स्वास्थ्यशारीरिक स्वास्थ्य स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में सुरक्षा और समर्थन पर बात करने की जरूरत  

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में सुरक्षा और समर्थन पर बात करने की जरूरत  

गर्भपात की गोलियों का उपयोग अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित होता है। इसमें सभी उम्र के लोग, पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाएं, माँ बन चुकी महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, जेंडर नॉन बाइनरी, एचआईवी, डायाबीटीज़ या अस्थमा जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित लोग शामिल हैं।

मेडिकल गर्भपात (चिकित्सकीय अबॉर्शन) या स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात (सेल्फ सेल्फ मैनेज्ड मेडिकल अबॉर्शन) गोलियों के साथ गर्भपात (अबॉर्शन) माइफप्रिस्टॉन और मिसोप्रॉस्टल को एक साथ या सिर्फ मिसोप्रॉस्टल का उपयोग करके गर्भावस्था को समाप्त करने की प्रक्रिया है। विशेषज्ञों के अनुसार दोनों ही तरीका सुरक्षित और प्रभावी होती हैं। मेडिकल गर्भपात दुनिया भर में गर्भपात का एक आम तरीका बन गया है। हालांकि आज भी इससे रूढ़ियां और मिथक जुड़े हैं।

गर्भपात से संबंधित मोरबीटीडी और मृत्यु दर में वैश्विक गिरावट का श्रेय स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात को दिया जाता है। दुनिया भर में स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात को उचित प्रशिक्षण वाले कई स्वास्थ्य चिकित्सकों द्वारा समर्थित किया जा सकता है। स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात के दौरान और बाद में लोगों को शारीरिक और मानसिक समर्थन और मदद की जरूरत होती है। यह समर्थन उनके स्वास्थ्य और उनके भावनात्मक कल्याण के लिए बेहद जरूरी है।

असल में गर्भपात के दौरान देखभाल क्लिनिकल प्रबंधन से कहीं ज्यादा जरूरी है व्यक्ति का सम्मान, स्वायत्तता और निजता। जब लोग गर्भपात कराना चाहते हैं, तो उनके सामने कई तरह के सवाल, चिंताएं और ज़रूरतें होती हैं।

हमारे समाज में गर्भपात एक कलंकित मुद्दा बना हुआ है। यह सुरक्षित गर्भपात तक पहुंच में बाधा डाल सकता है। विशेष रूप से गरीबी में रहने वाले लोगों या उन जगहों पर जहां प्रभावी गर्भनिरोधक और सुरक्षित गर्भपात तक पहुंच सीमित या उपलब्ध नहीं है। असल में गर्भपात के दौरान देखभाल क्लिनिकल प्रबंधन से कहीं ज्यादा जरूरी है व्यक्ति का सम्मान, स्वायत्तता और निजता। जब लोग गर्भपात कराना चाहते हैं, तो उनके सामने कई तरह के सवाल, चिंताएं और ज़रूरतें होती हैं।

फेमिनिज़म इन इंडिया के लिए रितिका बैनर्जी

अक्सर गर्भपात तक पहुंच हो तो भी, इसके तुरंत बाद जीवन में शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से पहले की तरह शामिल होना मुश्किल हो सकता है। स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात देखभाल के बारे में जानकारी का अभाव भी एक बड़ी समस्या है। HowToUseAbortionPill के माध्यम से आप स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात पर विश्वसनीय जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में जरूरी है कि लोगों का इस दौरान अनुभव सकारात्मक और आरामदायक हो। इसलिए, दवाइयों से गर्भपात के दौरान लोगों को गर्भपात के दौरान होने वाले लक्षणों, दुष्प्रभावों, उन्हें मैनेज करने के उपाय और जटिलताओं के संकेतों की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे उसकी पहचान कर सकें। HowToUseAbortionPill के वेबसाईट पर आप स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में देखभाल, दुष्प्रभावों, जटिलताओं और सुरक्षा से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात के संभावित लक्षणों को मैनेज कैसे करें

  • रक्तस्राव- गर्भपात की गोलियों से रक्तस्राव और ऐंठन होती है, जो दवा के प्रभावी होने का संकेत है। मिसोप्रॉस्टल लेने के 3 घंटे के भीतर अधिकांश लोगों में रक्तस्राव शुरू हो जाता है, जो 4-6 घंटे के बाद सबसे ज्यादा होता है और 24 घंटों के भीतर धीमा पड़ने लगता है। 
  • ऐंठन- गर्भपात के दौरान ऐंठन सामान्य होती है और मिसोप्रॉस्टल के 30 मिनट बाद शुरू हो जाती है। यह संकेत है कि गर्भाशय सिकुड़ रहा है और भ्रूण को बाहर निकाल रहा है। ऐंठन से हल्के से लेकर गंभीर दर्द हो सकता है, जो मिसोप्रॉस्टल लेने के 4-8 घंटे के बाद अधिकतम होता है। 
  • गर्भपात के सामान्य दुष्प्रभावों में मतली और उल्टी, चक्कर आना, दस्त और बुखार और ठंड लगना शामिल हैं। कुछ लोगों को मतली और उल्टी हो सकती है और मिसोप्रॉस्टल का उपयोग करने के 2 से 6 घंटे बाद ठीक हो जाना चाहिए। मिसोप्रॉस्टल के उपयोग के बाद चक्कर आना भी एक आम अनुभव है। खाना, हाइड्रेटेड रहना और लेटना आमतौर पर मदद करता है। मिसोप्रॉस्टल दस्त का कारण भी बनता है। हालांकि यह एक दिन के भीतर अपने आप ठीक हो जाना चाहिए। मिसोप्रॉस्टल के इस्तेमाल के बाद ठंड लगने के साथ अस्थायी बुखार आना आम बात है।

यह महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति को जानकारी हो कि यदि उसे चिकित्सा देखभाल की जरूरत है, तो उसे यह कहने की जरूरत नहीं है कि उसने गर्भपात की गोलियाँ ली हैं। लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए, अपनी एजेंसी बनाए रखते हुए, यदि ऐसी कोई समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।  

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में जटिलताओं का देखभाल

फेमिनिज़म इन इंडिया के लिए रितिका बैनर्जी

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में आम तौर पर जटिलताएं नहीं होती। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि लोग शुरुआती चेतावनी संकेतों के बारे में जागरूक हों ताकि वे खुद की सही देखभाल कर सकें। कुछ संकेतों में जल्द से जल्द एक प्रशिक्षित चिकित्सक के सलाह लेनी चाहिए। इनमें ये कारक शामिल हैं-

  • मिसोप्रॉस्टल के बाद कोई या बहुत कम रक्तस्राव होना। यह चिकित्सा गर्भपात की गोलियों की विफलता का संकेत हो सकता है या एक्टोपिक गर्भावस्था का संकेत हो सकता है।
  • गर्भपात पूरा होने के बाद भी गर्भावस्था के लक्षण बने रहना।
  • लगातार दो घंटों तक प्रति घंटे दो से अधिक सैनिटरी पैड की जरूरत, जो संभावित रक्तस्राव का संकेत है और इसके लिए तत्काल आपातकालीन देखभाल की जरूरत होगी।
  • मिसोप्रॉस्टल के सेवन के अगले दिन पेट में तेज दर्द होना।
  • बुखार के साथ या बिना बुखार के बहुत बीमार महसूस करना, और 24 घंटे से अधिक समय तक लगातार गंभीर मतली, उल्टी या दस्त होना।
  • योनि से दुर्गंध या स्राव आना।
  • 38°C (100.4°F) या उससे अधिक बुखार होना, या मिसोप्रॉस्टल के उपयोग के अगले दिन भी बुखार बना रहना।

यह महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति को जानकारी हो कि यदि उसे चिकित्सा देखभाल की जरूरत है, तो उसे यह कहने की जरूरत नहीं है कि उसने गर्भपात की गोलियाँ ली हैं। लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए, अपनी एजेंसी बनाए रखते हुए, यदि ऐसी कोई समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। अगर आप अपनी समस्याओं के लिए निश्चित नहीं हैं, तो HowToUseAbortionPill की ऐली चैटबॉट से अपने लक्षणों के आधार पर सही जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।     

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात के लिए आगे बढ़ने से पहले, कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का पता लगाना जरूरी है। गर्भावस्था की पुष्टि करना; स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात की प्रक्रिया का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात के लिए सुरक्षा उपाए

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात के लिए आगे बढ़ने से पहले, कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का पता लगाना जरूरी है। गर्भावस्था की पुष्टि करना; स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात की प्रक्रिया का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। नियमित पीरियड्स वाले लोगों में ‘गर्भावस्था’ जांचने का सबसे आम और आसान लक्षण है पीरियड्स का न आना। इसके लोग यूरिन प्रेग्नन्सी टेस्ट का उपयोग कर सकते हैं, जो पीरियड्स की अपेक्षित तारीख से कम से कम 7 दिनों बाद सबसे सटीक नतीजे देता है। गर्भावस्था की पुष्टि के बाद, प्रेग्नन्सी की अवधि का अनुमान लगाना जरूरी है। गर्भपात की दवाओं की सही खुराक तय करने के लिए यह जरूरी है। 

मौजूदा स्वास्थ्य समस्या को ध्यान में रखना है जरूरी

गर्भपात की गोलियों का उपयोग अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित होता है। इसमें सभी उम्र के लोग, पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाएं, माँ बन चुकी महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, जेंडर नॉन बाइनरी, एचआईवी, डायाबीटीज़ या अस्थमा जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित लोग शामिल हैं। लेकिन यह समझ और जान लेना जरूरी है कि आपको कोई मौजूदा स्वास्थ्य समस्या है या नहीं। इसके अलावा स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात से पहले कुछ परिस्थिति की जांच कर लेना जरूरी है।

फेमिनिज़म इन इंडिया के लिए रितिका बैनर्जी
  • अनियमित रक्तस्राव या पेट के एक तरफ दर्द: यह स्थिति एक्टोपिक गर्भावस्था का संकेत हो सकती है, जिसमें गर्भावस्था गर्भाशय के बाहर विकसित होती है। एक्टोपिक गर्भधारण को समाप्त करने के लिए चिकित्सा गर्भपात उपयुक्त नहीं है और यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
  • रक्तस्राव विकार या गंभीर एनीमिया: ऐसी स्थिति में लोगों के लिए दवाओं के साथ गर्भपात करना सुरक्षित है, लेकिन इसके लिए थोड़ी अधिक निगरानी की जरूरत हो सकती है।
  • अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी) और अनुपचारित एसटीआई: यदि किसी व्यक्ति ने आईयूडी का इस्तेमाल किया है, तो गर्भपात की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इसे हटाना जरूरी है।
  • अनुपचारित एसटीआई वाले लोगों के लिए भी गर्भपात की गोलियां लेना जोखिम भरा है। 

चैटबॉट के माध्यम से सुरक्षित गर्भपात की जानकारी

इंटरनेट पर सुरक्षित गर्भपात के बारे में जानकारी खोजना मुश्किल भरा काम हो सकता है। साथ ही, इतनी सारी जानकारी होने के कारण, दिए गए जानकारी की सच्चाई जांचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए आज कई कंपनियां अपने चैटबॉट और वेबसाईट के माध्यम से सेल्फ मैनेज्ड मेडिकल गर्भपात की जरूरी जानकारी देती है, ताकि लोगों तक इसकी पहुंच हो, लोग इसका इस्तेमाल कर सकें और सुरक्षित रहें। HowToUseAbortionPill की ऐली चैटबॉट लोगों को गोलियों के साथ सुरक्षित गर्भपात से संबंधित हर जानकारी पर शोध करते समय उस खोज को सुविधाजनक और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक डिजिटल टूल है।

गर्भपात की गोलियों का उपयोग अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित होता है। इसमें सभी उम्र के लोग, पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाएं, माँ बन चुकी महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, जेंडर नॉन बाइनरी, एचआईवी, डायाबीटीज़ या अस्थमा जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित लोग शामिल हैं।

यह चैटबॉट है व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम डीएम या इनके वेबसाइट howtouseabortionpill.org के माध्यम से गोलियों के साथ गर्भपात के बारे में विश्वसनीय और व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। चैटबॉट ऐली से बातचीत करने के लिए, आपको यह नंबर +1833 221-2559 सेव करना होगा या howtouseabortionpill.org लिंक को खोलना होगा जो आपको चैटबॉट में व्हाट्सएप लिंक पर रीडायरेक्ट करेगा। ऐली सुरक्षित गर्भपात चैटबॉट है जो हफ्ते के सभी दिन 24 घंटे उपलब्ध है। 

स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात और और सामान्य गर्भपात के बीच अंतर बताने का कोई तरीका नहीं है। यदि कोई व्यक्ति चाहे, तो वह बस इतना कह सकते हैं कि उन्हें अपनेआप रक्तस्राव शुरू हो गया। इसलिए, स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में जरूरी है कि लोगों के पास योजना तैयार रहे, सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था तक पहुंच हो और साथ ही निजी तौर पर समर्थन मिले।

(यह लेख HowToUseAbortionPill और फेमिनिज़म इन इंडिया की पार्टनशिप के तहत लिखा गया है। HTU गर्भपात पिल्स से जुड़े तथ्य, रिसोर्स जैसे गर्भपात पिल्स लेने से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, ये पिल्स कहां उपलब्ध हो सकती हैं, इनका इस्तेमाल कैसे किया जाए और कब चिकित्सक की ज़रूरत पड़ सकती है, जैसी जानकारियां साझा करने का काम करता है। HTU का सेफ़ गर्भपात असिस्टेंट Ally गर्भपात पिल्स से जुड़ी सभी जानकारियों पर आपकी मदद के लिए 24/7 उपलब्ध है। साथ ही फ्री वॉट्सऐप  नंबर +1 (833) 221-255 और  http://www.howtouseabortionpill.org/के ज़रिये भी आप मदद ले सकते हैं)

Leave a Reply

संबंधित लेख

Skip to content