समाजखेल ओलंपिक खेलों में कैसे रूढ़ियों को चुनौती दे रही हैं स्तनपान कराती, अव्वल आती महिला खिलाड़ी

ओलंपिक खेलों में कैसे रूढ़ियों को चुनौती दे रही हैं स्तनपान कराती, अव्वल आती महिला खिलाड़ी

पेरिस ओलंपिक में बनाई गई नर्सरी इस बात का संकेत है कि खिलाड़ी माँओं या भावी माँओं को खेल या मातृत्व में से किसी एक को चुनने की ज़रूरत नहीं, वे दोनों को चुन सकती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मुख्यधारा का समाज इस उदाहरण से कुछ सबक लेगा और यह सोच रखने की बजाए कि गर्भवती महिलाएं और दुधमुंहे बच्चों की माँएं अपनी पेशेवर ज़िम्मेदारियों को अच्छे तरीके से नहीं निभा सकेंगी।

26 जुलाई से पेरिस 2024 के ओलंपिक की शुरूआत हो चुकी है और ये 11 अगस्त तक चलेंगे। इस बार का ओलंपिक कई मायनों में खास है। यह पहला ऐसा ओलंपिक है, जिसमें महिला और पुरुष खिलाड़ियों की भागीदारी बराबर है। यह पहला ऐसा ओलंपिक है जिसमें सम्पूर्ण आयोजन के दौरान कार्बन उत्सर्जन पिछले खेलों की तुलना में आधा होगा। इसके साथ ही इसमें एक बात और जो बहुत अच्छी है, वह यह है कि ब्रेस्टफीडिंग एथलीट्स की खेल में भागीदारी को आसान बनाने के लिए होटल के कमरों की व्यवस्था की गई है। साथ ही इसमें नैपी/डायपर पहनने वाली उम्र के बच्चों के लिए नर्सरी भी बनाई गई हैं, जहां महिला खिलाड़ी अपने बच्चों को दूध पिला सकती हैं और उनके साथ वक़्त बिता सकती हैं। 

सदियों से स्तनपान कराने वाली और उच्च प्रदर्शन करने वाली शीर्ष महिला एथलीटों के लिए ये लगभग असंभव मेल था, जो हमेशा से करियर या मातृत्व के बीच फंसी हुई थीं, क्योंकि दोनों के बीच तालमेल बैठाना बहुत कठिन था। लेकिन 2024 ओलंपिक से पहले यह सच होता जा रहा है, जहां महिलाएं समानता के लिए अपने लंबे अभियान में एक और कदम आगे बढ़ाएंगी। इस क्लेरिसे एगबेग्नेनोउ जैसी महिला खिलाड़ियों और माँओं ने दिखाया कि स्तनपान कराना और प्रतिस्पर्धी होना संभव है। मातृत्व की कठोरता के साथ अपने करियर को संतुलित करना और उसके लिए एक ऐसे समाज और व्यवस्था का निर्माण आने वाले दिनों में आंदोलनकारी साबित हो सकता है।

ओलंपिक्स को ब्रेस्टफ़ीडिंग एथलीट्स के लिए फ़्रेंडली बनाने के संदर्भ में फ्रांस की जूडो स्टार क्लेरिसे एगबेग्नेनोउ की कोशिशें काफ़ी सराहनीय रही हैं। वे माँ होने को किसी महिला खिलाड़ी के लिए रुकावट मानने और ओलंपिक के आयोजकों से एथलीट माओं की जरूरतों को अधिक गंभीरता से लेने के लिए लंबे समय से अभियान चला रही हैं।

विलेज नर्सरी के अस्तित्व में आने के पीछे की कहानी 

अतीत में ब्रेस्टफ़ीडिंग एथलीट्स के लिए ओलंपिक्स में भागीदारी चुनौती भरी रहती थी क्योंकि ओलंपिक गांव में परिवारों और दुधमुंहे बच्चों और छोटे बच्चों का आना मना होता था। इस वजह से बहुत सी एथलीट्स ओलंपिक्स में भागीदारी से वंचित रह जाती थीं या उन्हें अपने बच्चों के बगैर ओलंपिक में भागीदारी करनी पड़ती थी। कुछ मामलों में उन्हें अपने खर्चे पर अपने बच्चे के साथ रहने की व्यवस्था करनी पड़ती थी। यही वजह है कि समय-समय पर कई ब्रेस्टफ़ीडिंग एथलीट्स ने इस बारे में आवाज़ भी उठाई।  

तस्वीर साभार: E News

ओलंपिक्स को ब्रेस्टफ़ीडिंग एथलीट्स के लिए फ़्रेंडली बनाने के संदर्भ में फ्रांस की जूडो स्टार क्लेरिसे एगबेग्नेनोउ की कोशिशें काफ़ी सराहनीय रही हैं। वे माँ होने को किसी महिला खिलाड़ी के लिए रुकावट मानने और ओलंपिक के आयोजकों से एथलीट माओं की जरूरतों को अधिक गंभीरता से लेने के लिए लंबे समय से अभियान चला रही हैं। इसी कड़ी में वे पेरिस ओलंपिक शुरू होने से पहले ही अपनी बच्ची को प्रशिक्षण में लेकर गईं।

यह नर्सरी ओलंपिक विलेज प्लाजा में स्थित है। इसकी स्थापना का श्रेय एलिसन फेलिक्स को जाता है, जो रिटायर्ड अमरीकी ट्रैक और फील्ड एथलीट हैं और 11 बार ओलंपिक का पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने पैम्पर्स और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ मिलकर नर्सरी स्थापित की।

इसके पहले 2020 में टोक्यो में ओलंपिक होने पर कनाडा की बास्केटबॉल खिलाड़ी किम गोचर, कीनियाई-अमरीकी लम्बी दूरी की धाविका एलिफिन तुलियामुक, अमरीकी फुटबॉल खिलाड़ी एलेक्स मॉर्गन, वगैरह ने ओलंपिक्स में उनके बच्चों को लेकर आने की अनुमति दिए जाने और इन्हें खिलाड़ी माओं के लिए फ़्रेंडली बनाने के पक्ष में आवाज़ उठाई थी। उस समय आयोजक समिति ने उन्हें अपने बच्चों को साथ लेकर आने की अनुमति दे दी थी। पेरिस में नई माँओं के लिए किए गए बंदोबस्त खिलाड़ी माँओं द्वारा अपनी चुनौतियों को और प्रतियोगिता में शामिल होने की अपनी इच्छा को बार-बार खुलकर सामने रखने का ही नतीजा हैं। 

क्या है विलेज नर्सरी और क्यों है यह ज़रूरी

तस्वीर साभार: AP

यह नर्सरी ओलंपिक विलेज प्लाजा में स्थित है। इसकी स्थापना का श्रेय एलिसन फेलिक्स को जाता है, जो रिटायर्ड अमरीकी ट्रैक और फील्ड एथलीट हैं और 11 बार ओलंपिक का पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने पैम्पर्स और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ मिलकर नर्सरी स्थापित की। यह प्रतिदिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहेगी। इसमें चेंजिंग एरिया, ब्रेस्टफीडिंग रूम और प्ले जोन शामिल हैं। इसे एक बार में दो परिवार इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका उद्देश्य ओलंपिक में भागीदारी करनेवाले एथलीट माता-पिता और ओलंपिक के कुशल संचालन को संभव बनानेवाले अन्य कर्मचारियों के लिए अपनी प्रतियोगिताओं पर ध्यान देने के साथ अपने बच्चे की जरूरतों को पूरा करने में सहायता प्रदान करना है।

नर्सरी के अलावा फ्रांसीसी राष्ट्रीय ओलंपिक और खेल समिति ने स्तनपान करानेवाली फ्रांसीसी एथलीट्स के लिए होटल के कमरों की भी व्यवस्था की है, जहां वे अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकती हैं या देखभाल के लिए उन्हें उनके पिता के पास छोड़ सकती हैं।

इससे खिलाड़ी माँएं प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षणों के दौरान उन्हें मिलनेवाले ब्रेक के समय में अपने बच्चों के साथ कुछ समय बिता सकेंगी। नर्सरी के अलावा फ्रांसीसी राष्ट्रीय ओलंपिक और खेल समिति ने स्तनपान करानेवाली फ्रांसीसी एथलीट्स के लिए होटल के कमरों की भी व्यवस्था की है, जहां वे अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकती हैं या देखभाल के लिए उन्हें उनके पिता के पास छोड़ सकती हैं। इसके साथ ही होटल में एक ऐसा क्षेत्र भी है, जहां खिलाड़ियों के परिवार भी आपस में सामाजिक मेल-जोल कर सकेंगे। यह नर्सरी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे एथलीट माओं को खेल में भागीदारी के लिए अपने बच्चों को कहीं और नहीं छोड़ना पड़ेगा, उनकी भावनात्मक खुशहाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वे खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगी। 

नर्सरी और होटल में कमरों की व्यवस्था खिलाड़ी माओं को लेकर सोच में आए बदलाव का संकेत हैं। ये यह भी दर्शाता है कि अगर समाज में नई माओं और भावी माओं की ज़रूरतों को समझते हुए कुछ व्यवस्थाएं की जाएं, तो वे न केवल खेलों में बल्कि हरेक क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।

नर्सरी और होटल के कमरों को लेकर महिला एथलीट्स की प्रतिक्रियाएं 

द वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट में पेरिस ओलंपिक में खिलाड़ी माओं के लिए किए गए बंदोबस्त को लेकर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की एथलीट आयोग की सदस्य फेलिक्स कहती हैं कि वास्तव में यह महिलाओं को बताता है कि आप मातृत्व भी चुन सकती हैं और अपने खेल में भी सबसे आगे रह सकती हैं और उन्हें पीछे नहीं हटना है। होटल रूम के बंदोबस्त से फ्रांसीसी जूडो स्टार क्लेरीसे एगबेगननौ भी खुश हैं। क्लेरिसे एगबेग्नेनौ को दो वर्ष की बेटी है। एगबेग्नेनौ ने अंडर-63 किग्रा जूडो वर्ग में कांस्य पदक जीता और भीड़ के उत्साहवर्धन के लिए उन्होंने अपनी बेटी को गोद में उठाकर अपनी खुशी ज़ाहिर की। 

तस्वीर साभार: Y!Entertainment

नर्सरी और होटल में कमरों की व्यवस्था खिलाड़ी माँओं को लेकर सोच में आए बदलाव का संकेत हैं। ये यह भी दर्शाता है कि अगर समाज में नई माँओं और भावी माँओं की ज़रूरतों को समझते हुए कुछ व्यवस्थाएं की जाएं, तो वे न केवल खेलों में बल्कि हरेक क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं। कुल मिलाकर पेरिस ओलंपिक में बनाई गई नर्सरी इस बात का संकेत है कि खिलाड़ी माँओं या भावी माँओं को खेल या मातृत्व में से किसी एक को चुनने की ज़रूरत नहीं, वे दोनों को चुन सकती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मुख्यधारा का समाज इस उदाहरण से कुछ सबक लेगा और यह सोच रखने की बजाए कि गर्भवती महिलाएं और दुधमुंहे बच्चों की माँएं अपनी पेशेवर ज़िम्मेदारियों को अच्छे तरीके से नहीं निभा सकेंगी, कार्यस्थल को उनके लिए अधिक अनुकूल बनाने की दिशा में कुछ प्रयास करेगा। 

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