिंग 

प्राची निगम उत्तर प्रदेश के सीतापुर की रहनेवाली हैं। वे सीता बाल विद्या मंदिर इंटर कालेज की छात्रा हैं। उन्होंने यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में टॉप किया है। उन्होंने 98.50 फीसदी यानी 600 में से 591 अंक हासिल करते हुए 55 लाख विद्यार्थियों में टॉप किया।

कल्पना कीजिए कि आप बहुत लगन और मेहनत से अपनी बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और जब नतीजा आता है, तो आप पाते हैं कि आपने परीक्षा में टॉप किया है। लेकिन साथ ही आप पाते हैं कि कुछ लोग आपकी इस उपलब्धि के लिए आपको बधाई देने के बजाए सोशल मीडिया पर आपको आपके रूप-रंग के लिए ट्रोल किया जा रहा है। कुछ ऐसा ही हुआ प्राची निगम के साथ, जिन्हें अपने चेहरे के अनचाहे बालों की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स की ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। किसी ने लिखा कि उन्हें खुद की ग्रूमिंग पर भी ध्यान देना चाहिए तो किसी ने लिखा कि उन्हें शेव कर लेना चाहिए और कम से कम एक महिला की तरह दिखने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ लोगों ने उनके मीम्स तक बना डाले और इंटरनेट पर उनकी तस्वीर का एआई वर्ज़न तक सर्कुलेट कर डाला। कुछ लोग ऐसे भी थे जिनकी टिप्पणी देखने में तो तारीफ़ लग रही थी, लेकिन यह भी बॉडी शेमिंग का ही एक तरीका होता है। जैसे कि कई यूजर्स ने लिखा कि मूछें होने के बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की।

कौन हैं प्राची निगम?

प्राची निगम उत्तर प्रदेश के सीतापुर की रहनेवाली हैं। वे सीता बाल विद्या मंदिर इंटर कालेज की छात्रा हैं। उन्होंने यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में टॉप किया है। उन्होंने 98.50 फीसदी यानी 600 में से 591अंक हासिल करते हुए 55 लाख विद्यार्थियों में टॉप किया। बता दें कि यूपी बोर्ड की गिनती देश के सबसे मुश्किल बोर्डों में होती है। लेकिन परिणाम घोषित होने के बाद प्राची की सफलता से ज्यादा उनके लुक्स पर नकारात्मक बातचीत होने लगी। उनके दिखने के तरीके पर उन्हें ट्रोल किया गया।

प्राची ने कहा कि, “मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी कामयाबी अब मेरी पहचान बन चुकी है। ट्रोलर्स अपना माइंडसेट अपने पास रखें, मुझे उनसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।”

महिलाओं में अनचाहे बाल आने की वजह 

महिलाओं में अनचाहे बालों का आना एक मेडिकल कंडीशन की वजह से होता है, जिसे हिरसुटिजम कहते हैं। ये अनचाहे बाल चेहरे, हाथ, पीठ या छाती कहीं भी आ सकते हैं। प्राची जैसी और भी की महिलाएं, लड़किया हैं, जो अनचाहे बालों का सामना करती हैं। इन्हीं में से एक महिला हरनाम कौर हैं, जिनके नाम पूरी दाढ़ी वाली सबसे कम उम्र की महिला होने का वर्ल्ड रिकार्ड है। उन्होंने अपने चेहरे पर उगनेवाले अनचाहे बालों को अपनी राह की रुकावट नहीं बनने दिया। आज वे एक म़ॉडल और मोटिवेशनल स्पीकर हैं और लोग उन्हें ‘दाढी वाली मॉडल’ कहकर बुलाते हैं। ठीक इसी तरह कुछ दिनों पहले इंडो एशियन न्यूज़ सर्विस के साथ हुई बातचीत में प्राची ने कहा कि, “मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी कामयाबी अब मेरी पहचान बन चुकी है। ट्रोलर्स अपना माइंडसेट अपने पास रखें, मुझे उनसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।”

सोशल मीडिया पर लोगों ने समर्थन भी किया

जहाँ कुछ लोगों ने प्राची को ट्रोल किया वहीं कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर ही ट्रोलर्स को जवाब देकर उनका मुँह बंद किया। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक यूज़र ने लिखा, “सुनने में आ रहा है कि लोग यूपी बोर्ड की टॉपर प्राची निगम का मज़ाक उड़ा रहे हैं क्योंकि उसने सैलून जाकर अपने चेहरे के बाल नहीं निकलवाए। इससे पता चलता है कि चाहे जो भी हो जाए लोग आपको नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।” वहीं एक-दूसरे यूज़र ने लिखा, “लोगों के लिए इस युवा लड़की प्राची निगम का उसके चेहरे के बालों की वजह से मज़ाक उड़ाना बहुत आसान है, जो हो सकता है हॉर्मोनल इम्बैलन्स की वजह से हो। क्या उन्होंने कभी सोचा है कि इस सबका इस छोटी बच्ची पर क्या असर पड़ सकता है?” 

ट्रोलिंग को लेकर क्या कहा प्राची ने  

सोशल मीडिया पर होनेवाली ट्रोलिंग एक गम्भीर समस्या है, जो इसका सामना करने वाले लोगों को आहत करती है, प्राची भी इससे आहत हुईं। उन्होंने कुछ दिन पहले ट्रोलर्स को जवाब तो दिया, लेकिन ऐसा नहीं है कि उन पर ट्रोलिंग का कोई असर नहीं हुआ। हाल ही में बीबीसी हिन्दी को दिए एक इंटरव्यू में वे अपने लुक्स को लेकर हुई ट्रोलिंग से आहत दिखाई दी। प्राची ने कहा, “फर्स्ट रैंक आने की वजह से तो वीडियो वायरल हुआ, लेकिन हमारी जो शारीरिक बनावट है उसकी वजह से वीडियो बहुत ही ज़्यादा वायरल हो गया। दो-तीन दिन तो ट्रेंडिंग में रहा वीडियो। लोगों ने कहा कि ये कैसे लड़की है, इसके मुँह पर हेयर्स बहुत सारे हैं। शायद एक दो नम्बर कम आ जाते तो इतनी फेमस भी ना होती, तब शायद ज़्यादा ठीक होता। मुझे हेयर्स के लिए इतना ट्रोल किया गया।” आगे उन्होंने कहा कि उन्हें ज़्यादा फ़र्क तो नहीं पड़ा क्योंकि वे पहले से ही लोगों को फेस करती आ रही हैं। 

क्या हो सकते हैं बॉडी शेमिंग के नकारात्मक प्रभाव

बॉडी शेमिंग का किसी व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर क्या असर पड़ता है, इसे समझने के लिए हमने बात की कानपुर की रहनेवाली 28 वर्षीय कंचन सिंह से बात की जो एक स्कूल में काउंसलर के पद पर कार्यरत हैं और किशोरावस्था से गुज़र रहे बच्चों की काउंसलिंग करती हैं। कंचन कहती हैं, “मेरे पास ऐसे बहुत से बच्चे आते हैं, जो बॉडी शेमिंग का सामना करते हैं। वे मुझसे सवाल करते हैं, “मैम, क्या सुन्दर दिखना बहुत ज़रूरी है?” किशोरावस्था में हर व्यक्ति सुन्दर और आकर्षक दिखना चाहता है। इस किस्म की नकारात्मक टिप्पणियां उनके आत्मविश्वास को कमज़ोर कर देती हैं। आगे वे बताती हैं कि इसका सामना करने वाला व्यक्ति लगातार हीनभावना से ग्रस्त हो जाते हैं। वे या तो आक्रामक हो जाते हैं, खुद को नुकसान पहुँचाने की प्रवृत्ति विकसित कर लेते हैं या फिर खुद को एकदम अलग-थलग कर लेते हैं और लोगों से घुलने-मिलने से कतराने लगते हैं। आगे चलकर उनका यह खुद को अलग-थलग करना अवसाद और सोशल फोबिया की वजह बनता है। 

हमने बॉडी शेमिंग की सामना कर चुकी हो चुकी कुछ महिलाओं से भी बात की और उनसे इसके प्रभाव को समझना चाहा। कानपुर के एक कॉलेज में परास्नातक की पढ़ाई कर रही 24 वर्षीय अनामिका स्कूल के दिनों से ही अपने छोटे कद की वजह से लोगों की टिप्पणियां सहती आ रही हैं। वे कहती हैं, “क्या होना चाहिए और क्या हो रहा है इसके बीच एक गहरी खाई है, जो कब भरेगी, पता नहीं। और अभी मीडिया ने औरत की जिस तरह की इमेज बना दी है, ऐसे में मुझे बहुत कम उम्मीद नज़र आती है कि कुछ बदलेगा भी।” इसका उन पर क्या असर पड़ा यह पूछने पर वे कहती हैं, “कहना आसान है कि लोगों को बोलने दो, लेकिन अभी भी इस किस्म की टिप्पणियां मुझे परेशान कर देती हैं, कभी-कभी लोगों को पलटकर जवाब दे देती हूँ तो कभी इग्नोर कर देती हूँ, लेकिन असर तो पड़ता ही है। घंटों वही बात दिमाग में घूमती रहती है। कुछ दिन हाई हील पहनने की कोशिश की लेकिन मेरे लिए उसे सम्भाल पाना मुमकिन नहीं है।”

लखनऊ में एक पीजी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही 27 वर्षीय आकांक्षा अपने छोटे ब्रेस्ट का हवाला देते हुए कहती हैं, “मेरी हाइट वगैरह सब सही है, बस मैं यहाँ से मोटी हो जाती तो अच्छा रहता।” आगे वे बताती हैं कि इसके लिए उन्होंने सबसे ज़्यादा ताने तो उनके खुद के परिवार की महिलाओं और क्लासमेट्स से सुने हैं। कॉलेज के दिनों में लड़कियां मुझे हंसी-मजाक में भी ऐसी टिप्पणियां करती थी जो मुझे टीस पहुंचाती थी। अक्सर मुझे बॉडी शेमिंग की जाती। मेरी बॉडी को लेकर भद्दी बातें की जाती थी।

अनामिका स्कूल के दिनों से ही अपने छोटे कद की वजह से लोगों की टिप्पणियां सहती आ रही हैं। वे कहती हैं, “क्या होना चाहिए और क्या हो रहा है इसके बीच एक गहरी खाई है, जो कब भरेगी, पता नहीं। और अभी मीडिया ने औरत की जिस तरह की इमेज बना दी है, ऐसे में मुझे बहुत कम उम्मीद नज़र आती है कि कुछ बदलेगा भी।”

मानसिकता में बदलाव है ज़रूरी 

प्राची ने जिस तरह की ट्रोलिंग का सामना किया ऐसी ट्रोलिंग हमारे समाज की कड़वी हकीकत है। इस समाज में जो भी व्यक्ति समाज के बनाए हुए सुंदरता के पैमानों पर फिट नहीं होता या जो किसी भी मायने में थोड़ा अलग होता है उसे ऐसी अनेकों टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। प्राची अभी किशोरावस्था की दहलीज़ पर हैं। किशोरावस्था में वैसे भी हम अपने आप को लेकर बहुत संवेदनशील होते हैं, ऐसे में इस किस्म की टिप्पणियां उन पर क्या असर डाल सकती हैं एक समाज के तौर पर हमें इस बारे में विचार करने की ज़रूरत है। हमें एक ऐसा समाज बनाने की दिशा में काम करना चाहिए जहाँ लोगों पर समाज के सामने खुद को साबित करने का दबाव न हो। उन्हें खुद में मौजूद कथित कमी, चाहे वह रूप-रंग से जुड़ी हो या कुछ और हो, की भरपाई के लिए समाज के सामने खुद को बार-बार साबित न करना पड़े, बल्कि वो जैसे हैं समाज में उन्हें उसी रूप में स्वीकार किया जाए और उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर मूल्यवान और महत्त्वपूर्ण माना जाए। 


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