अच्छी ख़बर नोबेल पुरस्कार 2023ः वैश्विक श्रम बाज़ार में लैंगिक असमानाओं पर शोध करने वाली क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल

नोबेल पुरस्कार 2023ः वैश्विक श्रम बाज़ार में लैंगिक असमानाओं पर शोध करने वाली क्लाउडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल

क्लाउडिया ने अमेरिका के श्रम बाज़ार का 200 सालों के अधिका का डेटा इकट्ठा किया है और समय के साथ कमाई और रोजगार की दरों में लैंगिक अंतर कैसे और क्यों बदलाव आया है इसकी जांच की। उन्होंने यह दर्शाने के लिए महिलाओं के कामकाजी जीवन और आय का चार्ट तैयार किया है कि औद्योगिक क्रांति के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं की स्वतंत्र आय में गिरावट का अध्ययन किया।

पुरुषों की बनाई दुनिया में घर हो या बाहर हर जगह महिलाओं के श्रम की लूट सबसे ज्यादा है। वैश्विक श्रम बाज़ार में लैंगिक असमानता के कारण उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। इतना ही नहीं जब वे कमाती हैं तो पुरुष से बहुत कम कमाती है। श्रम की दुनिया के मौजूदा लैंगिक अंतर पर काम करने वाली अर्थशास्त्री क्लाउडिया गोल्डिन को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्थशास्त्र के नोबेल 2023 से सम्मानित किया गया है। श्रम बाज़ार में स्थापित पुरुष और महिलाओं के बीच लैंगिक असमानता की जांच करने के लिए उन्हें इस सम्मान से नवाज़ा गया है। क्लाउडिया डेल गोल्डिन एक अमेरिकी अर्थशास्त्री इतिहासकार और श्रम अर्थशास्त्री हैं। वर्तमान में वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं। 

क्लाउडिया ने अमेरिका के श्रम बाज़ार का 200 सालों के अधिका का डेटा इकट्ठा किया और समय के साथ कमाई और रोजगार की दरों में लैंगिक अंतर कैसे और क्यों बदलाव आया है इसकी जांच की। उन्होंने यह दर्शाने के लिए महिलाओं के कामकाजी जीवन और आय का चार्ट तैयार किया है कि औद्योगिक क्रांति के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं की स्वतंत्र आय में गिरावट का अध्ययन किया। पिछली शताब्दी के अंत तक सुधार से पहले जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बदलती स्थिति के बाद तेजी देखी गई स्थितियों पर ध्यान दिया। श्रम के बाज़ार में महिलाओं की भूमिका को समझते हुए गोल्डिन ने अपने शोध के ज़रिये अंतर के स्रोत के बारे में बताया है और समय के साथ इसमें किस तरह के बदलाव हो रहे हैं इस पर समझ विकसित करने का काम किया है।

गोल्डिन का जन्म साल 1946 में न्यूयॉर्क सिटी में एक यहूदी परिवार में हुआ था। जब वह स्कूल में थी एक आर्किलॉजिस्ट बनना चाहती थी लेकिन जूनियर हाई स्कूल में पॉली डी क्रुइफ की किताब ‘द माइक्रोब हंटर्स’ पढ़ने के बाद उनका रूझान जीवाणु विज्ञान की ओर हो गया। हाई स्कूल जूनियर मे उन्होंनने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से माइक्रोबायोलॉजी में ग्रीष्मकालीन स्कूल पाठ्यक्रम पूरा किया और ब्रोंक्स हाई स्कूल ऑफ साइंस से स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद मास्टर्स के लिए वह कॉर्नेल यूनिवर्सिटी पहुंची। अपनी दूसरे साल की पढ़ाई के दौरान उन्होंने अल्फ्रेड काह्न की कक्षा ली जहां उन्होंने छिपी हुई सच्चाई को जानने के लिए अर्थशास्त्र के बारे जानकारी मिली। क्लाउडिया पर इसका प्रभाव ऐसा पड़ा जैसा पॉल डी क्रुइफ की कहनियाों का माइक्रो बायोलॉजी के विषय में जानकारी हासिल करने पर पड़ा था।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए गोल्डिन ने कहा था, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोंनो ही हारते हैं। आदमी अपने परिवार के साथ टाइम बिताना भूल जाते हैं और महिलाएं अपना करियर भूल जाती हैं।” 

जब अर्थशास्त्र के विषय में जगी रूचि 

उसके बाद वह रेगुलेशन (विनिमय) और औद्योगिक संगठन से आकर्षित हो गई। बाद में उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री प्राप्त की। अर्थशास्त्र के विषय में रूचि उनकी बढ़ती रही और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से अर्थशास्त्र में पीएचडी प्रोग्राम में औद्योगिक संगठनों के बारे में पढ़ने के लिए दाखिला लिया। उन्होंने इस क्षेत्र में अपना डॉक्टरेट प्रोग्राम शुरू किया और श्रम अर्थशास्त्र और आर्थिक इतिहास को जोड़ते हुए काम किया। अमेरिका के एंटेबेलम शहरों में गुलामी और दक्षिणी इंडस्ट्री पर अपनी पीएचडी में लिखा। साल 1972 में उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की। 

शोध कार्य पूरा होने के बाद साल 1972 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और 1979 में पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी चली गईं जहां उन्होंने पूर्णकालिक प्रोफेसर के तौर पर काम किया। साल 1989 में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग में शामिल हुई। यूनिवर्सिटी के इस विभाग काम करने वाली पहली महिला बनीं। एक आर्थिक इतिहासकार और श्रम अर्थशास्त्री के तौर पर गोल्डिन ने महिला श्रम शक्ति, वेतन में असमानता, कमाई में जेंडर गैप, तकनीकी बदलाव, शिक्षा और अप्रवास सहित कई अन्य विषयों को शोध में शामिल किया। इनका अधिकांश शोध कार्य अतीत से वर्तमान की व्याख्या करता है। 

शोध के ज़रिये लैंगिक अंतर को लेकर की समझ विकसित

अपने तमाम करियर में गोल्डिन को महिलाओं और अर्थव्यवस्था पर उनके ऐतिहासिक काम के लिए जाना जाता हैं। ऐतिहासिक रूप से कमाई में मौजूद जेंडर गैप को शिक्षा और व्यवसायिक विकल्पों में अंतर पर समझ विकसित की गई। उन्होंने अपने रिसर्च पेपर में करियर और परिवार में महिलाओं, उच्च शिक्षा में सह शिक्षा, महिलाओं के करियर और शादी पर गर्भनिरोधक गोली का प्रभाव, शादी के बाद महिलाओ के उपनाम, ग्रेजुएशन की पढ़ाई तक सीमित महिलाएं और महिलाओं के रोजगार का जीवन च्रक जैसे विषयों को केंद्रित किया है। उन्होंने अपने काम के तहत दिखाया है कि इस कमाई के अंतर का बड़ा हिस्सा एक ही व्यवसाय में काम करने वाली महिलाओं के बीच है, और यह बड़े पैमाने पर पहले बच्चे के जन्म के बाद होता है। नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था की ओर से कहा गया है कि 1980 के दशक के उनके शोध ने बदलाव के कारण और जेंडर गैप बने रहने के मुख्य कारणों की खोज की। 

एक आर्थिक इतिहासकार और श्रम अर्थशास्त्री के तौर पर गोल्डिन ने महिला श्रम शक्ति, वेतन में असमानता, कमाई में जेंडर गैप, तकनीकी बदलाव, शिक्षा और अप्रवास सहित कई अन्य विषयों को शोध में शामिल किया।

साल 1990 में अपनी किताब ‘अंडरस्टैडिंग द जेंडर गैपः एन इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ अमेरिकन वुमन’ में उन्होंने पिछले 250 वर्षों में वेतन में असमानता कैसे बढ़ी है और आधुनिक युग में यह परिभाषित उन जोड़ों (कपल्स) के बीच थी जिनके पहली बार बच्चा हुआ था। साथ ही उन्होंने अपनी शोध में पाया कि एक ही व्यवसाय में पुरुषों और महिलाओं की कमाई का बड़ा अंतर उनके बच्चे के जन्म के बाद होता है। पिछले वर्ष एक कार्यक्रम में बोलते हुए गोल्डिन ने कहा था, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोंनो ही हारते हैं। आदमी अपने परिवार के साथ टाइम बिताना भूल जाते हैं और महिलाएं अपना करियर भूल जाती हैं।” 

क्लाउडिया गोल्डिन अर्थशास्त्र के क्षेत्र में काम करने के लिए कई उपलब्धियां अपने नाम कर चुकी हैं। साल 2013-14 में वह अमेरिकन इकोनॉमिक एसोसिएशन की अध्यक्ष भी चुकी हैं। वह एनबीईआर के जेंडर इन द इकोनॉमी स्टडी ग्रुप की सह-निदेशक हैं और साल 1989 से 2017 तक एनबीईआर के अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास प्रोग्राम की निदेशक थीं। अपनी खोज में व्यापक सामाजिक यर्थाथ तलाशने वाली क्लाउडिया गोल्डिन यह पुरस्कार पाने वाली दुनिया की तीसरी महिला बन गई हैं। इससे पहले 2009 में एलिनोर ओस्ट्रोम और 2019 में एस्तेर डुफ्लो अर्थशास्त्र में नोबेल मिल चुका हैं। श्रम के क्षेत्र में महिलओं की भूमिका को समझना समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्लाउडिया गोल्डिन के अभूतपूर्व शोध ने लैंगिक बाधाओं को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम और इस विषय पर समझ विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया है।


 स्रोतः

  1. The Guardian
  2. The New York Time
  3. Nobel prize
  4. Wikipedia

Leave a Reply

संबंधित लेख

Skip to content