जन्म नियंत्रण या कांट्रासेप्शन, मनुष्य जीवन की एक बहुत बड़ी जरूरत है। बदलते समय के साथ हमारी जरूरतों में भी बदलाव आता है। बदलती ज़रूरतें नए उपकरणों की मांग करती हैं। जब बात संभोग यानी सेक्स के दौरान कांट्रेसेप्शन के इस्तेमाल की होती है तो सबसे आसान तरीका यही कहता है कि पुरुष कॉन्डम इस्तेमाल करें, पर यह भी एक पुरुष के ऊपर ही होता है कि वह इसका इस्तेमाल करेगा या नहीं। बाजार में कई तरह के कांट्रेसेप्शन उत्पाद मौजूद हैं जैसे फीमेल कॉन्डम, गोलियां, इंजेक्शन (शॉट) मिनी पिल आदि।
आवश्यक बात यह है कि ज्यादातर लोगों को बाजार में उपलब्ध नए और असरदार कांट्रेसेप्शन के बारे में बेहद कम जानकारी है। जानकारी के अभाव के कारण लोग बाजार में उपलब्ध नए कांट्रेसेप्शन विकल्प के इस्तेमाल से घबराते और डरते हैं। नए कांट्रासेप्शन की जानकारी न होने के कारण लोग आम तरीकों यानी ज्यादातर गर्भनिरोधक गोलियों तक पर ही निर्भर रह जाती हैं जिसका उनके शरीर पर बुरा असर भी पड़ता है। ऐसे में ज़रूरी है कि लोगों को गर्भनिरोध के नए उपकरणों की जानकारी हो ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार इनका इस्तेमाल कर सकें। बाजार में एक नये गर्भनिरोधक उपकरणों में से एक है वजाइनल रिंग। वजाइनल रिंग भी बाकी कांट्रेसेप्टिव्स की तरह बर्थ कंट्रोल यानी गर्भ नियंत्रण का काम करती है।
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बर्थ कंट्रोल रिंग यानी वजाइनल रिंग क्या है
वजाइनल रिंग एक लचीला गोलाकार उपकरण है जिसे वजाइना यानी योनि के अंदर लगाया जाता है। यह योनि की दीवार के माध्यम से रक्त प्रभाव में धीरे-धीरे हार्मोन जारी करता है। यह हार्मोन गर्भावस्था को रोकने में मदद करते हैं। वजाइनल रिंग या बर्थ कंट्रोल रिंग में हार्मोन प्रोजेस्ट्रॉन और एस्ट्रोजन का संयोजन होता है जो ओव्यूलेशन को रोकता है।
वजाइनल रिंग का इस्तेमाल कैसे करें
वजाइनल रिंग का उपयोग करना बहुत ही आसान है। बर्थ कंट्रोल रिंग को वजाइना में महीने में एक बार लगाना होता है। हर महीने में माहवारी यानी पीरियड के दौरान इसे बाहर निकाल सकते हैं। इसे वजाइना में लगाने से पहले यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि इसकी समाप्ति तारीख (एक्सपायरी डेट) कहीं निकल तो नहीं गई है। बर्थ कंट्रोल रिंग को वजाइना में लगाने से पहले हाथों को साबुन या हैंड वॉश से अच्छे से धो लें। उसके बाद रिंग को दबाते हुए वजाइना में धीरे-धीरे डालें। बाद में चलने-फिरने से रिंग खुद अपनी जगह पर व्यवस्थित हो जाती है। सेक्स के दौरान या अन्य गतिविधियों के दौरान इसे बाहर निकालने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह इन गतिविधियों में गलत प्रभाव नहीं डालती ना ही इससे कोई परेशानी होती है।
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वजाइनल रिंग का उपयोग कौन कर सकता है
वजाइनल रिंग का उपयोग उनके लिए अच्छा है जो नियमित रूप से जन्म नियंत्रण गोली का सेवन नहीं कर पाते हैं या जिन्हें गोलियां खाने में असुविधा होती है। वैसे तो वजाइनल रिंग सभी महिलाओं के लिए उपयोगी और सुरक्षित है, लेकिन जिन्हें गंभीर हाई बीपी और कैंसर जैसी बीमारियां है तो वह वजाइनल रिंग के प्रभाव को कम कर सकते है। जिन्हें बिना पीरियड्स के रक्त स्त्राव होता है या जो गर्भवती होना चाहती हैं उनको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए या इसका इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए।
वजाइनल रिंग के फायदे
- इस रिंग का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है और यह इस्तेमाल करने में सुरक्षित भी है।
- पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐठन को कम या दूर करने का काम करती है।
- इसके इस्तेमाल से गर्भनिरोधक गोलियों के नियमित सेवन से बचा जा सकता है।
- इसको महीने में एक बार ही बदलना होता है।
- गर्भावस्था से बचने के लिए हर महीने एक नई वजाइनल रिंग का इस्तेमाल करना जरूरी है।
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वजाइनल रिंग के नुकसान
- यदि आप व्यस्त जिंदगी जीते हैं तो बर्थ कंट्रोल रिंग के नकारात्मक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कुछ लोगों को रिंग उपयोग करने के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है क्योंकि वजाइनल रिंग वजाइना में जाने के लिए एक सही जगह होनी जरूरी है। इस रिंग के शुरुआती इस्तेमाल से सिर दर्द, मतली (जी मिचलाना), खराश आदि समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन समय के साथ एक से दो महीने में ठीक हो जाती है। यदि ये समस्याएं तीन माह से अधिक होती है तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
डॉक्टर की सलाह
- रिंग का उपयोग करने के दौरान गर्भवती होने की संभावना कुछ प्रतिशत तक हो सकती है।
- योनि स्त्राव की गंध या रंग में परिवर्तन हो सकता है।
- बुखार आना या ठंड लगना इसका एक प्रभाव हो सकता है।
- लंबे समय तक योनि से भारी मात्रा में स्त्राव होना।
- गंभीर सिर का दर्द होना।
- रक्त के थक्के जमने जैसे लक्षण।
- पैरों के तलवों में सीने में दर्द होना।
वजाइनल रिंग का इस्तेमाल सही तरीके और दिए गए निर्देश अनुसार करने से गर्भवती होने की संभावना काफी कम रहती हैं। बाजार में उपलब्ध कॉन्ट्रेसेप्शन के नए उपकरण काफी आसान और लाभदायक है। इनके इस्तेमाल से पहले यह बहुत आवश्यक है कि डॉक्टर का परामर्श जरूर लें।
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तस्वीर साभारः YouGov India
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