मल्टीमीडियाइन्फोग्राफिक्स कोविड-19 से जुड़ी इन पांच बातों को कीजिए ‘अनलर्न’

कोविड-19 से जुड़ी इन पांच बातों को कीजिए ‘अनलर्न’

आए दिन हमें इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर कोरोना से जुड़ी भ्रामक जानकारियां देखने को मिल ही जाती हैं। ऐसे में आज फेमिनिज़म इन इंडिया के इस लेख के ज़रिए जानिए कोविड-19 से जुड़ी पांच ऐसी बातें जिन्हें अनलर्न करने की ज़रूरत है।

जितनी तेज़ी से हमारे देश में कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण फैल रहा है, उतनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना महामारी, वैक्सीन, इसके इलाज और इससे संबंधित अन्य मुद्दों पर फेक न्यूज़, गलत जानकारियों का संक्रमण। आए दिन हमें इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर कोरोना से जुड़ी भ्रामक जानकारियां देखने को मिल ही जाती हैं। ऐसे में आज फेमिनिज़म इन इंडिया के इस लेख के ज़रिए जानिए कोविड-19 से जुड़ी पांच ऐसी बातें जिन्हें अनलर्न करने की ज़रूरत है।

1- वैक्सीन लगाने के बाद मास्क लगाने की ज़रूरत नहीं है।

गलत : क्या आप जानते हैं कि वैक्सीन लगाने के बाद भी लोग कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित हुए हैं। वैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए मास्क पहनना बेहद ज़रूरी है। हालाँकि कोविड-19 की वैक्सीन लोगों को इस जानलेवा बीमारी से बचाने में सक्षम तो है, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि वह एक प्रतिरक्षित व्यक्ति में वायरस को जड़ से रोकने और फिर दूसरों तक फैलने से कितनी अच्छी तरह से रोकते हैं।

2- मेरे इलाके में कोविड-19 के मामले कम है तो मुझे वैक्सीन की ज़रूरत नहीं है।

गलत : क्या आप जानते हैं कि आपका वैक्सीन लगवाना कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को रोकने की ओर एक कदम हो सकता है। अपने इलाके में कोविड-19 के कम मामलों के कारण वैक्सीन ना लगवाना एक तरह से कोविड-19 के ख़तरे को बढ़ावा देना ही है। कम केस और वैक्सीन न लगवाने का आपस में कोई सीधा संबंध नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक़, अगर बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण की प्रक्रिया में भाग लेंगे तो काफी हद तक कोविड-19 के संक्रमण को रोका जा सकता है।

3- कोविड-19 का सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही असर पड़ता है मानसिक स्वास्थ्य पर नहीं।

गलत : कोविड-19 से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ता है। लॉकडाउन के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन ‘किरण’ पर 16 सितंबर, 2020 से लेकर 15 जनवरी, 2021 तक 13,550 कॉल आए। इनमें 70.5 फीसद पुरुष और 29.5 फीसद महिलाओं के कॉल थे और अधिकतर लोगों ने तनाव या चिंता से ग्रसित होने की सूचना दी थी।

4- महिलाओं को पीरियड्स से 5 दिन पहले और 5 दिन बाद वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए, क्योंकि पीरियड्स के दौरान प्रतिरक्षा यानि इम्यूनिटी काफी कम होती है।

गलत : कोविड -19 की वैक्सीन का और महिलाओं के पीरियड्स से कोई सीधा संबंध है ऐसा किसी रिसर्च में नहीं कहा गया है। ऐसी कोई ठोस रिसर्च या रिपोर्ट अब तक जारी नहीं की गई जो यह कहे कि पीरियड्स के दौरान वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। मुंबई के नमाहा अस्पताल की स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर मुंजाल कपाड़िया के मुताबिक, पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के दौरान आप वैक्सीन लगवा सकते हैं, पीरियड्स इम्यूनिटी को प्रभावित नहीं करते हैं।

5- कोविड-19 के कारण अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाओं समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के लिए सरकार को दोष देना सही नहीं है।

गलत : क्या आप जानते हैं कि किसी भी आपदा या महामारी से निपटने के लिए देश की बुनियादी स्वास्थ्य व्यवस्था को ना बनाए रखने पर सरकार को सवालों के घेरे में रखना एकदम सही है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में स्वास्थ्य सेवा की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की है। अगर सरकार अपनी जनता की स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाती है तो उसके लिए उसे दोष देना या उससे सवाल करना देशद्रोह नहीं है बल्कि ऐसा करके सरकार को समय-समय पर उसकी ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाना एक आम नागरिक की जिम्मेदारी है।


तस्वीर साभार : New York Times

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