आज के समय में पुरुष खिलाड़ियों की तरह महिला खिलाड़ी भी हर खेल में अपनी मेहनत और लगन से वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ नए रिकॉर्ड भी जोड़ रही हैं। इसके बावजूद हम आज के डिजिटल युग में देख सकते हैं, कि महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन और रिकॉर्ड को पुरुष खिलाड़ियों की तरह, न तो मीडिया कवरेज मिलती है और ना ही लोकप्रियता, जो लैंगिक असमानता को साफ तौर पर दिखाता है। ऑरमैक्स स्पोर्ट्स ऑडियंस की साल 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में महिला खिलाड़ियों का पॉपुलैरिटी में हिस्सा सिर्फ़ 4 फीसद था, जबकि पुरुष खिलाड़ियों की लोकप्रियता 96 फीसदी थी।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि पुरुष और महिला खिलाड़ियों की लोकप्रियता में असमानता सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक समस्या है। हालांकि ओलंपिक खेल साल 1896 में शुरू हुए थे, लेकिन महिलाओं को सभी खेलों में भाग लेने का समान अवसर साल 2012 के लंदन ओलंपिक से ही मिला। इतनी देर से मौके मिलने के बावजूद, आज न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में महिला खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस लेख में हम ऐसी ही काबिल और साहसी भारतीय महिला खिलाड़ियों के बारे में चर्चा करेंगे, जो अपने शानदार प्रदर्शन के चलते पूरे साल सुर्खियों में रही हैं।
1- दिव्या देशमुख
भारतीय शतरंज की 19 वर्षीय ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख इस साल 2025 में इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (फ़िडे) महिला शतरंज विश्व कप चैंपियनशिप जीतकर सोशल मीडिया से लेकर न्यूज पेपर्स तक सुर्खियों में बनी रही हैं। वह भारत के शतरंज खेल की दुनिया में यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही इन्होंने इसी साल लंदन में आयोजित विश्व टीम ब्लिट्ज़ चैंपियनशिप में ब्लिट्ज़ सेमीफाइनल के दूसरे चरण में विश्व की नंबर वन शतरंज खिलाड़ी होउ यिफान को हरा कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
इनकी इस शानदार जीत से भारत ब्लिट्ज़ में तीसरे और रैपिड प्रारूप में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। अगर व्यक्तिगत स्तर पर देखा जाए तो, उन्होंने विश्व टीम रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप के ब्लिट्ज सेगमेंट में 2600 से अधिक प्रदर्शन रेटिंग हासिल की है। बीते सालों में भी उन्होंने अपने निरंतर प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरी हैं। अगर साल 2024 की बात की जाए तो उन्होंने बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड में, भारत की शतरंज टीम को स्वर्ण पदक हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं साल 2023 में उन्होंने एशियाई महाद्वीपीय महिला चैम्पियनशिप जीती थी। यही नहीं अब तक इन्होंने तीन शतरंज ओलंपियाड स्वर्ण पदक और कई एशियाई और विश्व युवा खिताब हासिल किए हैं।
2- सुरुचि सिंह फोगाट
इस साल 19 वर्षीय सुरुचि सिंह फोगाट ने कई खिताब जीतने के साथ -साथ कुछ नए रिकॉर्ड भी बनाए हैं। इन्होंने इस साल दोहा, कतर में आयोजित आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इसी साल उन्होंने अन्य आईएसएसएफ वर्ल्ड कप स्टेज जैसे ब्यूनस,आयर्स, लीमा और म्यूनिख में भी लगातार अपनी जीत दर्ज की है। इस तरह उन्होंने इस साल कुल मिलाकर लगातार तीन गोल्ड मेडल जीते हैं। आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने क्वालीफाइंग राउंड में 586 का स्कोर बनाकर एक नया रिकार्ड भी अपने नाम किया है। उनका यह रिकॉर्ड खास इसलिए भी है, क्योंकि उन्होंने फाइनल में 245.1 का शानदार रिकॉर्ड बना कर, जूनियर विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। जिसे मनु भाकर ने साल 2019 में 241.7 बनाया था।
3-ज्योति सुरेखा वेन्नम
इस साल 2025 में आर्चरी वर्ल्ड कप फाइनल में तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम पहली भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाज़ बनीं, जिन्होंने वर्ल्ड कप में मेडल हासिल किया है। उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन की विश्व नंबर 2 एला गिब्सन के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता है। इसके साथ ही उन्होंने भारत की कंपाउंड तीरंदाजी के मिश्रित युगल टीम में 12 अप्रैल को हुए कम्पाउन्ड मिक्स्ड टीम फाइनल में चाइनीज ताइपेई की जोड़ी को 153-151 के मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक भी जीता। उनकी यह शानदार जीत इसलिए भी खास रही, क्योंकि इस साल में यह कम्पाउंड मिक्स्ड टीम का वैश्विक स्तर पर पहला गोल्ड मेडल था। वह भी ऐसे समय में, जब इस इवेंट को आने वाले ओलंपिक में शामिल किए जाने की घोषणा हुई है।
4- स्मृति मंधाना
स्मृति मंधाना ने इस साल में महिला क्रिकेट की दुनिया में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। अगर कुछ खास उपलब्धियों पर नजर डाली जाए तो, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ओपनर स्मृति ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया। वह महिला वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे कम उम्र में 5,000 रन पूरे करने वाली खिलाड़ी बनीं। उन्होंने यह उपलब्धि 112 पारियों में हासिल की। इसके साथ ही स्मृति ने महिला क्रिकेट इतिहास में पहली बार किसी एक कैलेंडर वर्ष में 1,000 ओडीआई रन बनाए, जो अब तक किसी भी महिला खिलाड़ी ने हासिल नहीं किया था। यह रिकॉर्ड उन्होंने इस साल महिला विश्व कप के दौरान अपने नाम किया है।
5- मीनाक्षी हुडा
भारतीय बॉक्सिंग खिलाड़ी मीनाक्षी हुडा साल 2025 में अपने शानदार प्रदर्शन और साथ ही अपने निजी जीवन संघर्ष की वजह से खूब चर्चा में रही हैं।उन्होंने इस साल विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में कज़ाकिस्तान की ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता नाज़यम कीज़ाईबाय को हराकर गोल्ड मेडल जीता। इस तरह वह अपनी इस उपलब्धि से वह विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बॉक्सिंग खिलाड़ी बन गई है।
6- पूजा सिंह
18 साल की एथलीट पूजा सिंह ने इस साल दक्षिण कोरिया में आयोजित हुए एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। उन्होंने इस साल के एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की ऊंची कूद के फाइनल में 1.89 मीटर की छलांग लगाकर शानदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही इस ऊंची कूद की युवा खिलाड़ी ने अपना ही अंडर-20 रिकॉर्ड तोड़ा है। जो पिछले साल पेरू में साल 2024 विश्व एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप में बनाया था।
7- संजु देवी
इस साल 23 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी संजू देवी ने वुमन कबड्डी वर्ल्ड कप में अपने दमदार प्रदर्शन से भारत को लगातार दूसरा खिताब दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा वह छत्तीसगढ़ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला कबड्डी खिलाड़ी बनीं। फाइनल मैच में उन्होंने चीनी ताइपे के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और 16 रेड पॉइंट्स हासिल किए, जिनमें एक निर्णायक चार अंकों का सुपर-रेड भी शामिल था। उन्होंने अपने इस बेहतरीन और अनोखे खेल प्रदर्शन के चलते ‘प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ और मोस्ट वैल्यूबल प्लेयर (एमवीपी) जैसे ख़िताब अपने नाम किए। इसके साथ ही वह छत्तीसगढ़ की पहली महिला कबड्डी खिलाड़ी हैं, जिन्हें विश्व कप के लिए भारतीय राष्ट्रीय टीम में चुना गया है। जिसके चलते वह अपने राज्य की हजारों लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। वह छत्तीसगढ़ के 25 साल के इतिहास में पहली ऐसी कबड्डी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
8 – वैष्णवी अडकर
भारतीय टेनिस खिलाड़ी वैष्णवी अडकर ने इस साल जर्मनी के राइन रुहर में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स (डब्ल्यूयूजी) में वुमन सिंगल टेनिस स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं। इससे पहले यह मेडल किसी भी महिला टेनिस खिलाड़ी को अब तक नहीं मिला था। वैष्णवी से पहले यह पदक साल 1979 में एक पुरुष खिलाड़ी नंदल बल ने जीता था।
9 – उन्नति हूडा
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी उन्नति हुडा ने अपने करियर का अब तक का सबसे बड़ा ब्रेक-थ्रू चाइना ओपन में जानी -मानी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु को हराकर हासिल किया है। हरियाणा के एक छोटे से गांव की रहने वाली इस युवा खिलाड़ी ने रोमांचक मैच 21-16, 19-21, 21-13 से जीतकर अपने करियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। इतना ही नहीं इस साल वह चाइना ओपन के प्री-क्वार्टर फाइनल में दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाली विजेता पीवी सिंधु को हराकर कर खेल जगत में चर्चा का विषय बन गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने साल 2018 और साल 2019 में अंडर-13 और अंडर-15 राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी जीती है।
10 – सविता पुनिया
भारतीय हॉकी खिलाड़ी सविता पुनिया इस साल 300 मैच खेलने वाली दूसरी भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी की सूची में शामिल हुई हैं। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी भारतीय हॉकी खिलाड़ी है। उनसे पहले यह खिताब वंदना कटारिया अपने 300 मैच पूरे करके हासिल कर चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने गोलकीपर के रूप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह न सिर्फ महिलाओं में, बल्कि पुरुष और महिला दोनों वर्गों को मिलाकर 300 मैच पूरे करने वाली दूसरी गोलकीपर बनीं। वह लगभग दो दशकों तक भारत की महिला हॉकी टीम का हिस्सा रही और शानदार प्रदर्शन करती रही हैं। इसके साथ ही उन्हें हॉकी में शानदार प्रदर्शन के लिए भारत सरकार की ओर से इस साल अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
इस साल में महिला खिलाड़ियों के यह शानदार रिकॉर्ड और प्रदर्शन साबित करते हैं कि महिलाएं हर खेल को खेलने में पुरुषों की तरह समान काबिल और मजबूत हैं। अगर समाज लैंगिक पूर्वाग्रह और भेदभाव के चश्मे को निकाल फेंके तो इन बेहतरीन खिलाड़ियों की तरह हजारों ऐसी लड़कियां हैं, जो खेल जगत में बड़ा मुकाम हासिल कर सकती हैं। भारतीय खेल जगत में यह साल खास रहा क्योंकि इसी साल भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने क्रिकेट विश्व वर्ल्ड कप जीत कर महिला क्रिकेट खेल की दुनिया में भारत की छवि को चमका दिया है।

