गर्भपात (अबॉर्शन) अलग-अलग लोगों में अलग-अलग भावनाएं पैदा कर सकता है। हमारे देश में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर बातचीत मुश्किल है। बहुत सी मान्यताएं, रूढ़ि और पितृसत्तात्मक सोच इससे जुड़ी है। वैश्विक स्तर पर आज भी कई देशों में गर्भपात के अधिकार को लेकर लोग लड़ रहे हैं। गर्भपात को लेकर आज भी लोगों में डर और झिझक मौजूद है, जो मूल रूप से रूढ़िवादी विचारधाराओं, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा तक पहुंच न होने के कारण है। गर्भपात को लोगों के स्वास्थ्य अधिकार या मानवाधिकार की नज़र से नहीं देखा जाता।
मिथक और भेदभाव, चाहे वह सरकार के बनाए गए नियमों के अंतर्गत हो या सामाजिक हो, यौन और प्रजनन सेवाओं तक पहुंच में बाधाएं पैदा कर सकता है, जिसका स्वास्थ्य से जुड़े परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह विशेष रूप से गर्भपात जैसी कुछ महत्वपूर्ण यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करती है, जो किशोरियों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर, जेन्डर नॉन बाइनरी व्यक्तियों और विकलांग लोगों को विशेष रूप से प्रभावित करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के अनुसार स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात (सेल्फ मैनेज्ड मेडिकल अबॉर्शन) वह प्रक्रिया है, जिसमें माइफप्रिस्टॉन और मिसोप्रॉस्टल (mifepristone and misoprostol) का एकसाथ या सिर्फ मिसोप्रॉस्टल नामक दवाइयों का सेवन किया जाता है। स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात को ‘मेडिकैशन अबॉर्शन’ के रूप में भी जाना जाता है। इसमें दवाइयों के प्रयोग 13 हफ्तों तक के गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए किया जाता है। गोलियों को योनि के माध्यम से या जीभ के नीचे रखकर लिया जा जाता है। डबल्यूएचओ स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात को ‘स्व-देखभाल’ उपाए के रूप में बताता है, जिसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य चिकित्सक की देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है।
स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात की दवाई कैसे काम करती है
गर्भपात की गोलियां दो प्रकार की होती हैं, और हर एक की क्रियाविधि अलग होती है। माइफप्रिस्टॉन गर्भावस्था के लिए आवश्यक हार्मोन को अवरुद्ध करता है, जबकि मिसोप्रॉस्टल सर्विक्स या गर्भाशय के रास्ते को शिथिल करके और खोलने का काम करती है और गर्भाशय को सिकोड़ती है, जिससे भ्रूण बाहर निकल जाती है। सिर्फ मिसोप्रॉस्टल भी 13 हफ्तों तक के प्रेग्नेंसी में गर्भपात के लिए कारगर साबित होता है। स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में मिसोप्रॉस्टल के साथ, आमतौर पर गोलियों के पहले सेट के आपके शरीर में ऐब्सॉर्ब होने के 1 से 2 घंटे के भीतर, ऐंठन और रक्तस्राव शुरू हो जाता है।
गर्भपात आमतौर पर मिसोप्रॉस्टल की आखिरी गोली लेने के 24 घंटे के भीतर होता है। अक्सर, यह उससे पहले भी हो जाता है। भारत में साल 1971 से मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम मौजूद है। इसके बाद, महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को मद्देनज़र रखते साल 2021 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया। अब, नए अधिनियम के अनुसार गर्भपात के लिए विशेष परिस्थिति और मामलों में 20 हफ़्तों की ऊपरी सीमा को 24 हफ़्तों तक वैध किया गया है।
सुरक्षित स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात कैसे सुनिश्चित करें
किसी भी व्यक्ति के लिए गर्भपात का फैसला लेने से पहले, उसपर सटीक जानकारी जरूरी है। गुणवत्तापूर्ण दवाइयों से स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात वैज्ञानिक रूप से ‘गर्भपात’ के लिए सुरक्षित और प्रभावी तरीका साबित हुई है। कई बार गर्भपात इसलिए भी असुरक्षित लगता है, क्योंकि इसपर लोगों के पास सही और पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं होती। इसलिए, इससे पहले व्यक्ति यह तय करे कि उसे गर्भपात करना है, उसे दवाइयों के साथ स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात के बारे में सही और पूरी जानकारी होनी चाहिए। विभिन्न शोध के मुताबिक, स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात की सलाह अमूमन 13 हफ्तों तक के गर्भावस्था के लिए दी जाती है।
गर्भपात से पहले गर्भावस्था की अवस्था जान लेना ज़रूरी है। प्रेग्नन्सी कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके आप यह पता कर सकते हैं कि आप अपने पिछले पीरियड्स के बाद से कितने समय तक गर्भवती हैं। मिसोप्रॉस्टल गोलियां लेते वक्त, ऐसी जगह पर रहना चाहिए, जहां व्यक्ति को गोपनीयता मिले और यदि वह चाहें तो दवाइयां लेने के बाद कुछ घंटों के लिए लेट सकें। ऐंठन से होने वाले दर्द को कम करने के लिए मिसोप्रॉस्टल का उपयोग करने से पहले इबुप्रोफेन लेने पर विचार करना चाहिए।
स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात में दवाइयां लेने वाले व्यक्ति को हल्का भोजन करना चाहिए, ताकि शारीरिक रूप से आराम रहे। पूरी प्रक्रिया के दौरान खूब सारा पानी पीना चाहिए। गर्भपात की दवाई ले रहे व्यक्ति के आस-पास ऐसा कोई व्यक्ति की मौजूदगी, जो उसकी जरूरतों को पूरा और देखभाल कर सके, मददगार साबित होता है। गर्भपात की गोलियों का उपयोग करने से पहले, एक सुरक्षा योजना जरूर बना लेना चाहिए, ताकि आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा सहायता की जरूरत हो, तो उस तक आप की पहुंच हो।
गर्भपात की दवाइयां लेने से पहले किन बातों पर देना चाहिए ध्यान
यदि व्यक्ति के गर्भाशय में कोई इंट्रायूटेराइन कान्ट्रसेप्टिव डिवाइस यानि अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण है, तो इसे गर्भपात की गोलियां लेने से पहले ज़रूर निकलवा लेना चाहिए। यदि गर्भपात के लिए योजना कर रहे व्यक्ति को एचआईवी है, तो सुनिश्चित करें कि वे एंटीरेट्रोवाइरल दवाएं ले रहे हैं और स्वास्थ्य अच्छा है। अगर गर्भपात के लिए सोच रहे व्यक्ति को एनीमिया है, तो ऐसे स्वास्थ्य सेवा चिकित्सक की तलाश करें, जो 30 मिनट से ज़्यादा दूरी पर न हो और ज़रूरत पड़ने पर आपकी मदद कर सके। अगर आपको बहुत ज़्यादा एनीमिया है, तो गर्भपात की गोलियां इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अमेरिकन कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार, पहले ट्राइमेस्टर में मेडिकल गर्भपात सबसे सुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाओं में से एक है। हालांकि व्यक्ति को किसी भी संभावित चिकित्सकीय आपातकालीन स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और उस अनुसार तैयारी कर रखना बेहतर विकल्प है। वैश्विक संस्था HowToUseAbortionPill के गाइड्लाइन के अनुसार गर्भपात की गोली माइफप्रिस्टॉन और मिसोप्रॉस्टल का सेवन निम्नलिखित तरीके से किया जाना चाहिए:
- माइफप्रिस्टॉन की एक 200 मिलीग्राम की गोली पानी के साथ निगल लें।
- 24-48 घंटे प्रतीक्षा करें।
- अपनी जीभ के नीचे 4 मिसोप्रॉस्टल 200 मिलीग्राम गोलियां रखें और उन्हें 30 मिनट तक वहीं रखें जब तक वे घुल न जाएं। आपको इन 30 मिनटों के दौरान न तो बोलना चाहिए और न ही खाना चाहिए। इसलिए किसी शांत जगह पर रहना अच्छा है, जहां आपको कोई परेशान न करे। 30 मिनट के बाद, थोड़ा पानी पिएं और गोलियों का बचा हुआ हिस्सा निगल लें। यह इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवा लेने का भी एक अच्छा समय है, क्योंकि इस समय ऐंठन शुरू हो जाती है। इसके बाद बाकी बची चार गोलियों के साथ भी यही प्रक्रिया अपनाएं।
- 4 मिसोप्रॉस्टल गोलियां लेने के 3 घंटे के भीतर रक्तस्राव और ऐंठन शुरू हो जाता है।
- 4 मिसोप्रॉस्टल गोलियां लेने के 24 घंटे बाद, अगर आपको रक्तस्राव शुरू नहीं हुआ, या अगर आपको यकीन नहीं है कि गर्भपात सफल रहा, तो अपनी जीभ के नीचे मिसोप्रॉस्टल की 4 और गोलियाँ रखें। उन्हें 30 मिनट तक वहीं रखें जब तक वे घुल न जाएं। 30 मिनट के बाद, थोड़ा पानी पिएं और गोलियों का बचा हुआ हिस्सा निगल लें।
सिर्फ मिसोप्रॉस्टल के साथ भी गर्भपात 13 सप्ताह से कम गर्भावस्था के लिए कारगर होती है।
- आपको मिसोप्रॉस्टल की बारह 200 एमसीजी गोलियां लेनी होंगी। दर्द को कम करने में मदद करने के लिए आपको इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवा भी रखनी होगी। एसिटामिनोफेन और पैरासिटामोल गर्भपात के दौरान दर्द के लिए काम नहीं करते हैं।
- अपनी जीभ के नीचे 200 एमसीजी के 4 मिसोप्रॉस्टल गोलियां रखें और उन्हें 30 मिनट तक वहीं रखें जबतक कि वे घुल न जाएं।
- 30 मिनट के बाद, थोड़ा पानी पिएं और गोलियों में से जो कुछ भी बचा है उसे निगल लें। इस समय आप इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवा ले सकते हैं।
- 3 घंटे इंतज़ार करें।
- अपनी जीभ के नीचे 200 एमसीजी के 4 और मिसोप्रॉस्टल की गोलियां रखें और उन्हें 30 मिनट तकतब तक रखें जबतक वे घुल न जाएं।
- 3 घंटे और इंतज़ार करें।
- अपनी जीभ के नीचे 200 एमसीजी के 4 और मिसोप्रोस्टोल की गोलियां रखें और उन्हें 30 मिनट तक तबतक रखें जबतक वे घुल न जाएं।
- गोलियां लेने पर आपको रक्तस्राव और ऐंठन शुरू हो जानी चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप सभी 12 गोलियां लें, भले ही सभी गोलियां लेने से पहले रक्तस्राव शुरू हो जाए।
इंडियन एक्स्प्रेस में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की विश्व जनसंख्या रिपोर्ट 2022 पर आधारित एक रिपोर्ट अनुसार, असुरक्षित गर्भपात भारत में मातृ मृत्यु दर का तीसरा प्रमुख कारण है, और हर दिन करीब 8 महिलाओं की असुरक्षित गर्भपात से संबंधित कारणों से मौत हो जाती है। साल 2007-2011 के बीच, भारत में 67 प्रतिशत गर्भपात असुरक्षित के रूप में वर्गीकृत किए गए थे। देश में गर्भपात से सांस्कृतिक और सामाजिक रूढ़ि जुड़ी होने के कारण गर्भपात का चुनाव करने वाले व्यक्ति, विशेषकर महिला को गैर जिम्मेदार और ममताहीन करार दिया जाता है। हमारे देश में मातृत्व को इतना गौरान्वित किया गया है कि लोगों का यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ा गर्भपात जैसा अहम फैसला खुद लेना भी मुश्किल होता है। जानकारी के अभाव या आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहे लोगों के लिए, स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात का चुनाव करना कठिन है।
चैटबॉट के माध्यम से सुरक्षित गर्भपात की जानकारी
इंटरनेट पर सुरक्षित गर्भपात के बारे में जानकारी खोजना मुश्किल भरा काम हो सकता है। साथ ही, इतनी सारी जानकारी होने के कारण, दिए गए जानकारी की सच्चाई जांचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए, आज कई कंपनियां अपने चैटबॉट और वेबसाईट के माध्यम से , स्व-प्रबंधित चिकित्सीय गर्भपात की जरूरी जानकारी देती है। HowToUseAbortionPill की ऐली चैटबॉट लोगों को गोलियों के साथ सुरक्षित गर्भपात से संबंधित हर जानकारी पर शोध करते समय, उस खोज को आसान और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने में मदद करने वाली एक डिजिटल टूल है।
ऐली उन लोगों की मदद करती है जिन्होंने गोलियों के साथ गर्भपात करने का फैसला किया है या जो अपने किसी करीबी की मदद करना चाहते हैं, जिसने गोलियों के साथ गर्भपात करने का फैसला किया है। यह चैटबॉट व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम डीएम या howtouseabortionpill.org वेबसाइट के माध्यम से गोलियों के साथ गर्भपात के बारे में विश्वसनीय और व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। चैटबॉट ऐली से बातचीत करने के लिए, आपको यह नंबर +1833 221-2559 सेव करना होगा या howtouseabortionpill.org लिंक को खोलना होगा, जो आपको चैटबॉट में व्हाट्सएप लिंक पर रीडायरेक्ट करेगा। ऐली इंटरनेट एक्सेस वाले किसी भी मोबाइल या कंप्यूटर से काम करती है। ऐली सुरक्षित गर्भपात चैटबॉट है, जो हफ्ते के सभी दिन 24 घंटे उपलब्ध है। यह हिंदी सहित 6 अन्य भाषाओं में भी चैट करता है।
आमतौर पर हमारे देश में गर्भपात को एक बच्चे की ‘हत्या’ मानी जाती है, जबकि वैज्ञानिक और मेडिकल आधार पर सही शब्द फीटस यानि भ्रूण होता है। प्रशिक्षित गर्भपात प्रदाताओं की कमी, गर्भपात की वैधता और सुरक्षित सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी के अभाव, और गर्भपात से जुड़े सामाजिक मिथक और पूर्वाग्रह के कारण असुरक्षित गर्भपात से हजारों मौतें होती हैं। इसलिए, हमें गर्भपात को एक जरूरी मानवाधिकार के रूप में देखने की जरूरत है जिस तक सभी धर्म, जाति, जेंडर, वर्ग और समुदाय के लोगों की पहुंच हो।
(यह लेख HowToUseAbortionPill और फेमिनिज़म इन इंडिया की पार्टनशिप के तहत लिखा गया है। HTU गर्भपात पिल्स से जुड़े तथ्य, रिसोर्स जैसे गर्भपात पिल्स लेने से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, ये पिल्स कहां उपलब्ध हो सकती हैं, इनका इस्तेमाल कैसे किया जाए और कब चिकित्सक की ज़रूरत पड़ सकती है, जैसी जानकारियां साझा करने का काम करता है। HTU का सेफ़ गर्भपात असिस्टेंट Ally गर्भपात पिल्स से जुड़ी सभी जानकारियों पर आपकी मदद के लिए 24/7 उपलब्ध है। साथ ही फ्री वॉट्सऐप नंबर +1 (833) 221-255 और http://www.howtouseabortionpill.org/ के ज़रिये भी आप मदद ले सकते हैं)