समाजकानून और नीति बलात्कार के 96% मामलों में आरोपी सर्वाइवर के परिचित थे: NCRB

बलात्कार के 96% मामलों में आरोपी सर्वाइवर के परिचित थे: NCRB

मैरिटल रेप पर कानून के विरोध और घर-रिश्तों को सुरक्षा कवच बताने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि हाल में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का जो डेटा सामने आया है उसके अनुसार भारत के 96 प्रतिशत बलात्कार के दर्ज मामलों में महिला के जानकारों ने ही उनके साथ हिंसा की है। 

इस साल की शुरुआत में दिल्ली हाईकोर्ट में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग से संबंधित याचिकाओं पर एक अहम सुनवाई चल रही थी। इससे अलग सोशल मीडिया पर अलग बहस चल रही थी। #MaariageStrike के साथ भारतीय मर्द शादी नहीं करने का ऐलान कर रहे थे। ट्रेंड में कहा जा रहा था कि उन पर झूठे आरोप लगेंगे, उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। 

दूसरी ओर भारतीय परिवेश में लोग यह भी कहते हैं कि घर और रिश्ते महिलाओं के लिए संरक्षण प्रदान करते हैं। घर में महिलाओं के साथ हिंसा नहीं होती है यह कोरी बकवास है। ब्राह्मणवादी पितृसत्तात्मक सोच के अनुसार महिलाओं के लिए घर-परिवार सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है। यहां मैरिटल रेप पर कानून के विरोध और घर-रिश्तों को सुरक्षा कवच बताने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि हाल में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का जो डेटा सामने आया है उसके अनुसार भारत के 96 प्रतिशत बलात्कार के दर्ज मामलों में महिला के जानकारों ने ही उनके साथ हिंसा की है। 

आंकड़ों के मुताबिक महिला के पति या पार्टनर द्वारा किए गए रेप के मामलों की संख्या भी पहले से बढ़ी है। आमतौर पर बदनामी के डर से बड़ी संख्या में इस तरह के मामले दर्ज भी नहीं हो पाते, जब सर्वाइवर को अपने पति, परिवार के सदस्य या किसी परिचित के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवानी हो। बंदिश, शर्म और हिचक से निकलकर जो मामले सामने आए हैं वे आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं अपने परिवार और परिचित के साथ ही सबसे असुरक्षित हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का जो डेटा सामने आया है उसके अनुसार भारत के 96 प्रतिशत बलात्कार के दर्ज मामलों में महिला के जानकारों ने ही उनके साथ हिंसा की है। 

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नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार देश में कुल बलात्कार के मामले में से 96.5 प्रतिशत मामलों में आरोपी सर्वाइवर के परिचित थे। एनसीआरबी 2021 के डेटा के अनुसार 30,571 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें वारदात करने वाला महिला का जानकार था। 2,424 मामलों में महिला के परिवार के किसी सदस्य ने ही उसके साथ बलात्कार किया। पारिवारिक मित्र, पड़ोसी या अन्य जानकार द्वारा किए गए रेप के 15,196 मामले दर्ज किए। महिला के मित्र, लिव इन पार्टनर, अलग हुए पति और शादी के वादे के बहाने बलात्कार के किए जाने वाले 12,951 मामले दर्ज किए। 

किसी परिचित द्वारा बलात्कार के दर्ज मामलों में राजस्थान (6074) सबसे ऊपर है। पश्चिम बंगाल केवल ऐसा राज्य है जहां किसी जानकार द्वारा रेप करने की दर 90 प्रतिशत से नीचे है। इसके अलावा देश के सभी राज्यों में यह दर 90 और 100 प्रतिशत तक है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक़ पांच राज्य- महाराष्ट्र, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और सिक्किम ऐसे राज्य हैं जहां 100 प्रतिशत बलात्कार के मामलों में जानकार व्यक्ति ने ही अपराध किया है।

ये आंकड़े उस बात को गलत साबित करता है जो यह कहती है कि महिलाएं अपने घर और अपनों के बीच सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं।

पंजाब, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र-प्रदेश, उड़ीसा और तेलगांना में महिलाओं के ख़िलाफ़ होनेवाली रेप की घटनाओं में 99 प्रतिशत आरोपी परिचित पाए गए। भारत में अधिकतर बलात्कार के मामलों में परिवार, मित्र, पड़ोसी या किसी अन्य जानकार व्यक्ति का शामिल होना पाया गया है। पिछले साल की तुलना में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

एनसीआरबी रिपोर्ट के जारी आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में महिलाओं के ख़िलाफ़ बलात्कार, यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। इसमें बड़ा आंकड़ा महिला के ख़िलाफ़ बलात्कार की घटना करने वाला उसका परिचित या संबंधी से जुड़ा है जिसे वह पहले से जानती है। ये आंकड़े उस बात को गलत साबित करता है जो यह कहती है कि महिलाएं अपने घर और अपनों के बीच सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। पार्टनर या मित्र के द्वारा रेप के केस में राजस्थान सबसे ऊपर है। राज्य में 1700 से अधिक मामले दर्ज किए गए है जिनमें महिला के परिचित ने उसके साथ रेप किया।

स्रोत: NCRB

अगर बात साल 2020 की एनसीआरबी की रिपोर्ट की करें तो उसमें भी राजस्थान में 1531 रेप केस दर्ज किए गए थे जिनमें आरोपी लिव इन पार्टनर, पूर्व पति या मित्र शामिल था। पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार महिला के परिचित द्वारा बलात्कार के 26,808 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार परिचित द्वारा बलात्कार के 95 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे। 

और पढ़ेंः 2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 15.3% की बढ़ोतरी, दिल्ली सबसे असुरक्षित: NCRB

किसी परिचित द्वारा बलात्कार के दर्ज मामलों में राजस्थान (6074) सबसे ऊपर है। पश्चिम बंगाल केवल ऐसा राज्य है जहां जानकार रेप करने वाली की दर 90 प्रतिशत से नीचे है। इसके अलावा देश के सभी राज्यों में यह दर 90 और 100 प्रतिशत तक है। 

भारतीय महिलाएं सबसे ज्यादा घर में अपने करीबियों के बीच असुरक्षित है इस बात पर मुहर लगाने के लिए सरकार द्वारा जारी दूसरा डेटा भी यही कहता है। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार भी अधिकतर भारतीय महिलाएं अपनी शादी में यौन हिंसा का सामना करती हैं। द हिंदू बिजनेस लाइन में छपी ख़बर के मुताबिक़ 18-49 आयुवर्ग की महिलाओं नें अपने पति द्वारा यौन हिंसा होने की बात स्वीकारी है। इस आयुवर्ग की 83 प्रतिशत महिलाओं ने पति द्वारा यौन हिंसा की रिपोर्ट की है। सर्वे में शामिल 82 प्रतिशत महिलाओं ने अपने पति को ही अपने साथ होने वाली हिंसा का अपराधी बताया है। सर्वे में 13 प्रतिशत रिपोर्ट पूर्व पति द्वारा यौन हिंसा के केस भी दर्ज किए गए हैं। 

भारतीय महिलाएं सबसे ज्यादा घर में अपने करीबियों के बीच असुरक्षित है इस बात पर मुहर लगाने के लिए सरकार द्वारा जारी दूसरा डेटा भी यही कहता है। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार भी अधिकतर भारतीय महिलाएं अपनी शादी में यौन हिंसा का सामना करती हैं।

सरकार द्वारा जारी ये आंकड़े महिलाओं के साथ रिश्ते और प्यार में होने वाली उस हिंसा को दिखाते हैं जिस पर चर्चा करने से ही भारतीय पुरुषों के बीच हंगामा मच जाता है। यौन हिंसा और मैरिटल रेप जैसी मुद्दों पर बात न करने वाले पुरुषवादी समाज के लिए भले ही यह आंकड़े मायने न रखते हो लेकिन एक राष्ट्र के तौर पर भारत में महिलाओं की क्या स्थिति है उसे साफ-साफ जाहिर करता है। लैंगिक असमानता और सरकार के लिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े वादे किए जा रहे है बावजूद इसके तस्वीर बदल नहीं रही है।

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तस्वीर साभारः Al Jazeera

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