स्वास्थ्यशारीरिक स्वास्थ्य योनि स्त्राव : योनि से निकलने वाले सफेद पदार्थ पर क्यों चर्चा है ज़रूरी

योनि स्त्राव : योनि से निकलने वाले सफेद पदार्थ पर क्यों चर्चा है ज़रूरी

योनि स्त्राव के लगातार होने से ये महिलाओं के लिए शारीरिक परेशानी बन जाती है, इससे बचने के लिए योनि की साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

महिलाओं में ख़ासकर कि कम उम्र की लड़कियों में वाइट डिस्चार्ज यानि योनि से होने वाले सफ़ेद पदार्थ के स्त्राव को लेकर कई तरह के सवाल, गलतफ़हमियां और भ्रम होते हैं। जिनके बारे मे बात करने से वे सकुचाती हैं और पहले से फैली हुईं गलत बातों पर यकीन कर लेती हैं। अक्सर जब कम उम्र की लड़कियों में योनि स्त्राव या वाइट डिस्चार्ज शुरू होता है तो कम जागरूकता के कारण वे इसे कोई गंभीर बीमारी भी समझ लेती हैं, जो कि सही नहीं है। जैसे-जैसे लड़कियों में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं उनमें शारीरिक रूप से कई बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जैसे पीरियड, स्तन का बड़ा होना, शारीरिक बदलाव आना, प्यूबिक हेयर आदि जिसमें से एक योनि स्त्राव भी है। जिस तरह से पीरिड्स पर धीरे-धीरे ही सही पर चर्चा हमारे समाज में होनी शुरू हुई है, वैसे ही योनि स्त्राव पर भी बात होना ज़रूरी है।

आमतौर पर महिलाओ में योनि स्त्राव उनके पीरियड्स के वक़्त या उससे पहले शुरू होता है। यह एक सफ़ेद या पारदर्शी रंग का चिपचिपा द्रव पदार्थ होता है जो हर महीने पीरियड्स के कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाता है और पीरियड्स होने के कुछ दिन बाद तक भी होता है। यह योनि की प्राकृतिक तरीके से साफ-सफाई करता है, इस द्रव्य के साथ योनि में मौजूद बैकटेरिया भी बाहर आ जाते हैं। योनि स्त्राव का होना हमारे शरीर में होनी वाली अन्य क्रियाओ जैसे पाचन क्रिया आदि की तरह ही आवश्यक और एक प्राकृतिक क्रिया है। योनि स्त्राव हमारे वजाइना के pH बैलेंस को भी व्यवस्थित रखने का एक ज़रिया है।

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वजाइना की सफाई के लिए किसी साबुन, डिटर्जेंट या किसी अन्य कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए क्योंकि योनि अपनी सफाई प्राकृतिक ढंग से स्वयं ही करती है।

सामान्य तौर पर प्रतिदिन इस स्त्राव की मात्रा कम होती है, इसका रंग सफ़ेद पारदर्शी या कभी- कभी हल्का पीला भी हो सकता है और इसकी द्रवता भी समय-समय पर निर्भर करती कभी-कभी ये पतला तो कभी-कभी थोड़ा गाढ़ा भी हो जाता है। ऐसी स्थितियों में ये सामान्य ही माना जाता है पर कुछ विशेष स्थितियों में ये असामान्य भी होता है जैसे:

1- बहुत अधिक मात्रा में योनि स्त्राव होना
2- इसमें अजीब सी बदबू आना
3- योनि में खुलजी अथवा जलन का होना
4- द्रव का रंग सफ़ेद ना होकर गहरा पीला, हरा या लाल होना
5- पेशाब करते वक़्त योनि में दर्द उठना
6- सेक्स के दौरान पेट में दर्द या उसके बाद असामान्य तेज़ दर्द उठना
7-योनि की त्वचा का लाल होना या उसमें सूजन होना

यदि ऐसे कोई लक्षण हो तो देर किए बगैर जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे महिलाओ में हॉर्मोनल बदलाव, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, डायबिटीज, एनीमिया का होना या गर्भधारण की स्थिति, अधिक चिन्ता अथवा घबराहट का होना या योनि की ठीक तरह से सफाई न रखना। साथ ही कोई संक्रमण अथवा योनि में इन्फेक्शन होना। कई बार योनि की ठीक से साफ सफाई न रखने के कारण या सम्भोग के दौरान ख़ास ख्याल ना रखना जिसके कारण योनि में बैकटेरिया जमा हो जाते हैं और इन्फेक्शन का खतरा पैदा हो जाता है।ज़्यादातर इसका कारण बैकटेरियल या यीस्ट इन्फेक्शन, यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन होता है जिनसे लगभग हर महिला को अपने जीवनकाल में कभी ना कभी जूझना ही पड़ता है।

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योनि स्त्राव के अधिक मात्रा में और लगातार होने से ये महिलाओं के लिए एक शारीरिक परेशानी खड़ी कर देता है, इसलिए इससे बचने के लिए योनि की साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। हालांकि, वजाइना की सफाई के लिए किसी साबुन, डिटर्जेंट या किसी अन्य कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए क्योंकि योनि अपनी सफाई प्राकृतिक ढंग से स्वयं ही करती है और ये कॉस्मेटिक योनि का पीएच बैलेंस बिगाड़ देते हैं। साथ ही महिलाएं योनि की सफाई से मतलब कई बार योनि के बाल को हटाना समझती हैं पर योनि के बाल उसको बाहरी तत्वों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। वजाइना के बाल हटाने के लिए भी किसी तरह के केमिकल युक्त वैक्स या क्रीम आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए चूंकि योनि की त्वचा शरीर के अन्य भागों से अधिक कोमल और संवेदनशील होती है जिसके कारण योनि में जलन, खुजली या इन्फेक्शन आदि की समस्या हो सकती है। योनि स्त्राव को वैजाइनल फल्यूड भी कहा जाता है क्योंकि ये योनि को साफ़ करने की प्राकृतिक क्रिया है, जो कि बेहद ज़रूरी होती है। अगर इसमें किसी भी तरह की कोई असुविधा या परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से इस विषय पर परामर्श अवश्य लेना चाहिए, किसी भी तरह की लापरवाही दिखाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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तस्वीर: श्रेया टिंगल फेमिनिज़म इन इंडिया के लिए

Comments:

  1. Dr. Narendra Valmiki says:

    सारगर्भित लेख, महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को भी पढ़ना चाहिए। आपने बहुत ही अच्छे से वर्णन किया है, इसके लिए लेखिका को हार्दिक बधाई।

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