आईसीसी का महिला विश्व कप चल रहा था, साल था 2017। भारत का पहला मैच था इंग्लैंड की टीम के खिलाफ। वह मैच दो कारणों की वजह से क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना। ग्रुप स्टेज का अपना पहला मैच खेल रही भारतीय टीम का इस मैच में जीत दर्ज कर लेना दूसरी वजह थी। मगर जो पहली वजह थी वह थी इस मैच से वायरल हुई मिताली की एक तस्वीर। उस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतते हुए भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था। भारतीय खिलाड़ी टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में बढ़िया प्रदर्शन कर रहे थे। भारत का एक विकेट गिर चुका था और टू डाउन मिताली को जाना था। मिताली बल्लेबाजी के लिए तैयार बैठीं थीं। इस बीच जब कैमरा उनपर जाकर टिका, तो उस वक़्त दुनिया ने भविष्य में काफी चर्चित होने वाली तस्वीर को पहली बार देखा।
दरअसल, उस पल बल्लेबाजी के लिए तैयार, पैरों पर पैड्स बांधे मिताली एक किताब पढ़ रही थीं। उनके चेहरे पर उस वक़्त कोई चिंता के भाव नज़र नहीं आ रहे थे। उस किताब में मिताली खोई हुई और अपने लक्ष्य पर बेहद केंद्रित जान पड़ रही थीं। साल 2017 आईसीसी महिला विश्व कप के दौरान ली गई वह तस्वीर बहुत चर्चित हुई। मिताली ने बाद में किताबों के प्रति अपने प्रेम को लेकर बात भी की थी। उन्होंने बताया था कि उन्हें पढ़ने का काफी शौक है और वह बल्लेबाज़ी करने से पहले भी पढ़ना पसंद करती हैं। उन्होंने बताया कि किताब पढ़ना मैदान पर उतरने से पहले उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। चूंकि मैच के दौरान किन्डल मौजूद नहीं रहता, इसलिए उन्होंने फील्डिंग कोच से रूमी की किताब, ‘life’s essentials’ ली थी और वह उस वक़्त वही पढ़ रही थीं।
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इसके पहले मिताली उसी टूर्नामेंट के दौरान एक रिपोर्टर को उसके सेक्सिस्ट सवाल का करारा जवाब देने के कारण सुर्खियों में थीं। दरअसल मिताली से एक रिपोर्टर ने सवाल किया था कि उनका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन हैं? यह सुनते ही उन्होंने एकदम सुर्ख लहजे में कहा था, “क्या आप कभी पुरुष क्रिकेटर से पूछते हैं कि उसकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है?” इतना कहकर मिताली ने रिपोर्टर का मुंह बंद कर दिया था।
200 वनडे मैच खेलने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर मिताली राज हैदराबाद से हैं। वह बीते 14 मार्च को वनडे इंटरनेशनल में 7000 रन पूरा करने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर बन गई। इस महान क्रिकेटर के नाम इस रिकॉर्ड के अलावा भी कई रिकार्ड्स दर्ज हैं। बैटिंग के मामले में किसी रिकॉर्ड होल्डर का नाम यदि न पता हो तो मिताली राज का नाम एक सेफ गेस रहेगा। उस दिन जब वह किताब पढ़कर बैटिंग करने उतरी थीं तब उन्होंने 71 रनों की पारी खेली थी और वह भी एक रिकॉर्ड ही था। 50-ओवर फॉर्मेट में लगातार सातवीं बार हाफ सेंचुरी पूरा करने का रिकॉर्ड। उनके नाम महिला वनडे इंटरनेशनल मैचों में सबसे ज्यादा हाफ सेंचुरी मारने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। मिताली एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं जिसने भारत की वनडे इंटरनेशनल वर्ल्ड कप फाइनल में दो बार कप्तानी की है।
मिताली से एक रिपोर्टर ने सवाल किया था कि उनका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन हैं? यह सुनते ही उन्होंने एकदम सुर्ख लहजे में कहा था, “क्या आप कभी पुरुष क्रिकेटर से पूछते हैं कि उसकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है?”
जून 2018 में हुए महिला टी-20 विश्व कप में, वह टी-20 में 2,000 रन पूरे करने वाली भारत की पहली क्रिकेटर (महिला पुरुष दोनों में) बनीं। 2018 के इसी टी-20 विश्व कप के दौरान हुए एक किस्से ने मिताली को एक बार फिर सुर्ख़ियों में लाया। ग्रुप स्टेज के अपने सारे मैच जीतने के बाद सेमी फाइनल में भारत का सामना था इंग्लैंड से मगर क्रिकेट के जानकारों में हल्ला तब मच गया था जब टी-20 फॉर्मेट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाली मिताली को प्लेयिंग एलेवेन में जगह नहीं मिली थी। उन्होंने ग्रुप स्टेज के मैचों में भी बढ़िया प्रदर्शन किया था। वह मैच भारत हार गया था। इंग्लैंड ने वह मैच 8 विकेट से अपने नाम कर लिया था। मैच के बाद टीम की कप्तान, हरमनदीप कौर और टीम कॉम्बिनेशन पर बहुत सवाल खड़े हुए थे। टीम के कोच भी सवालों के घेरे में थे। रिपोर्ट्स में यह भी अनुमान लगाया जा रहा था कि मिताली और टीम की कप्तान के बीच तनातनी भी इसकी वजह हो सकती है। उस विवाद के बाद ही मिताली ने अपने टी20 क्रिकेट करियर से रिटायर होने का मन बना लिया था। 89 मैचों मे से 32 मैचों में कप्तानी करके 2364 रनों का अंबार खड़ा करने वाली इस महिला क्रिकेटर ने आखिरकार सितंबर 2019 में रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। फिलहाल वह वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं।
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मिताली को खेल में अपने योगदान के कारण भारत सरकार ने साल 2003 में अर्जुन अवार्ड से और साल 2015 में पद्म श्री से सम्मानित किया था। साल 2017 में ही उन्हें “Youth Sports Icon of Excellence Award” और “वोग स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द इयर” अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्हें “Wisden Leading Women Cricketer in the World” और “बीबीसी 100 वीमेन” में भी जगह साल 2017 में ही मिली थी। मिताली का जन्म 3 दिसंबर 1982 को जोधपुर, राजस्थान में एक तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जी का नाम दोराई राज है और वह भारतीय वायु सेना में थे। मिताली बताती हैं कि शुरुआती दिनों में उनके पिताजी ने उन्हें एक घोड़े की माफिक ट्रेनिंग दी है। आठ साल की उम्र में उनके आलसपन से परेशान उनके पिताजी ने उन्हें भाई के साथ क्रिकेट कोचिंग सेशन्स में भेजना शुरू कर दिया था। जल्द ही करीब 10 साल की उम्र में मिताली ने क्रिकेट को ऐसा अपनाया कि भरतनाट्यम सीखना पसंदीदा होते हुए भी छोड़ दिया ताकि सिर्फ क्रिकेट पर फोकस किया जा सके।
भारत जैसे ‘क्रिकेट क्रेज़ी’ देश में महिला क्रिकेट का भी वही हाल है जैसा बाकी वर्क प्लेसेज़ का। एक पुरुष क्रिकेटर की जहां एक मैच की फीस आज लाखों-करोड़ों में है। वहीं, महिला क्रिकेटर्स की सालाना आय अधिकतम 50 लाख है। अक्टूबर 2019 से सिंबर 2020 तक के समय के लिए महिला क्रिकेटरों के लिए बीसीसीआई द्वारा नवीकृत कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार कुल 22 महिलाओं को A, B और C ग्रेड की केटेगरी में बांटा गया था जिसमें A ग्रेड लिस्ट की महिलाओं की सालाना आय 50 लाख, B ग्रेड लिस्ट की महिलाओं की 30 लाख और C ग्रेड लिस्ट महिलाओं की 10 लाख निर्धारित की गई थी। यह भेदभावपूर्ण व्यवहार इस पितृसत्तात्मक समाज की ही देन है। मगर ऐसे पितृसत्तात्मक समाज में लोगों द्वारा गठित रूढ़िवादी ढर्रे को तोड़तीं विश्व की सभी महिला क्रिकेटर्स वास्तविक तौर पर तारीफ़ की हकदार हैं और मिताली राज इन सभी में एक सुनहरा नाम।
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तस्वीर साभार : The Sentinel