इतिहास मैरी एलेन मार्कः सेक्स वर्कर्स के जीवन-संघर्ष को कैमरे में कैद करने वाली महिला फोटोग्राफर

मैरी एलेन मार्कः सेक्स वर्कर्स के जीवन-संघर्ष को कैमरे में कैद करने वाली महिला फोटोग्राफर

1960 के दशक के अंत में मैरी ने अपने करियर की शुरुआत फोटोग्राफर के तौर पर की और जल्दी ही वह विभिन्न पत्रिकाओं और फिल्मों के लिए डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी करने लगीं। उनका काम ग्लैमर या सजावटी फोटोग्राफी से बिल्कुल अलग था। उन्होंने अपनी तस्वीरों के माध्यम से समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया, खासकर उन पर जिनकी कहानियां अक्सर मुख्यधारा मीडिया में छूट जाती थीं।

प्रसिद्ध अमेरिकी फोटोग्राफर मैरी एलेन मार्क उन तस्वीरों के लिए याद की जाती हैं, जो उन्होंने समाज में हाशिये के समुदाय के लोगों की खींची थी। उन्होंने बेघर बच्चों, मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बीमारी का सामना कर रहे लोगों और ड्रग एडिक्ट्स लोगों की जिंदगी को अपनी तस्वीरों के माध्यम से दिखाया। मैरी एलेन मार्क का काम बेहद संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण से भरा हुआ था। उन्होंने फोटोग्राफी को केवल एक कला के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे समाज की आवाज़ और समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त साधन माना।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

मैरी एलेन मार्क का जन्म फिलाडेल्फिया में 20 मार्च 1940 को हुआ था। वह उपनगरीय एल्किन पार्क में पली-बढ़ी। उनकी हाई स्कूल की पढ़ाई चेल्टेनहैम हाई स्कूल में हुई, जहां वह हेड चीयरलीडर बनी। मैरी को बचपन से ही पेंटिंग और ड्राइंग में विशेष रूचि थी। उन्होंने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से चित्रकला और कला इतिहास में स्नातक की पढ़ाई पूरी की, उसके बाद उसी विश्वविद्यालय से फोटो पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान उन्हें एक फुलब्राइट स्कॉलरशिप भी मिली थी। मैरी ने पहली बार महज नौ साल की उम्र में एक ब्राउनी बॉक्स कैमरा उठाया और फिर फोटो पत्रकारिता में ही उच्च शिक्षा हासिल की। इस विषय में पढ़ाई करने के बाद मैरी ने जो काम किया वर्तमान समय में उसकी चर्चा पूरी दुनिया में होती है।

मैरी इस पेशे को लेकर कहती है, जब मैंने पहली बार काम शुरू किया था, तब महिला फ़ोटोग्राफ़र बहुत कम थीं, लेकिन अब, खुशी की बात है कि बहुत ज्यादा हैं। मुझे लगता है कि यह एक फ़ायदा है। जीवन के दूसरे सभी अनुभवों में महिला होना कठिन है, लेकिन मुझे लगता है कि एक महिला फ़ोटोग्राफ़र के लिए ख़ास तौर पर एक फ़ोटो जर्नलिस्ट के लिए पहुंच का पूरा विचार आसान हो जाता है क्योंकि लोगों को एक महिला से कम खतरा होता है।”

फोटोग्राफी करियर की शुरुआत

1960 के दशक के अंत में मैरी ने अपने करियर की शुरुआत फोटोग्राफर के तौर पर की और जल्दी ही वह विभिन्न पत्रिकाओं और फिल्मों के लिए डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी करने लगीं। उनका काम ग्लैमर या सजावटी फोटोग्राफी से बिल्कुल अलग था। उन्होंने अपनी तस्वीरों के माध्यम से समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया, खासकर उन पर जिनकी कहानियां अक्सर मुख्यधारा मीडिया में छूट जाती थीं। उनके पति मार्टिन बेल, मैरी के बारे में कहते हैं, “मेरी एलेन साधारण चीज़ों में भी एक कहानी देख सकती थीं, जिसे आप शायद यूं ही गुजरते वक्त देख भी नहीं पाते। उनके पास किसी भी कहानी को चाहे वह कितनी भी सरल या जटिल क्यों ने हो सबको तस्वीर में समेटने की अद्भुत क्षमता थी।” 

साल 1990 में एक साक्षात्कार में अपने करियर में फोटो पत्रकारिता पेशे को चुनने की वजह बताती है, “यह कोई विकल्प नहीं था, यह बस वही था जो मैं करना चाहती थी। जब मुझे फोटोग्राफी में दिलचस्पी हुई, वह 1963 का साल था। मैंने नहीं सोचा, क्या मुझे स्थिर जीवन की फोटोग्राफी करनी चाहिए? क्या मुझे लैंडस्केप फोटोग्राफर बनना चाहिए? या मुझे व्यावसायिक काम करना चाहिए? मुझे पता था कि मैं लोगों की तस्वीरें लेना चाहती थी और मैं सामाजिक स्थितियों पर वृत्तचित्र निबंध लिखना चाहती थी।”

तस्वीर साभारः Phototrend

मैरी इस पेशे को लेकर कहती है, जब मैंने पहली बार काम शुरू किया था, तब महिला फ़ोटोग्राफ़र बहुत कम थीं, लेकिन अब, खुशी की बात है कि बहुत ज्यादा हैं। मुझे लगता है कि यह एक फ़ायदा है। जीवन के दूसरे सभी अनुभवों में महिला होना कठिन है, लेकिन मुझे लगता है कि एक महिला फ़ोटोग्राफ़र के लिए  ख़ास तौर पर एक फ़ोटो जर्नलिस्ट के लिए पहुंच का पूरा विचार आसान हो जाता है क्योंकि लोगों को एक महिला से कम खतरा होता है।” मैरी एलेन ने अपने करियर में सबसे अधिक ध्यान समाज के हाशिये पर खड़े लोगों पर केंद्रित किया जैसे सेक्स वर्कर्स, बेघर बच्चे, मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज और ड्रग्स से पीड़ित युवा। उन्होंने इन विषयों को न केवल कलात्मक दृष्टिकोण से, बल्कि मानवीय और सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रस्तुत किया। उनके द्वारा खींची गई तस्वीरें गहरे अर्थ और भावनात्मक तीव्रता के साथ आती हैं, जो देखने वालों को सोचने पर मजबूर करती हैं।

फ़ॉकलैंड रोड: सेक्स वर्कर्स और समाज की अनदेखी कहानियां

तस्वीर साभारः NPR

मैरी एलेन मार्क की सबसे प्रभावशाली तस्वीरें सेक्स वर्कर्स के जीवन पर आधारित हैं। उनके 1977 के प्रोजेक्ट ‘फॉकल प्वाइंट’ के तहत उन्होंने भारत के बॉम्बे (अब मुंबई) शहर की सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों के जीवन का दस्तावेजीकृत किया। इस प्रोजेक्ट के दौरान उन्होंने कमाठीपुरा (मुंबई का रेड लाइट एरिया) की महिलाओं के जीवन के संघर्ष, उनकी तकलीफों और समाज के हाशिये पर उनके अस्तित्व को अपने कैमरे में कैद किया।

फ़ॉकलैंड रोड मुंबई के उन इलाकों में एक था जहां गरीबी, शोषण और मानव तस्करी चरम पर थी। मैरी एलेन मार्क का उद्देश्य न केवल इन वेश्याओं की तस्वीरें लेना था, बल्कि उनके जीवन की वास्तविकता को सामने लाना भी था। उन्होंने सेक्स वर्कर्स की जिंदगी के उन पहलुओं को उजागर किया, जो अक्सर अनदेखे रह जाते थे। इन महिलाओं के दर्द, संघर्ष और उनके जीवन के छोटे-छोटे खुशियों के पलों को संवेदनशीलता तरीके से कैमरे में कैद किया। 

वार्ड 81(1979) प्रोजेक्ट एक मानसिक अस्पताल के महिला वार्ड में रह रही महिलाओं के जीवन पर आधारित था। आर्गन के इस मानसिक अस्पताल में जाकर मैरी ने वहां की महिलाओं की जिंदगी की तस्वीरें खींची और उनके दर्द, संघर्ष और मानवता को बहुत ही संवेदनशील तरीके से दिखाया।

करीब 10 वर्षों तक मैरी फाल्कलैंड की सड़कों पर भटकी जब उन्होंने तस्वीर लेने की कोशिश की तो सेक्स वर्कर्स और उनके ग्राहकों से मार-पीट तक का सामना करना पड़ा। उन्हें गालियां और उनके ऊपर महिलाओं ने कचरा भी फेंका लेकिन उन्होंने हार नहीं माना। इस बारे में उन्होंने लिखा है कि जैसे-जैसे दिन बीतते गए और लोगों ने मेरी दृढ़ता देखी, वे जिज्ञासु होने लगे। कुछ महिलाएं सोचती थी कि मैं पागल हूं, लेकिन कुछ मेरे उनके प्रति रुचि और स्वीकृति से हैरान थीं।” अपने इस काम को पूरा करने के लिए उन्होंने धीरे-धीरे दोस्त बना कर महिलाओं के जीवन में प्रवेश किया और उनका भरोसा जीता। मार्क अपनी किताब में लिखती है कि मुझे नहीं पता था कि मैं ऐसा कर पाऊंगी या नहीं, लेकिन मुझे पता था कि मुझे कोशिश करनी है।

तस्वीर साभारः Exibard Streat

मैरी ने सबसे पहले उन सेक्स वर्कर्स को दोस्त बनाया जो कुछ भी बताने में संकोच नहीं करती थी। उनके साथ वे आलेंपिया कैफ़े में मिलती थी, जो लड़कियों की पसंदीदा जगह थी। मार्क ने लिखा, “मैंने वहां घंटों बिताए, चाय पी और कव्वाली, ज्यूकबॉक्स पर हिंदी फिल्मी गाने सुने।” मुंबई सेक्स वर्कर्स के जीवन पर आधारित उनका काम “Falkland Road: Prostitutes of Bombay” को 1981 में एक फोटोग्राफी पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया। जिसने दुनियाभर में ध्यान आकर्षित किया। इस प्रोजेक्ट की वजह से मैरी एलेन को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। उनकी यह तस्वीरें आज भी उन सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह प्रोजेक्ट फोटोग्राफी की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है, क्योंकि यह न केवल कला के रूप में देखा गया, बल्कि सामाजिक जागरूकता फैलाने का भी एक सशक्त माध्यम बना।

मैरी ने अपने फोटोग्राफी प्रोजेक्ट से समाज के जिस वर्ग की तस्वीरें पेश की है उनके जीवन को अक्सर उनकी सामाजिक पहनाच की वजह नज़रअंदाज कर दिया जाता है। स्ट्रीटवाइज (1983) प्रोजेक्ट सिएटल में बेघर युवाओं के जीवन पर आधारित था। इस परियोजना में मैरी ने कई बच्चों की तस्वीरें लीं, जिनमें से एक लड़की “टिनी” की तस्वीरें विशेष रूप से प्रसिद्ध हुईं। इस प्रोजेक्ट पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी, जिसे उनके पति मार्टिन बेल ने निर्देशित किया था। मार्क ने अगले 30 वर्षों तक युवा सेक्स वर्कर ‘टिनी’ की तस्वीरें खींचना जारी रखा। इस फिल्म और फोटोग्राफी प्रोजेक्ट ने बेघर युवाओं के संघर्षपूर्ण जीवन को बारीकी से दिखाया।

तस्वीर साभारः The Image Center

वार्ड 81(1979) प्रोजेक्ट एक मानसिक अस्पताल के महिला वार्ड में रह रही महिलाओं के जीवन पर आधारित था। आर्गन के इस मानसिक अस्पताल में जाकर मैरी ने वहां की महिलाओं की जिंदगी की तस्वीरें खींची और उनके दर्द, संघर्ष और मानवता को बहुत ही संवेदनशील तरीके से दिखाया। मैरी का मानना था कि कुछ पेशों में यात्रा करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि उसे एक जगह बैठ कर या कल्पना के आधार पर सृजित नहीं किया जा सकता है। खासकर जब आप समाज के हर के हर पहलू को देखने और समझने का प्रयास कर रहे होते है। यात्रा करने से हम विभिन्न संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, और लोगों के जीवन के अलग-अलग तरीके समझ पाते हैं। यह न सिर्फ हमारी सोच को व्यापक बनाता है, बल्कि हमें समाज के उन हिस्सों से भी रूबरू कराता है जिनके बारे में हम कभी नहीं जानते थे।

मैरी एलेन अपने काम में यात्रा के महत्व को समझाते हुए कहती हैं, “मैं जो काम करती हूं, उसमें यात्रा करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि काम पूरे देश और पूरी दुनिया में होता है। आपको खुद को उस तरह की आज़ादी देने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसका किसी के निजी जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है। कभी-कभी मैं ऐसे लोगों को देखती हूं जिनका जीवन केंद्रित होता है, जो वास्तव में घर पर समय बिताते हैं। कभी-कभी मुझे उनके जीवन से ईर्ष्या होती है, लेकिन फिर अगर मुझे यह सब फिर से करना पड़े तो मैं निश्चित रूप से फिर से वही विकल्प चुनूंगी। मुझे डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़ी पसंद है, लेकिन इसलिए भी क्योंकि मेरी फ़ोटोग्राफ़ी के ज़रिए मैं बहुत से ख़ास लोगों से मिली हूं और बहुत से लोगों के जीवन का अनुभव किया है। उदाहरण के लिए, अगर मैं डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र नहीं होती तो मैं फ़ॉकलैंड रोड की महिलाओं या स्ट्रीट वाइज़ की युवा लड़की टिनी को कभी नहीं जान पाती।”

मैरी एलेन मार्क की सबसे प्रभावशाली तस्वीरें सेक्स वर्कर्स के जीवन पर आधारित हैं। उनके 1977 के प्रोजेक्ट ‘फॉकल प्वाइंट’ के तहत उन्होंने भारत के बॉम्बे (अब मुंबई) शहर की सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों के जीवन का दस्तावेजीकृत किया।

पुरस्कार और सम्मान

मैरी एलेन मार्क ने अपने जीवन में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते और उनकी फोटोग्राफी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सराहा गया। उनकी तस्वीरें दुनिया भर के बड़े म्यूजियम और गैलरीज में प्रदर्शित हुई हैं। उन्होंने कई फोटोग्राफी किताबें भी प्रकाशित की, जो आज भी फोटोग्राफी के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। साल 2014 में मैरी को लंदन में सोनी फोटोग्राफी आर्वड्स में वल्ड फोटोग्राफी ऑर्गनाइजेशन द्वारा फोटोग्राफी में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गाया। न्यूयॉर्क में जॉर्ज ईस्टमैन हाउस में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया से नवाज़ा गया। मैरी मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम का सामना कर रही थी और साल 2015 में 75 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। 

सोर्सः 

  1. The Guardian
  2. americansuburbx.com

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