इतिहास मारग्रेट सेंगरः अमेरिका में बर्थ कंट्रोल क्लीनिक खोलने वाली महिला

मारग्रेट सेंगरः अमेरिका में बर्थ कंट्रोल क्लीनिक खोलने वाली महिला

मारग्रेट सेंगर को यूरोप की यात्रा के दौरान बर्थ कंट्रोल क्लीनिक्स का दौरा करने का मौका मिला। वहीं से उनके दिमाग में ये आइडिया आया कि वे इसकी शुरुआत अपने देश में भी कर सकती है। अमेरिका में महिलाओं के लिए बर्थ कंट्रोल क्लीनिक बेहद ज़रूरी है। 

इतिहास के पन्नों को अगर खंगाला जाए तो पता चलेगा कि महिलाएं समाज में अपनी दशा-दिशा सुधारने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ती आ रही हैं। यह लड़ाई उनके प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों की भी है। वर्तमान में बर्थ कंट्रोल के साधनों की पहुंच पहले के मुकाबले कुछ सरल हो गई है। बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना बहुत सामान्य हो गया है। लेकिन बर्थ कंट्रोल का विचार कहां से शुरू हुआ क्या आप जानते हैं? अमेरिका में आज अबॉर्शन का अधिकार छीन लिया गया है लेकिन इतिहास में वहां बर्थ कंट्रोल की दिशा में किसने काम किया था क्या आप जानते है? आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से उस शख्सियत के जीवन के हर पहलू के बारे में जिन्होंने अमेरिका में महिलाओं के लिए बर्थ कंट्रोल के अधिकारों की नींव रखी थी।

मारग्रेट हिगिन्स सेंगर एक नर्स, बर्थ कंट्रोल एक्टिविस्ट, लेखक और सेक्स एजुकेशन की दिशा में काम करनेवाली महिला थीं। उन्होंने अमेरिका में पहला बर्थ कंट्रोल क्लीनिक खोला था। उन्होंने प्लांड ‘पैरेंटहुड फेडरेशन ऑफ अमेरिका’ की स्थापना की थी। मारग्रेट सेंगर का जन्म 14 सितंबर 1879 में न्यूयार्क, अमेरिका में हुआ था। वह अपने माता-पिता की ग्यारहवीं संतान थी। इसलिए शायद उन्हें भली-भांति गर्भनिरोधक गोलियों की अहमियत पता थी। लेकिन उन्हें बर्थ कंट्रोल क्लीनिक चलाने के आरोप में सन 1917 में जेल भी जाना पड़ा था।

उस समय अमेरिका में महिलाओं के पास बर्थ कंट्रोल करने का अधिकार नहीं था। इसे एक जुर्म की तरह देखा जाता था। गर्भसमापन और बर्थ कंट्रोल जैसी बुनियादी अधिकारों के लिए भी महिलाओं को सजा दी जाती थी। गर्भसमापन और बर्थ कंट्रोल जैसे अधिकारों के लिए अमेरिका लगभग सौ वर्ष से लंबी लड़ाई लड़ रहा था लेकिन आज वो फिर वहीं आ खड़ा हुआ है। लगभग 106 साल पहले मारग्रेट सेंगर और उनकी जैसी महिलाओं ने इस अधिकार के लिए आवाज़ उठाई थी।

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साल 1916 में तीन महिलाओं ने मिलकर न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक बर्थ कंट्रोल क्लीनिक खोला था। उन तीन महिलाओं का नाम था मारग्रेट सेंगर, फानिआ मिंडेल और ईथल बर्नी। ये तीनों महिलाएं महिला अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता थीं।

साल 1916 में तीन महिलाओं ने मिलकर न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक बर्थ कंट्रोल क्लीनिक खोला था। उन तीन महिलाओं का नाम था मारग्रेट सेंगर, फानिआ मिंडेल और ईथल बर्नी। ये तीनों महिलाएं महिला अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता थीं। महिलाओं के लिए लड़ने और उनकी समस्याओं के निदान करने के लिए मारग्रेट को जेल में भी समय बिताना पड़ा। फिर भी वह पूरे जोश से अपने इस लक्ष्य को याद रखे हुए थी। जिस समय मारग्रेट सेंगर बर्थ कंट्रोल के विषय पर गंभीर चिंतन कर रही थी उस समय अमेरिका में गर्भसमापन जैसे विचार ने जन्म ही नहीं लिया था।

मारग्रेट सेंगर को कैसे सूझा बर्थ कंट्रोल क्लीनिक खोलने का आइडिया 

अमेरिका से पहले यूरोप में बर्थ कंट्रोल क्लीनिक की शुरुआत हो चुकी थी। वहां महिलाएं अमेरिका से बेहतर स्थिति में थीं। यूरोप की महिलाएं गर्भधारण को रोकने के लिए कई उपाय अपनाया करती थी। उसी दौरान मारग्रेट सेंगर को यूरोप की यात्रा के दौरान बर्थ कंट्रोल क्लीनिक्स का दौरा करने का मौका मिला। वहीं से उनके दिमाग में ये आइडिया आया कि वे इसकी शुरुआत अपने देश में भी कर सकती है। अमेरिका में महिलाओं के लिए बर्थ कंट्रोल क्लीनिक बेहद ज़रूरी है। 

सेंगर छिपकर चलाती थीं ‘बर्थ कंट्रोल क्लीनिक’  

वर्ष 1916 में सेंगर ने ब्रुकलिन की एक इमारत के बेसमेंट में पहला बर्थ कंट्रोल क्लीनिक शुरू किया। अमेरिकी संविधान में यह जुर्म था। फिर भी वह छिपकर गैरकानूनी रूप से यह काम करती रही। एक दूसरे से जानकारी मिलने पर महिलाएं उनके क्लीनिक पर आने लगी और बर्थ कंट्रोल के बारे में जानने लगीं। धीरे-धीरे ये तादाद बढ़ती गई क्योंकि उस समय महिलाओं को गर्भधारण रोकने के लिए सही सलाह की बहुत ज़रूरत थी जिसके लिए मारग्रेट एकदम सही महिला थीं।

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सेंगर पर सालों तक चला मुकदमा 

क्लीनिक खोलने के 9 दिन बाद ही सेंगर को इसे बंद करना पड़ गया था। क्योंकि क्लिनिक को चोरी-छिपे चलाने की सूचना पुलिस को मिल गई थी। सेंगर समेत तीनों महिलाओं को अमेरिकी पुलिस ने जेल में बंद कर दिया। उनके ऊपर मुकदमा भी चला था। मारग्रेट सेंगर पर न्यूयॉर्क राज्य कानून के उल्लंघन और सार्वजनिक रूप से अश्लीलता फैलाने का गंभीर आरोप लगाया था। 

ट्रायल के दौरान जज ने मारग्रेट से माफ़ी मांगने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। और तो और उन्होंने भरी अदालत में कहा था, “आपके इस कानून के लिए मेरे दिल में कोई सम्मान नहीं है। मैं इसपर माफ़ी नहीं मांगूगी।” यह ऐतिहासिक मुकदमा लंबे समय तक चलता रहा। उस समय अमेरिकी मीडिया में ये मुद्दा सुर्खियों में रहा था।

आखिर में मिली जीत

अंत तक उच्च न्यायालय द्वारा मारग्रेट की सजा को जारी रखा गया था। लेकिन उनके केस की सुनवाई के दौरान जज ने इस बात को स्वीकार किया कि यह मुद्दा विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही गंभीर है। महिलाओं को बर्थ कंट्रोल की सुविधा का लाभ जरूर मिलना चाहिए। मारग्रेट सेंगर की पहल और लड़ाई सफल रही और कानून में बदलाव करते हुए अमेरिकी कोर्ट ने डॉक्टर और विशेषज्ञों की सलाह लेकर विवाहित महिलाओं को गर्भ रोकने यानी बर्थ कंट्रोल के इस्तेमाल का अधिकार दे दिया था।

यह मारग्रेट सेंगर और उनकी जैसी एक्टिविस्टों के अथक प्रयास की विजय थी। जेल से रिहा होने के बाद साल 1921 में सेंगर ने फिर से बर्थ कंट्रोल क्लीनिक की शुरुआत की। जिसे आगे चलकर ‘प्लांड पैरेंटहुड’ के नाम से पहचाना गया। साल 1966 में मारग्रेट का निधन हो गया। लेकिन अमेरिका के इतिहास में आज भी उन्हें बर्थ कंट्रोल की जनक के तौर पर याद किया जाता है।

मारग्रेट सेंगर को बर्थ कंट्रोल क्लीनिक की जनक के तौर पर तो याद किया जाता है लेकिन उनके साथ एक बड़ा मुद्दा भी जुड़ा है जिसे नकारा नहीं जा सकता है। मारग्रेट सेंगर पर अमेरिका में नस्लभेद के तहत बर्थ कंट्रोल नीति को बढ़ावा देने की बात भी कही गई है। दरअसल सेंगर, यूजीनिक्स एक नस्लवादी विचारधारा में भी विश्वास रखती थीं। इस विचारधारा के तहत कुछ लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए अयोग्य करार दिया जाता है।

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मारग्रेट सेंगर पर लगा नस्लभेदी होने का आरोप

मारग्रेट सेंगर को बर्थ कंट्रोल क्लीनिक की जनक के तौर पर तो याद किया जाता है लेकिन उनके साथ एक बड़ा मुद्दा भी जुड़ा है जिसे नकारा नहीं जा सकता है। मारग्रेट सेंगर पर अमेरिका में नस्लभेद के तहत बर्थ कंट्रोल नीति को बढ़ावा देने की बात भी कही गई है। दरअसल सेंगर, यूजीनिक्स एक नस्लवादी विचारधारा में भी विश्वास रखती थीं। इस विचारधारा के तहत कुछ लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए अयोग्य करार दिया जाता है।

यूजीनिक्स सिंद्धात के अनुसार नियोजित प्रजनन के माध्यम से समाज में सुधार लाया जा सकता है। मारग्रेट सेंगर श्रेष्ठता में विश्वास रखती थी जिस वजह से वह अमेरिकी सभ्यता को बेहतर बनाने में कुछ वर्ग के लोगों की पीढ़ी को गलत मानती थी। उन्होंने बर्थ कंट्रोल अभियान के दौरान विवादस्पद ‘नीग्रो प्रोजेक्ट’ को आगे बढ़ाया था। सेंगर ने ब्लैक समुदाय के लोगों में बर्थ कंट्रोल की सेवाओं का विस्तार करने के उद्देश्य से साल 1939 में दक्षिण में यह प्रोजेक्ट चलाया था।

अमेरिका में के इतिहास में से नस्लभेदी लोगों की पहचान कर उनके सार्वजनिक विचारों और मूर्तियों को हटाने में मारग्रेट सेंगर का नाम भी शामिल है। उनके द्वारा सह-स्थापित संस्था प्लांड पैरेंटहुड स्वयं इस संदर्भ में बयान जारी कर चुकी है। संस्था के अनुसार मारग्रेट सेंगर ने बर्थ कंट्रोल की वकालत और अपने मिशन को लागू करने के लिए उन विचारधाराओं और संगठनों को भी चुना जो ऐबीलिटी और व्हाइट सुप्रीमेसी की बात करते हैं। ऐसा करने में उन्होंने प्रजनन स्वतंत्रता को कम कर दिया। उन्होंने काले, लतीनी, स्वदेशी, अप्रवासियों, विकलांग, गरीब और अन्य लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को नुकसान पहुंचाया। प्लांड पैरेंटहुड, मारग्रेट सेंगर के यूजीनिक्स में विश्वास करने की निंदा करता है।  

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तस्वीर साभारः PBS

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