कुछ फिल्मों में हीरो-हीरोइन के एक्शन से भरे स्टंट्स देखकर हम इतने प्रभावित होते हैं कि हम उनके फैन ही बन जाते हैं। फिल्मों की दुनिया में हीरो-हीरोइन बहुत से चौंका देने वाले स्टंट्स करके हमें हैरान कर देते हैं। ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों से छलांग लगाना, चलती ट्रेन से कूद जाना, आग में कूदकर बिना किसी नुकसान के वापस निकल आना या बाइक से ऐसे-ऐसे स्टंट्स करना जो असलियत में बिल्कुल असंभव होते हैं। लेकिन हम यह जानते हैं कि ये जोखिम भरे स्टंट्स हमारे पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री नहीं बल्कि अधिकर उनके ही डुप्लीकेट्स ही करते हैं, जिन्हें स्टंट मैन या स्टंट वुमन कहते हैं।
इस लेख में हम बॉलीवुड की एक ऐसी ही स्टंट वुमन ‘रेशमा पठान’ की बात करेंगे जिन्होंने खुद की जान दांव पर लगाकर हिंदी फिल्मों की कई अभिनेत्रियों को शोहरत दिलाई। रेशमा बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन में से एक मानी जाती हैं। इससे पहले मर्द ही हीरो और हीरोइन दोनों के लिए स्टंट्स किया करते थे। हीरोइन के लिए भी पुरुष ही उनके जैसे कपड़े पहनकर उनके स्टंट्स किया करते थे।
सड़क पर करतब दिखाकर पालती थीं परिवार का पेट
रेशमा का बचपन बहुत कठिनाई में गुज़रा। माता-पिता और पांच भाई-बहनों के परिवार में रेशमा को अपने परिवार की दयनीय स्थिति बहुत खलती थी। वह अपने परिवार की मदद करना चाहती थीं इसलिए महज़ 14 साल की उम्र में ही वहमुंबई की सड़कों पर करतब दिखाकर पैसे कमाने लगीं। इस तरह पैसे कमाकार वह अपने परिवार का पेट पालने लगीं।
ऑन स्क्रीन पर दिखाई गई रेशमा की जाबांज़ी से बॉलीवुड की कई बड़ी अभिनेत्रियों को खूब प्रसिद्धि मिली। लेकिन रेशमा को वह सम्मान और प्रतिष्ठा कभी प्राप्त न हुई जिसकी वह हक़दार थीं। शुरुआत में सेट पर जानलेवा स्टंट्स करने पर रेशमा को केवल 100 से 200 रुपए ही मिल पाते थे। कभी-कभी इन स्टंट्स को करते हुए रेशमा बड़े हादसों का शिकार भी बन जाती थीं।
मुंबई की अनजान सड़कों पर चर्च गेट के चौक पर लगे फाउंटेन के पास कभी वह रस्सी पर चलकर लोगों का मनोरंजन करती थीं तो कभी स्कूटर के ऊपर से जंप करके लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती थीं। दिनभर करतब दिखाने के बाद रोज़ाना चार आने या अठन्नी भर की कमाई हो जाती थी, जिसे पाकर रेशमा खुश हो जाती थीं। रेशमा यह काम अपनी इच्छा से नहीं बल्कि अपने परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए करती थीं। छोटी-सी उम्र में ही इतना सब कुछ देखने के कारण रेशमा को मजबूरन यह काम करना पड़ा।
बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन बनने का सफर
एक बार इंडस्ट्री के एक डायरेक्टर एस आज़िम की नज़रें सड़क पर दिलेरी भरे स्टंट्स करते देख रेशमा पर पड़ी और जैसे जोहरी ने हीरे को पहचान लिया हो। वह रेशमा के साहसिक स्टंट्स को देखकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने रेशमा की मेहनत और काबिलियत पर बिना संदेह किए उनसे बॉलीवुड में काम करने का प्रस्तान उनके सामने रखा? उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का काम करना एक शर्मनाक पेशा समझा जाता था। समाज की यह धारणा थी कि नाचने-गाने वाले ही इंडस्ट्री में जाते हैं। ‘अच्छे परिवार’ की लड़कियां फिल्मों में काम नहीं करतीं। रेशमा के पिता ने एस.आज़िम का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। लेकिन रेशमा को इस काम में दिलचस्पी थी, वह यह काम करना चाहती थीं।
रेशमा का बचपन बहुत कठिनाई में गुज़रा। माता-पिता और पांच भाई-बहनों के परिवार में रेशमा को अपने परिवार की दयनीय स्थिति बहुत खलती थी। वह अपने परिवार की मदद करना चाहती थीं इसलिए महज़ 14 साल की उम्र में ही वहमुंबई की सड़कों पर करतब दिखाकर पैसे कमाने लगीं।
आखिरकार रेशमा ने अपनी माँ को समझाया और उन्हें अपने साथ लेकर निकल पड़ीं अपनी मनपसंद राह पर। वह अपनी मां के साथ बुर्का पहनकर फेमस स्टूडियो पहुंचीं। जब वह वहां पहुंची उन्होंने देखा वहां पहले से ही ‘एक खिलाड़ी बावन पत्ते‘ की शूटिंग चल रही थी। एक लड़का एक्ट्रेस लक्ष्मी छाया के डुप्लीकेट का रोल प्ले कर रहा था। 15 टेक के बाद भी वह शॉट नहीं दे पाया। इसी बीच रेशमा को सीन समझाया गया और रेशमा ने पहले टेक में ही परफेक्ट शॉट दे दिया। यह देखकर पूरा सेट तालियों से गूंज उठा। बस वहीं से रेशमा की बॉलीवुड में एंट्री हो गई।
रेशमा खुद बताती हैं कि बतौर स्टंट वुमन इस सीन को करने के लिए उस वक्त उन्हें सौ रुपये का मेहनताना और साथ में 75 रुपये ऑटो का किराया दिया गया था। इसके बाद तो मानो फिल्मों का एक सिलसिला शुरू हो गया। रेशमा पठान ने हेमा मालिनी की ‘शोले’, ‘अंधा कानून’, बिंदिया गोस्वामी की ‘शान’, रेखा की ‘मुझे मेरी बीवी से बचाओ’ जैसी कई फिल्मों में बतौर स्टंट वुमन काम किया।
उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का काम करना एक शर्मनाक पेशा समझा जाता था। समाज की यह धारणा थी कि नाचने-गाने वाले ही इंडस्ट्री में जाते हैं। ‘अच्छे परिवार’ की लड़कियां फिल्मों में काम नहीं करतीं। रेशमा के पिता ने एस.आज़िम का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। लेकिन रेशमा को इस काम में दिलचस्पी थी, वह यह काम करना चाहती थीं।
एक समय ऐसा आया जब रेशमा ने बॉलीवुड की सभी बड़ी अभिनेत्रियों के लिए एकमात्र स्टंट वुमन के रूप में काम किया । उन्होंने मीना कुमारी की ‘मेरे अपने’ के साथ-साथ कई अन्य ब्लॉकबस्टर फिल्मों में भी बॉडी डबल की भूमिका निभाई। वह एक्ट्रेसेस की जगह उनके किरदार का रियल स्टंट करतीं थीं। रेशमा, रेखा से लेकर राखी तक और डिंपल कपाड़िया से लेकर हेमा मालिनी तक की बॉडी डबल बन चुकी हैं। हालांकि, उनके परिवार वाले इस काम से खुश नहीं थे लेकिन रेशमा फिर भी सामाजिक चुनौतियों को दृढ़ता से टक्कर देते हुए आगे बढ़ीं। काम के प्रति अपने दृढ़ संकल्प, लगन और ईमानदारी का परिचय देते हुए उन्होंने अपने काम को तवज्जो दी। इस प्रकार एक पुरुष प्रधान क्षेत्र को चुनौती देते हुए रेशमा ने एक नई परंपरा की शुरुआत की।
‘शोले’ की शूटिंग के दौरान हुईं थीं बड़े हादसे का शिकार
ऑन स्क्रीन पर दिखाई गई रेशमा की जाबांज़ी से बॉलीवुड की कई बड़ी अभिनेत्रियों को खूब प्रसिद्धि मिली। लेकिन रेशमा को वह सम्मान और प्रतिष्ठा कभी प्राप्त न हुई जिसकी वह हक़दार थीं। शुरुआत में सेट पर जानलेवा स्टंट्स करने पर रेशमा को केवल 100 से 200 रुपए ही मिल पाते थे। कभी-कभी इन स्टंट्स को करते हुए रेशमा बड़े हादसों का शिकार भी बन जाती थीं। ऐसा ही एक ख़तरनाक हादसा ‘शोले’ फिल्म के सेट पर हुआ जब हेमा मालिनी की जगह स्टंट कर रहीं रेशमा का टांगा उन्हीं पर पलटकर गिर गया था। इस स्टंट को करते हुए रेशमा बाल-बाल बची थीं। “भाग धन्नो भाग… आज तेरी बसंती की इज़्ज़त का सवाल है।” इस डायलॉग को सुनते ही हमारी आंखों के सामने जो चेहरा सबसे पहले आता है वह हेमा मालिनी का है क्योंकि ऑन स्क्रीन बसंती के रूप में हमने उन्हें ही देखा है।
लेकिन हममे से बहुत कम लोग यह जानते हैं कि यह जोखिम भरा स्टंट हेमा मालिनी ने नहीं बल्कि उनकी ही बॉडी डबल रेशमा पठान ने किया था। अफ़सोस की बात तो यह है कि इस बात को हममें से बहुत कम लोग ही जानते हैं। रेशमा ने कई ख़तरनाक स्टंट्स करके बॉलीवुड की अभिनेत्रियों को मशहूर बनाया है। उन्होंने एक से बढ़कर एक ख़तरनाक स्टंट्स किए जैसे- तांगा दौड़ाना, घुड़सवारी करना, ऊंची इमारतों से छलांग लगाना, तलवारबाज़ी करना, रस्सी पर चलनास चलती गाड़ी से कूदना आदि
अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान भी रेशमा ने कई फ़िल्मों के लिए जोखिम भरे स्टंट किए। फ़िल्म ‘अकेला’ में, जब मीनाक्षी शेषाद्री सीढ़ियों से गिरती हैं, वह स्टंट भी रेशमा पठान द्वारा ही फ़िल्माया गया है। अमृता सिंह की फ़िल्म ‘सीआईडी’ में भी रेशमा ने अपनी जान पर खेलकर सेकेंड फ़्लोर से छलांग लगाई थी। यह सुनकर शायद आपको हैरानी हो कि इन स्टंट्स को करने के दौरान रेशमा प्रेग्नेंट थीं।
बॉलीवुड के साथ-साथ कई टीवी सीरियल्स में भी आईं नज़र
बतौर स्टंट वुमन रेशमा ने हेमा मालिनी, श्रीदेवी, रेखा, मीना कुमारी, बिंदिया गोस्वामी और अन्य कई बड़ी अभिनेत्रियों के लिए खतरनाक स्टंट्स किए। बॉलीवुड में लंबे समय तक स्टंट वुमन की भूमिका निभाने के बाद रेशमा आगे चलकर कई क्षेत्रीय फिल्मों जैसे भोजपूरी और कई टीवी सीरियल्स में भी नज़र आईं। हाल ही में उन्हें टीवी शो यह ‘रिश्ता क्या कहलाता है’ में भी स्पॉट किया गया।
रेशमा खुद बताती हैं कि बतौर स्टंट वुमन इस सीन को करने के लिए उस वक्त उन्हें सौ रुपये का मेहनताना और साथ में 75 रुपये ऑटो का किराया दिया गया था। इसके बाद तो मानो फिल्मों का एक सिलसिला शुरू हो गया। रेशमा पठान ने हेमा मालिनी की ‘शोले’, ‘अंधा कानून’, बिंदिया गोस्वामी की ‘शान’, रेखा की ‘मुझे मेरी बीवी से बचाओ’ जैसी कई फिल्मों में बतौर स्टंट वुमन काम किया।
रेशमा पठान बॉलीवुड में अब तक 800 से ज्यादा फिल्मों में बतौर स्टंट वुमन काम कर चुकी हैं। रेशमा ने अपने जीवन के 50 साल इंडस्ट्री को दिए और इस दौरान न जाने कितनी फिल्मों में कितनी एक्ट्रेसस के लिए जोखिम भरे स्टंट्स किए। फ़िल्म जगत में उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनके इस अतुलनीय योगदान का सम्मान करते हुए उनकी एक बायोपिक बनाई गई जिसका नाम है ‘द शोले गर्ल।’ इस फिल्म में उनका किरदार एक्ट्रेस बिदिता बाग ने निभाया। रेशमा पठान ने दुनिया को यह दिखाया कि औरतें भी खतरनाक से खतरनाक स्टंट कर सकती हैं। बॉलीवुड फिल्मों में पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों में रेशमा पठान का नाम हमेशा याद रखा जाएगा।
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