नारीवादी शब्दकोश
यह संसाधन नारीवाद के केंद्र में प्रमुख अवधारणाओं, आंदोलनों और आंकड़ों की स्पष्ट और संक्षिप्त परिभाषाएं प्रदान करता है।

नारीवादी शब्दकोश में आपका स्वागत है। यह हिंदी भाषी समुदाय के लिए नारीवादी विचारों को समझने और उन्हें अपनी सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत ज़िंदगी में अपनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
यह शब्दकोश नारीवाद के केंद्र में प्रमुख अवधारणाओं, आंदोलनों और आंकड़ों की स्पष्ट और संक्षिप्त परिभाषाएं प्रदान करता है। 'इंटरसेक्शनैलिटी' (समावेशिता) से लेकर 'पितृसत्ता' तक, हर टर्म आपके नारीवादी विमर्श की समझ को बढ़ाने के लिए तैयार की गई है।
यह शब्दकोश खासतौर पर विद्यार्थियों, कार्यकर्ताओं, नागरिक समाज संगठनों और उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो जेंडर, यौनिकता, जाति, विकलांगता और अन्य सामाजिक मुद्दों के विविध पहलुओं को समझना चाहते हैं।
हमारी यह शब्दकोश आपको नारीवादी शब्दों और उनके अर्थों को रोजमर्रा के कामों और चर्चाओं में भागीदारी निभाने और समावेशी नारीवाद के बारे में आपकी समझ को बनाने और विस्तारित करने में मदद करेगी। न्याय और समानता की लड़ाई को आकार देने वाले शब्दों के बारे में अपने ज्ञान को गहरा करने के साथ-साथ सूचित और प्रेरित रहें।
अबॉर्शन (Abortion)
अबॉर्शन एक प्रक्रिया है जिसमें गर्भ में पल रहे भ्रूण या उसके शुरुआती रूप को गर्भधारण की पूरी अवधि से पहले पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। यह दो तरह का हो सकता है – एक स्वाभाविक अबॉर्शन (Miscarriage) और प्रेरित गर्भपात (Induced Abortion)। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सुरक्षित अबॉर्शन एक महिला के प्रजनन अधिकारों का हिस्सा है। अबॉर्शन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है, जो कई बार जानलेवा भी साबित होता है। इसकी शुरुआत हल्के से पेट दर्द या पेल्विक में सूजन से होती है। इस कैंसर में महिलाओं के ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते है। ओवेरियन कैंसर का पता अक्सर तब चलता है जब ये पेल्विक और पेट में फैल नहीं जाता है, जिसकी वजह से इसका इलाज कठिन हो जाता है। ओवेरियन कैंसर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
आपातकालीन गर्भनिरोधक (Emergency Contraceptive)
आपातकाली गर्भनिरोधक गर्भावस्था को रोकने का काम करते हैं अबॉर्शन का नहीं। आपातकालीन गर्भनिरोधक अलग अलग रूप में विभिन्न समय अवधि में गर्भावस्था को रोकने के लिए काम करते हैं लेकिन अगर गर्भ ठहर गया है तो ये उस गर्भावस्था को रोक नहीं सकते। आपातकालीन गर्भनिरोधक के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
आर्थराइटिस (Arthritis)
आर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ों में सूजन और कोमलता है। इसका मुख्य लक्षण जोड़ों में दर्द और अकड़न है जो उम्र के साथ बहुत जटिल हो जाती है। गठिया कई प्रकार ही होती है। मायो क्लीनिक में छपी जानकारी के अनुसार सबसे कॉमन ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटीइड आर्थराइटिस है। आर्थराइटिस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
आंतरिक स्त्रीद्वेष (Internalized Misogyny)
समाज में स्त्रियों की आज़ादी के लिए एक बड़ा खतरा है आंतरिक स्त्रीद्वेष। पितृसत्ता से निकली यह आत्मघाती सोच स्त्रियों को ख़ुद को और दूसरी स्त्रियों को कमतर मनाने की दिशा में ले जाती है। आंतरिक स्त्रीद्वेष के तहत स्त्रियां खुद लैंगिक भेदभाव का परिचय देती हैं। आंतरिक स्त्रीद्वेष के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
इंटरसेक्शनल फेमिनिज़म (Intersectional Feminism)
इंटरसेक्शनल फेमिनिज़म को पहली बार अमेरिकी प्रोफेसर किमबर्ले क्रेंशाव ने साल 1989 में परिभाषित किया था। इस सिद्धांत के तहत यह माना जाता है कि महिलाएं समाज में अलग-अलग आधारों पर दमन और भेदभाव का सामना करती हैं। इंटरसेक्शनल फेमिनिज़म के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स (Intimate Hygiene Products)
वजाइना की स्वच्छता और उसकी सुंदरता को बनाने के लिए वजाइनल वॉश, वजाइन स्प्रे, वजाइना वाइप, वाइटनिंग क्रीम और वजाइना डियो जैसे बहुत से प्रॉडक्ट्स उपलब्ध हैं।इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ (Infiltrative Bowel Disease)
इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ उन स्थितियों का समूह है जो पाचन तंत्र पर असर डालती है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ (आईबीडी) में पाचन तंत्र पर सूजन और दर्द होता है। इस वजह से पेट फूलना, भोजन पाचन में समस्या आदि आती है। इंफिलेमेंटरी बाउल डिसीज़ के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
इंटिमेट पार्टनर वायलेंस (Intimate Partner Violence)
शादी, डेटिंग या लिव-इन रिलेशनशिप में एक साथी का दूसरे साथी को शारीरिक, मानसिक या यौन आघात पहुंचाना अंतरंग साथी हिंसा (इंटिमेट पार्टनर वायलेंस) कहलाता है। एक साथी द्वारा दूसरे की शारीरिक स्वतंत्रता को खत्म करना, उसके साथ जबरदस्ती करना और उस पर स्वामित्व स्थापित करना इंटिमेट पार्टनर वायलेंस है। इंटिमेट पार्टनर वायलेंस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
आपातकालीन गर्भनिरोधक (Emergency Contraception)
इमरजेंसी गर्भनिरोधक एक ऐसी दवा है, जो असुरक्षित यौन संबंध या गर्भनिरोधक असफल होने के बाद अनचाही गर्भावस्था को रोकने के लिए ली जाती है। इसे आमतौर पर असुरक्षित संबंध के 72 घंटे के भीतर लेना प्रभावी होता है। इसे "मॉर्निंग आफ्टर पिल" के नाम से भी जाना जाता है। इमरजेंसी गर्भनिरोधक के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ईको एंग्जायटी (Eco Anxiety)
जलवायु परिवर्तन की वजह से होनेवाले प्रभावों के कारण मनौवैज्ञानिक तौर पर प्रभावित होते हैं जिसे ईको एंग्जायटी कहा जाता है। इसे ‘क्लाइमेट एंग्जायटी’ भी कहा जाता है। ईको एंग्जायटी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ईको जेंडर गैप (Eco Gender Gap)
ईको जेंडर गैप से मतलब वास्तव में यह है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं पर पर्यावरण सरंक्षण का अधिक भार है। महिलाएं अधिक दोबारा इस्तेमाल होने वाले सामान का इस्तेमाल करती हैं। वे प्लास्टिक के इस्तेमाल करने से बचती है। ईको जेंडर गैप के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ईको फेमिनिज़म (Ecofeminism)
ईको फेमिनिज़म नारीवाद की ही एक शाखा है जिसमें प्रकृति और महिलाओं के संबंध में समानता स्थापित करते हुए उनकी परेशानियों को उजागर किया जाता है। ईको फेमिनिज़म संस्कृति, धर्म, साहित्य में महिलाओं और प्रकृति के बीच संबंधों की खोज करता है और प्रकृति के उत्पीड़न और महिलाओं के उत्पीड़न के बीच समानता को दर्शाता है। ईको फेमिनिज़म के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एमेनोरिया (Amenorrhea)
एमेनोरिया एक ऐसी शारीरिक स्थिति है जिसमें एक औरत को प्रजनन की उम्र की होने के बावजूद किसी कारण पीरियड्स नहीं आते। ये अपने आप में एक बीमारी तो नहीं है पर इसके पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें प्रजनन-संबंधित बीमारियां भी शामिल हैं। एमेनोरिया के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एबनॉर्मल यूटराइन ब्लीडिंग (Abnormal Uterine Bleeding)
एबर्नामल युटरिन ब्लीडिंग हार्मोन में होने वाला एक असंतुलन है। जब गर्भाशय एग रिलीज करता है, तब हार्मोन यूटरस की लाइन को बहाने (वहां जमे रक्त कोशिकाओं) के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रक्रिया को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। एबनॉर्मल यूटराइन ब्लीडिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS)
Aromantic people feel little or no romantic attraction to others. They may or may not feel sexual attraction towards other people.
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस शरीर की एक दर्दनाक स्थिति है जिसमें गर्भाशय के बाहर गर्भ के अंदरूनी अस्तर का विकास होने लगता है। आसान शब्दों में समझे तो वे टिशूज़ जो सामान्य रूप से गर्भाशय के बाहर होते हैं वे इस स्थिति में गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। एंडोमेट्रियोसिस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एनीमिया (Anemia)
एनीमिया, रक्ताल्पता यानि मानव शरीर में खून की कमी होना। यह शरीर की लाल रक्त कोशिका में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आने से होता है। हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन को प्रवाहित करता है। इसकी कमी होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिस कारण व्यक्ति थकान और कमज़ोरी महसूस करने लगता है। एनीमिया के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एग फ्रीजिंग (Egg Freezing)
एग फ्रीजिंग को उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन (oocyte cryopreservation) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, अंडे को बढ़ाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। उसके बाद उन अंड़ों को ओवरी से अलग किया जाता है। भविष्य में इनका इस्तेमाल गर्भ धारण करने के लिए किया जाता है। एग फ्रीजिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एबलिज़्म (Ableism)
एबलिज़्म उन विश्वासों या प्रथाओं का समूह है जो शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक विकलांगता वाले लोगों का वैल्यू कम करते हैं और उनके साथ भेदभाव करते हैं और अक्सर इस धारणा पर आधारित होते हैं कि विकलांग लोगों को किसी न किसी रूप में 'ठीक' किया जाना चाहिए। एबलिज़्म के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
एरोमैंटिसिज्म (Aromanticism)
एरोमेंटिक लोग दूसरों के प्रति बहुत कम या बिलकुल भी रोमांटिक आकर्षण महसूस नहीं करते। वे अन्य लोगों के प्रति यौन आकर्षण महसूस कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं।
एसेक्शुअलिटी (Asexuality)
एसेक्शुअलिटी एक व्यापक स्पेक्ट्रम वाला सेक्शुअल ओरीएन्टेशन है और इसकी कोई तय परिभाषा नहीं है। स्पेक्ट्रम कम या दुर्लभ यौन आकर्षण से लेकर बिल्कुल भी यौन आकर्षण न होने तक फैला हुआ है।
एक्टोपिक प्रेग्नन्सी (Ectopic Pregnancy)
एक्टोपिक गर्भावस्था तब होती है जब फर्टिलाइस्ड एग इमप्लान्ट गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित हो जाता है, अधिकतर दो फैलोपियन ट्यूबों में से एक में या, बहुत कम मामलों में, अबडोमिनल कैविटी में, जिससे गर्भवती महिला को गंभीर खतरा पैदा हो जाता है।
एलीट सस्टनेबिलिटी (Elite Sustainability)
एलीट सस्टेनेबिलिटी उस स्थिति को दर्शाता है जहां पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ जीवनशैली मुख्य रूप से समाज के संपन्न और विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों तक सीमित रहती है। इसमें महंगे ऑर्गेनिक उत्पाद, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, हाई-एंड इको-फ्रेंडली फैशन और टिकाऊ रहने की सुविधाएं शामिल होती हैं, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर होती हैं। यह दृष्टिकोण समावेशी नहीं होता और व्यापक स्तर पर पर्यावरणीय बदलाव लाने में बाधा बन सकता है।
ऐनोरेक्सीया
ऐनोरेक्सीया नर्वोसा एक तरह की मानसिक बीमारी है, जो ‘ईटिंग डिसॉर्डर’ (खाद्य रोग) की श्रेणी में आती है। ‘ईटिंग डिसॉर्डर’ ग्रस्त लोगों में बहुत ज़्यादा या बहुत कम खाने की प्रवृत्ति होती है, जिसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर नज़र आता है। ऐनोरेक्सीया के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ओवेरियन सिस्ट
ओवेरियन सिस्ट या अंडाशय में गांठें एक आम बीमारी है, जो प्रजनन प्रणाली से जुड़ी है। कई बार ओवरी में छोटी गांठें बन जाती हैं जो किसी थैली में भरे तरल पदार्थ जैसी होती है, इन्हें ही ओवेरियन सिस्ट या अंडाशय में गांठें हो जाना कहा जाता है। ये सिस्ट कई तरह की होती हैं। ओवेरियन सिस्ट के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
कमोडिटी फेमिनिज़म
आज जहां नारीवादी आंदोलन की अपनी एक आवाज़ और पहचान है, जिस तरह से लोग इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं, वहीं कंपनियां अब अपने फायदे के लिए खुद को बतौर नारीवादी पेश कर रही हैं। इन ब्रैंड्स की ये मार्केटिंग स्कीम दशकों से चल रहे नारीवादी संघर्ष को कई पैमानो पर धूमिल करती है। ब्रैंड्स के इस चलन को ‘कमोडिटी फेमिनिज़म’ कहा जाता है यानि नारीवादी संघर्ष का सिर्फ अपने व्यवसाय के लिए इस्तेमाल करना। कमोडिटी फेमिनिज़म के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
क्रोनिक पेल्विक पेन (Chronic Pelvic Pain)
पेट के निचले हिस्से में लगातार या रुक-रुक कर होने वाले दर्द को क्रोनिक पेल्विक पेन (सीपीपी) के रूप में परिभाषित किया जाता है। हालांकि यह दर्द कोई घातक रूप नहीं लेता। मगर इसकी समय सीमा अधिकतम 5 से 6 महीने तक की हो सकती है। क्रोनिक पेल्विक दर्द एक सामान्य स्थिति है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। क्रोनिक पेल्विक पेन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
क्लाइमेट फाइनेंस (Climate Finance)
क्लाइमेट फाइनेंस से मतलब ऐसे पैसे से है जिसका इस्तेमाल उत्सर्जन को कम करने, ग्रीन हाउस गैसों की सिंक बढ़ाना और जलवायु परिवर्तन की वजह से मानव और पारिस्थितिक तंत्र पर पड़ने वाले असर को कम करने की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए होता है। क्लाइमेट फाइनेंस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
क्लाइमेट रिफ्यूजी (Climate Refugee)
दुनिया में विशेषतौर पर विकासशील देशों में बड़ी संख्या में लोग पहले कभी न देखे गए पैमाने पर सूखे, बाढ़ और तूफानों का सामना कर रहे हैं। प्रकृति के इस बदलाव की वजह से लोगों को अपने घरों और समुदायों को छोड़ना पड़ता है। इन लोगों को जलवायु शरणार्थी या जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में विस्थापित कहा जाता है। यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी (यूएनएचसीआर) का अनुमान है कि हर साल चरम मौसमी घटनाओं की वजह से 23 मिलियल लोग अपने घरों से विस्थापित होते हैं। क्लाइमेट रिफ्यूजी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
कॉम्प्रेहेंसिव सेक्सुअलिटी एजुकेशन (Comprehensive sex education)
लड़के और लड़की के नाम पर जेंडर को परिभाषित करते हुए हुए अलग-अलग ज़िम्मेदारियां इस तय ढांचे के तहत बांट दी जाती हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि जो जेंडर और सेक्स लोगों को ये पितृसत्तात्मक समाज उनके जन्म के समय देता है, वे उससे खुद को आइडेंटिफाई करें। कॉम्प्रेहेंसिव सेक्सुअलिटी एजुकेशन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy)
क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के अंतर्गत आने वाले प्रेग्नेंट व्यक्ति इस बात से अनजान होते हैं कि वह प्रेग्नेंट हैं और वह इससे प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों अथवा डिलीवरी होने तक अनजान होते हैं तथा उनके रिश्तेदार, परिवार, सेक्सुअल पार्टनर तथा डॉक्टर भी उनके प्रेग्नेंट होने की वास्तविकता का पता नहीं चलता। क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
क्लाइमेट फिक्शन (Climate Fiction)
क्लाइ-फाई या क्लाइमेट फिक्शन आधुनिक समय के जलवायु संकट पर केंद्रित है। एंथ्रोपोसीन फिक्शन के नाम से मशहूर क्लाइ-फाई लेखकों के लिए एक ऐसा तरीका है जिससे वे उस स्थिति से निपट सकते हैं जो अब अपरिहार्य जलवायु आपदा की तरह प्रतीत होती है।
कल्चरल अप्रोप्रियेशन (Cultural Appropriation)
कल्चरल अप्रोप्रियेशन (सांस्कृतिक विनियोग) तब होता है जब प्रभावशाली समुदाय, हाशिए पर पड़े समुदायों की परंपराओं और सांस्कृतिक कलाकृतियों का, उनकी अनुमति और स्वीकृति के बिना, अनुचित तरीके से उपयोग करते हैं।
कस्टडियल रेप (हिरासत में बलात्कार)
कस्टडियल रेप यानी हिरासत में बलात्कार वह बलात्कार है जो तब होता है जब कोई व्यक्ति ‘हिरासत’ में होता है, यानी जब वह किसी अन्य व्यक्ति या संस्था की देखभाल, निगरानी और नियंत्रण में होता है, जिसे संरक्षक कहा जाता है। यह पुलिस अधिकारी, जेलर या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए बलात्कार के अपराध से संबंधित है, जिसके पास किसी व्यक्ति की वैध हिरासत है।
गर्ल बॉस फेमिनिज़म (Girl Feminism)
गर्ल बॉस कल्चर, पूंजीवाद का एक नया अवतार है। इसे महिला सशक्तिकरण के तौर पर देखा गया। जो 21वीं सदी की कामकाजी ताकतवर महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया गया है। साल 2008 की ग्लोबल फाइनेशियल क्रैश की घटना के बाद गर्ल बॉस कल्चर ने तूल पकड़ा। गर्ल बॉस कल्चर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
गैसलाइटिंग (Gaslighting)
मनोवैज्ञानिक इस शब्द का प्रयोग उन परिस्थितियों के लिए करते हैं जहां एक मैनिप्युलेटर किसी और को या लोगों के समूह को उनकी अपनी वास्तविकता, स्मृति या धारणाओं पर सवाल उठाने की कोशिश करते हैं। मनोवैज्ञानिक गैसलाइटिंग को हमेशा से एक गंभीर समस्या मानते आए हैं। गैसलाइटिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ग्रीन वॉशिंग (Greenwashing)
वैश्वीकरण के बढ़ते दौर में हमें ग्रीन वॉशिंग के प्रति भी जागरूक होने की आवश्यकता है। हम ग्रीन प्रोडक्ट प्रकृति हितैषी सोचकर खरीदते हैं लेकिन हमें ग्रीन लाई से बचने की जरूरत है। प्रोडक्ट को खरीदते समय उसकी पैकेजिंग को देखना चाहिए। ग्रीन वॉशिंग यह विश्वास दिलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि कंपनियां पर्यावरण की रक्षा के लिए जितना है उससे कहीं अधिक काम कर रही है। ग्रीन वॉशिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
चन्नार क्रांति
चन्नार क्रांति 19वीं सदी में केरल के कथित निचली जाति (नादर समुदाय) की महिलाओं द्वारा लड़ा गया सामाजिक आंदोलन था। उस समय, दलित महिलाओं को अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ढकने की अनुमति नहीं थी, जबकि ऊंची जातियों की महिलाओं को यह अधिकार था। चन्नार महिलाओं ने इस अन्याय का विरोध किया और अपने सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष किया। यह आंदोलन 1822 से 1859 तक चला और आखिरकार महिलाओं को कपड़े पहनने का अधिकार मिला। यह क्रांति भारत में जातिगत भेदभाव और लैंगिक समानता के लिए हुए महत्वपूर्ण आंदोलनों में से एक मानी जाती है। चन्नार क्रांति के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
चिपको आंदोलन
चिपको आंदोलन 1973 में उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश) के गांवों में शुरू हुआ एक पर्यावरण आंदोलन था, जिसका उद्देश्य वनों की कटाई रोकना था। इसमें ग्रामीणों, खासकर महिलाओं, ने पेड़ों से चिपककर (गले लगाकर) उन्हें कटने से बचाया। यह आंदोलन सुंदरलाल बहुगुणा और गौरा देवी के नेतृत्व में चला और वनों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इसके प्रभाव से सरकार को जंगलों की कटाई पर रोक लगानी पड़ी और यह आंदोलन दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में जाना गया।
जेंडर बेस्ड सेंसरशिप
अधिकार, साहित्य और विकास के लिए महिला विश्व संगठन ने लैंगिक आधारित सेंसरशिप को सामाजिक तंत्र की एक श्रृंखला के रूप में परिभाषित किया है जो महिलाओं की आवाज़ को दबाने का काम करती है। यह उनके अनुभवों को नकारने और वैध मानने से इनकार करता है। उन्हें राजनीतिक बहसों से बाहर निकालने का काम करती है। जेंडर बेस्ड सेंसरशिप के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
जेंडर डिस्फोरिया (Gender Dysphoria)
जेंडर डिस्फोरिया एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति द्वारा महसूस की जाने वाली असुविधा और बेचैनी को दर्शाने के लिए किया जाता है, क्योंकि उसे लगातार यह एहसास होता रहता है कि उसके बायोलॉजिकल सेक्स और उसकी जेंडर आइडेंटिटी के बीच कोई मेल नहीं है। जेंडर डिस्फोरिया कोई मानसिक बीमारी नहीं है, लेकिन इसके कारण होने वाली असुविधा या असंतोष इतना ज्यादा हो सकता है कि यह कभी-कभी चिंता, अवसाद या रोजमर्रा की जिंदगी को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ भी हो सकती हैं।
जेंडर फ्लूइडिटी (Gender Fluidity)
जेंडर फ्लूइडिटी उस अनुभव को दिखाती है जहां किसी व्यक्ति की लैंगिक पहचान स्थायी नहीं होती। जेंडरफ्लूइड व्यक्ति समय के साथ अपनी लैंगिक पहचान में बदलाव महसूस कर सकते हैं। कुछ लोग स्त्री और पुरुष पहचान के बीच तरलता का अनुभव करते हैं, जबकि कुछ पूरी तरह से नॉन-बाइनरी महसूस कर सकते हैं। यह एक स्वैच्छिक अनुभव भी हो सकता है, जहां व्यक्ति अपनी पहचान को समय और परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग रूप में देखता है।
टॉक्सिक फेमिनिटी (Toxic Femineity)
टॉक्सिक फेमिनिटी की अवधारणा ज्यादा प्रचलित साल 2010 के दशक में नारीवादी लेखकों और विद्वानों के द्वारा सामने आई जिसमें बताया गया कि यह महिलाओं के द्वारा महिलाओं को रूढ़िवादी और पारंपरिक व्यवहार में एक तरह से सीमित करती है।टीएसएस ज़्यादातर तब होता है जब शरीर में टैम्पॉन के बहुत देर तक रहने से उस पर एक तरह का बैक्टीरिया पैदा होता है। ये बैक्टीरिया हमारे वैजाइना से होते हुए हमारे पूरे शरीर मैं फैल जाता है। इसके कुछ शुरुआती लक्षण हमें अनुभव हो सकते हैं जैसे तेज़ बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, बदन दर्द, उलटी, दस्त, ब्लड प्रेशर में गिरावट, बेहोश होना, चक्कर आना, और मिर्गी के दौरे।
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Toxic Shock Syndrome)
टीएसएस ज़्यादातर तब होता है जब शरीर में टैम्पॉन के बहुत देर तक रहने से उस पर एक तरह का बैक्टीरिया पैदा होता है। ये बैक्टीरिया हमारे वैजाइना से होते हुए हमारे पूरे शरीर मैं फैल जाता है। इसके कुछ शुरुआती लक्षण हमें अनुभव हो सकते हैं जैसे तेज़ बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, बदन दर्द, उलटी, दस्त, ब्लड प्रेशर में गिरावट, बेहोश होना, चक्कर आना, और मिर्गी के दौरे। टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
टेक अब्यूज (Tech Abuse)
तकनीकी दुरुपयोग, डिजिटल तकनीक का गलत इस्तेमाल है जिसके द्वारा जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को नियंत्रित करने, मजबूर करने, धमकी देने या नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। मोटे तौर पर डिजिटल डिवाइस, नेटवर्क या सर्विस के द्वारा कोई भी खतरनाक या हानिकारक व्यवहार शामिल है। इसमें शारीरिक हिंसा, आर्थिक हिंसा और लैंगिक हिंसा शामिल है। टेक अब्यूज के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
डिफॉल्ट पैरेंट सिंड्रोम (Default Parent Syndrome)
डिफॉल्ट पैरेंट सिंड्रोम में परिवार के अंदर बच्चे से जुड़ी सभी या ज्यादातर जिम्मेदारियां किसी एक पैरेंट पर होती हैं जबकि दूसरा पैरेंट इन सब कार्यों में लगभग निष्क्रिय भूमिका निभाता है। इसमें एक ही एक्टिव पैरेंट होता है जिसके ऊपर बच्चे की परवरिश से जुड़ी ज्यादा या सारी जिम्मेदारियां होती हैं। डिफॉल्ट पैरेंट सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea)
हर महीने पीरियड्स के पहले दिन या शुरुआत के कुछ दिनों में पेटदर्द, बदनदर्द, उलटी, दस्त जैसी तकलीफ़ें महसूस हो सकता है। इसे डिसमेनोरिया कहा जाता है और आम भाषा में हम इसे ‘पीरियड क्रैम्प्स’ या ‘पीरियड पेन’ के नाम से जानते हैं। पीरियड्स के वक़्त लगभग हर औरत को ही डिसमेनोरिया के थोड़े बहुत लक्षण महसूस होते होंगे पर इनमें से 10 फ़ीसद की हालत इतनी ख़राब हो जाती है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। डिसमेनोरिया के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
दलित नारीवाद
दलित नारीवाद कट्टरपंथी और उदारवादी नारीवाद की आलोचना करता है क्योंकि यह मुख्य रूप से उच्च और मध्यम जाति और वर्ग की महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों को संबोधित करता है, इसके बजाय एक ऐसे नारीवाद की वकालत करता है जो दलित महिलाओं के विशिष्ट संघर्षों को संबोधित करता है। 1990 के दशक में दलित नारीवादियों ने अपने मतभेदों को नाम देकर अपनी पहचान का दावा किया, मुख्यधारा के महिला आंदोलन और पुरुष-प्रधान दलित आंदोलन के खिलाफ असहमति जताई। दलित नारीवाद के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
धर्मपुरी जातीय हिंसा
धर्मपुरी जातीय हिंसा (2012) तमिलनाडु में हुई एक गंभीर जातिगत हिंसा थी, जो अंतरजातीय विवाह के कारण भड़की। यह घटना तब हुई जब एक दलित युवक ने वन्नियार समुदाय की एक युवती से विवाह किया। इस विवाह के विरोध में वन्नियार समुदाय के लोगों ने धर्मपुरी जिले के नाथम, अन्नापुरम और कोंडंपट्टी गांवों में दलितों के घरों पर हमला कर दिया। कई घर जला दिए गए, संपत्तियां नष्ट कर दी गईं, और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। यह घटना भारत में जारी जातिगत भेदभाव और हिंसा की एक भयावह मिसाल बनी, जिसने सामाजिक न्याय और जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर किया।
नारीवादी आंदोलन (Feminist Movement)
नारीवादी आंदोलन हमें दूरगामी रणनीति को तैयार करता है जो समस्या की मूल वजहों को पहचानने और इसके ख़िलाफ़ एक बड़े समूह को एकजुट करके जागरुका पैदा करने का काम करते हैं, जिससे बदलाव की प्रकिया का हिस्सा एक बड़ा समूह बने। नारीवादी आंदोलन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
नारीवादी अस्तित्ववाद (Feminist Existentialism)
नारीवादी अस्तित्ववाद (Feminist Existentialism) अस्तित्ववाद और नारीवाद के सिद्धांतों का संयोजन है, जो महिलाओं की स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय और पहचान की खोज पर केंद्रित है। यह विचारधारा सीमोन द बोउवार की प्रसिद्ध कृति द सेकेंड सेक्स (1949) से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने कहा कि "औरत पैदा नहीं होती, बल्कि बना दी जाती है।" नारीवादी अस्तित्ववाद पितृसत्ता द्वारा थोपे गए सामाजिक बंधनों को चुनौती देता है और महिलाओं को अपने जीवन के अर्थ और उद्देश्य को स्वतंत्र रूप से परिभाषित करने के लिए प्रेरित करता है। यह महिलाओं की एजेंसी को केंद्र में रखते हुए उनके व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों को समझने की कोशिश करता है।
नारीवादी विदेश नीति (Feminist Foreign Policy)
नारीवादी विदेश नीति लिंग-आधारित शक्ति गतिशीलता से निपटने और सुरक्षा, शांति, संप्रभुता, कामुकता, शासन और राष्ट्र-निर्माण की पारंपरिक अवधारणाओं को फिर से परिभाषित करने का प्रयास करती है। नारीवादी विदेश नीति के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
नारीवादी प्रकाशन (Feminist Publication)
नारीवादी प्रकाशन एक ऐसा मंच है जो लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय और हाशिए पर मौजूद आवाज़ों को केंद्र में रखते हुए लेखन और पत्रकारिता को बढ़ावा देता है। यह पारंपरिक पितृसत्तात्मक नैरेटिव को चुनौती देकर महिलाओं, LGBTQIA+ समुदाय और अन्य हाशिए के समूहों के अनुभवों, संघर्षों और उपलब्धियों को उजागर करता है। नारीवादी प्रकाशन का उद्देश्य सिर्फ साहित्य या मीडिया का सृजन करना नहीं, बल्कि एक ऐसे विमर्श को आगे बढ़ाना है जो समाज में संरचनात्मक बदलाव ला सके। नारीवादी प्रकाशन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
नारीवादी रंगमंच (Feminist Theatre)
नारीवादी रंगमंच (फेमिनिस्ट थिएटर) पितृसत्तात्मक संरचनाओं को चुनौती देने और लैंगिक समानता की आवाज़ बुलंद करने का एक सशक्त माध्यम है। यह नाटक महिलाओं के अनुभवों, संघर्षों और अधिकारों को केंद्र में रखता है, जिससे समाज में व्याप्त लैंगिक भेदभाव पर सवाल उठाए जाते हैं। नारीवादी थिएटर न केवल महिलाओं के मुद्दों को मंच पर लाता है, बल्कि परंपरागत कथानकों और प्रस्तुति शैलियों को भी तोड़ता है। यह एक ऐसा मंच है जो कला के जरिए सामाजिक परिवर्तन की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाता है। नारीवादी रंगमंच के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पितृसत्ता (Patriarchy)
पितृसत्ता एक सिस्टम के रूप में कैसे काम करता है। गर्डा लर्नर, महिलाओं के इतिहास पर लिखने वाली एक लेखिका के अनुसार पितृसत्ता के तहत यह माना जाता है कि मर्द औरतों से ज्यादा बेहतर होते हैं और औरतों पर मर्दों का कंट्रोल है या होना चाहिए। इसमें महिलाओं को पुरुषों की संपत्ति के तौर पर देखा जाता है। पितृसत्ता के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पीरियड्स अंडरवियर्स (Period Underwear)
पीरियड्स अंडरवियर्स किसी भी आम अंडरवियर्स की तरह ही दिखते हैं। मगर पीरियड अंडरवियर्स को ख़ासतौर पर पीरियड्स के लिए डिजाइन किया गया है। यह लोगों की मेंस्ट्रुअल हाइजीन का भी ख्याल रखती है। इसमें माइक्रोफाइबर पॉलीएस्टर कपड़ा होता है, जो मेंस्ट्रुअल ब्लड यानी कि पीरियड्स के दौरान होने वाले रक्त स्राव को सोख लेता है। पीरियड्स अंडरवियर्स के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पोस्ट-अबार्शन केयर (Post Abortion Care)
पोस्ट अबॉर्शन केयर से मतलब अबॉर्शन करवाने के बाद उसके उपचार, डॉक्टर का परामर्श और उससे संबधित देखभाल से है। अबॉर्शन केयर के तहत अबॉर्शन से जुड़ी जटिलताओं, उससे जुड़े निवारण और भविष्य में अनचाहे गर्भ को नियंत्रित करने के लिए बर्थ कंट्रोल उपाय के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाना आदि शामिल होता है। पोस्ट अबॉर्शन केयर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम (Pre Menstrual Syndrome)
पीरियड शुरू होने के कुछ दिन पहले चिड़चिड़ापन, चेहरे पर पिंपल्स आना और मूड स्विंग जैसे सिम्पटम के बारे में आपने सुना है या हो सकता है आपने इसे महसूस भी किया हो। पीरियड शुरू होने से पहले शरीर और मन में होने वाले इन बदलावों को पीएमएस या प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम कहते है। प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
परोपकारी लिंगभेद (Benevolent Sexism)
परोपकारी लिंगभेद सेक्सिज़म के ज़रिये पैदा हुआ उसका एक अलग रूप है। पितृसत्ता द्वारा तय किए गए मानकों को तोड़कर जब महिलाएं पुरुषों के आधिपत्य वाले क्षेत्र में दखल देती हैं तो पुरुषों को आश्चर्य तो होता ही है। महिलाओं की दखल को स्वीकार करना पितृसत्ता के लिए नामुमकिन काम है। इसका ही नतीजा हमें लिगंभेद तो कभी परोपकारी लिंगभेद के रूप में देखने को मिलता है। परोपकारी लिंगभेद के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पॉप फेमिनिज़म (Pop Feminism)
पाॅप फेमिनिज़म, पितृसत्ता को खत्म करने की कोशिश की बजाय कुछ विशेषाधिकार प्राप्त महिलाओं के हाथों में 'पावर' देता है और अपने 'नारीवाद' के लिए खुद की पीठ थपथपाता है। यह कुछ प्रभावशाली, लोकप्रिय और विशेषाधिकार प्राप्त महिलाओं को प्रतीक, मुर्ति या देवी की तरह दिखाता है और उसे नारीवादी चेहरे के रूप में प्रस्तुत करता है। पाॅप फेमिनिज़म के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
प्री मेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (Pre Menstrual Dysphoric Disorder)
प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर पीरियड्स से पहले की एक गंभीर स्थिति है जो पीरियड शुरू होने से 1-2 सप्ताह पहले महिलाओं में चिड़चिड़ापन, चिंता या डिप्रेशन का कारण बनती है। पीरियड्स शुरू होने के तुरंत बाद लक्षण आमतौर पर बेहतर हो जाते हैं। इसके कुछ अन्य लक्षण हैं – मूड स्विंग्स, क्रोधित और चिड़चिड़ा महसूस करना, तनावग्रस्त या चिंतित महसूस करना, उन चीज़ों में रुचि की कमी जो एक व्यक्ति आमतौर पर आनंद लेता है, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, थकान, नींद न आना, निराशा की भावनाएँ या आत्मघाती विचार आदि। प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पिंक टैक्स (Pink Tax)
पिंक टैक्स असल में कोई सीधा टैक्स नहीं है यानी इसे इनकम टैक्स या वैल्यू एडेड टैक्स की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। कुल मिलाकर यह सरकारों द्वारा निर्धारित प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष कर की श्रेणी में नहीं आता है। असलियत में, यह एक अदृश्य जेंडर आधारित कीमत भेदभाव ( जेंडर बेस्ड प्राइस डिस्क्रिमिनेशन) है, जो औरतें अपने सामान और सेवाओं के लिए चुकाती हैं। पिंक टैक्स के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पोस्ट कोलोनियल नारीवाद (Post Colonial Feminism)
पोस्ट कोलोनियल नारीवाद को समझने के लिए इसकी मूल भावना को समझना होगा। यह नारीवाद 1980 के आसपास उस नारीवाद के जवाब और अलोचना में आया जो सिर्फ़ पश्चिमी संस्कृति और पुराने औपनिवेशिक कॉलोनियों की महिलाओं के अनुभवों पर आधारित था। इसका मानना है कि पश्चिमी संस्कृति के बाहर की महिलाओं का मुख्यधारा नारीवाद ने ठीक चित्रण और विश्लेषण नहीं किया है। पोस्ट कोलोनियल नारीवाद के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पीरियड पोवर्टी (Period Poverty)
“पीरियड पोवर्टी” शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी क्षेत्र में वित्तीय बाधाओं के कारण सेनेटरी उत्पादों जैसे साफ सूती कपड़ा, पैड, टेम्पून, मेंस्ट्रुअल कप आदि की कमी हो। पीरियड पोवर्टी का आसान शब्दों में मतलब है जब पीरियड्स प्रॉडक्ट्स खरीदना किसी के लिए महंगा सौदा बन जाए। साथ ही स्वच्छ पानी और शौचालय जैसी अन्य आवश्यक चीजों का भी अभाव हो। पीरियड पोवर्टी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression)
बच्चे का जन्म मां के लिए साधारण चिंता से लेकर खुशी, भय या उत्तेजना पैदा कर सकता है। महिलाओं को प्रसव के बाद न सिर्फ बच्चे की देखभाल बल्कि शारीरिक और हॉर्मोनल परिवर्तन का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए इन कारणों से महिलाएं अवसाद यानी पोस्टपार्टम डिप्रेशन की शिकार हो सकती हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पोस्ट अबॉर्शन केयर (Post Abortion Care)
पोस्ट अबॉर्शन केयर से मतलब अबॉर्शन करवाने के बाद उसके उपचार, डॉक्टर का परामर्श और उससे संबधित देखभाल से है। अबॉर्शन केयर के तहत अबॉर्शन से जुड़ी जटिलताओं, उससे जुड़े निवारण और भविष्य में अनचाहे गर्भ को नियंत्रित करने के लिए बर्थ कंट्रोल उपाय के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाना आदि शामिल होता है। पोस्ट अबॉर्शन केयर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पोस्टपार्टम हेमरेज (Postpartum Hemorrhage)
पोस्टपार्टम हेमरेज (पीपीएच) बच्चे के जन्म के बाद गंभीर वजाइनल ब्लीडिंग है। यह ब्लीडिंग खतरनाक स्थिति हो सकती है जिसे मौत तक हो जाती है। पीपीएच आमतौर पर बच्चे को जन्म देने के बाद होता है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइना से 500 मिली से ज्यादा खून निकलता है। सिजेरियन डिलीवरी में 1000 मिली ब्लीडिंग होती है और जब यह इससे ज्यादा होने लगे तो यह पोस्टपार्टम हेमरेज कहलाता है। पोस्टपार्टम हेमरेज के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पीसीओडी (PCOD)
पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑडर एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है, जिसमें रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हॉर्मोन असंतुलन पाया जाता है। इसमें महिला के शरीर में पुरुषों के अंदर बनने वाले हॉर्मोन एंड्रोजेन का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही ओवरीज में एक से ज़्यादा सिस्ट हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है, जिसका असर अंडों के विकास पर पड़ता है। जिस कारण ओवयुलेशन और पीरियड साइकिल रुक सकता है। पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑडर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
पीरियड फ्लू (Period Flu)
महिलाएं पीरियड्स के दौरान असहजता और दर्द का सामना करती हैं। इनमें से कुछ महिलाओं को इस समय फ्लू जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं, जिसे आमतौर पर पीरियड फ्लू कहा जाता है। ‘फ्लू’ शब्द इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसमें सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। पीरियड फ्लू के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia)
फाइब्रोमायल्जिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें कई तरह की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति से गुजरना पड़ता है। फाइब्रोमायल्जिया बीमारी को अक्सर गलत समझा जाता है। आमतौर पर इसे ल्यूपस और गठिया संबंधी बीमारी के रूपों के साथ वर्गीकृत किया जाता है। फाइब्रोमायल्जिया के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
फेमिनिस्ट इंटरनेट (Feminist Internet)
फ़ेमिनिस्ट मेंटरिंग (Feminist Mentoring)
फेमिनिस्ट आर्ट मूवमेंट (Feminist Art Movement)
फर्स्ट वेव ऑफ फेमिनिज़म (First Wave Of Feminism)
सेकेंड वेव ऑफ़ फेमिनिज़म (Second Wave Of Feminism)
थर्ड वेव ऑफ़ फेमिनिज़म (Third Wave Of Feminism)
फास्ट फैशन (Fast Fashion)
फ्री ब्लीडिंग मूवमेंट (Free Bleeding Movement)
फैट ऐकसेपटेन्स (Fat Acceptance)
फेमिनिस्ट थियेटर (Feminist Theatre)
फीमेल कंडोम (Female Condom)
बॉडी शेमिंग (Body Shaming)
अपने शरीर के रंग, बनावट, वजन और शेप को लेकर आपने कभी न कभी हंसी-मज़ाक़ में या कई बार गंभीर तानों में ऐसी बातें ज़रूर सुनी होंगी, जो कि बॉडी शेमिंग कहलाती है। बॉडी शेमिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ब्लेडर पेन सिड्रोम (Bladder pain syndrome)
इंटरस्टिशियल सिस्टिटिस (आईसी) या ब्लैडर पेन सिंड्रोम, यूरीनरी ब्लैडर में होने वाली एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है। पेनफुल ब्लैडर सिंड्रोम में ब्लैडर में दर्द, दबाव और परेशानी का सामना करते हैं। इस स्थिति में कुछ लोगों को बार-बार प्रेशर के साथ पेशाब करने की ज़रूरत महसूस होती है। ब्लैडर पेन सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
बैटर्ड वुमन सिंड्रोम (Battered woman syndrome)
बैटर्ड वुमन सिंड्रोम (बीडब्ल्यूएस) एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है। यह स्थिति व्यवहार के एक ऐसे स्वरूप को बताती है जो लंबे समय तक घरेलू हिंसा के सर्वाइवर लोगों में विकसित होती है। बैटर्ड वुमन सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Borderline Personality Disorder)
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है। यह डिसऑर्डर किसी व्यक्ति की भावनाओं को प्रबंधित करने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। बीपीडी का सामना कर रहे व्यक्ति अक्सर अपने स्वभाव में अस्थिरता का अनुभव करते हैं। साथ ही कई बार उनके लिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ब्रेस्ट फीडिंग (Breast Feeding)
आम तौर पर समाज यह मानता है कि महिलाओं को बच्चे होते ही, स्तनपान करवाना प्राकृतिक रूप से आना चाहिए। साथ ही यह माना जाता है कि बच्चों को स्तनपान करवाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की होती है। बच्चे के स्वास्थ्य और जीवन को सुरक्षित रखने के लिए स्तनपान सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। लेकिन विभिन्न संस्थाएं और स्वास्थ्य विशेषज्ञ आज स्तनपान को सिर्फ माँओं की एकल ज़िम्मेदारी नहीं मान रहे। ब्रेस्ट फीडिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
बाईसेक्शुऐलिटी (Bisexuality)
बाईसेक्शुऐलिटी अपने आप में ही एक अलग यौनिक परिचय है जिसका गे या स्ट्रेट होने से कोई संबंध नहीं है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि एक बाईसेक्शुअल इंसान को मर्द और औरत बराबर पसंद हों। हमें किसी एक लिंग से दूसरे की अपेक्षा ज़्यादा लगाव हो सकता है। हर इंसान के लिए उसकी बाईसेक्शुऐलिटी का अनुभव अलग होता है और हमें गे, स्ट्रेट, या दोनों घोषित कर देना सही नहीं है। बाईसेक्शुऐलिटी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
बॉडी डिसमोर्फिक डिसॉर्डर (Body dysmorphic disorder)
बॉडी डिसमोर्फिक डिसॉर्डर एक मानसिक बीमारी है जिससे ग्रस्त व्यक्ति को अपने चेहरे और शरीर से इस प्रकार नफ़रत हो जाती है कि वह इन्हें बदलने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाता है। उसे अपने चेहरे या शरीर पर ऐसी खामियां नज़र आने लगतीं हैं जिनका हकीकत में अस्तित्व ही नहीं है। अपने शरीर को ‘सुधारने’ के लिए वे अक्सर कई बार कई तरह की प्लास्टिक सर्जरियां करवाते हैं जिनका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे उनकी जान भी खतरे में आ जाती है। बॉडी डिसमोर्फिक डिसॉर्डर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें स्तन में कोशिकाओं की वृद्धि बढ़ जाती है। किसी व्यक्ति को किस प्रकार का स्तन कैंसर है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सी कोशिकाएँ कैंसरग्रस्त हो गई हैं। ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
बर्नआउट (Burnout)
बर्नआउट वह भावना है जिसमें आप हर काम से अभिभूत और थके हुए होते हैं, और साथ ही यह चिंता भी बनी रहती है कि आप पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं। बर्नआउट के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
भावनात्मक श्रम (Emotional Labour)
ईमोशनल लेबर या भावनात्मक श्रम सामाजिक या व्यावसायिक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भावनाओं को प्रबंधित करने का अक्सर अदृश्य और अवैतनिक प्रयास है, जिसे आमतौर पर महिलाएं और हाशिए पर पड़े समूह करते हैं। इसमें दूसरों को दिलासा देना, व्यक्तिगत भावनाओं को दबाना और कार्यस्थलों और रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखना जैसे कार्य शामिल हैं। भावनात्मक श्रम करने की क्षमता को अक्सर महिला श्रमिकों की एक अंतर्निहित गुणवत्ता के रूप में देखा जाता है, जो इस लिंग आधारित धारणा के अनुरूप है कि महिलाएं स्वाभाविक रूप से अधिक पोषण करने वाली होती हैं। ईमोशनल लेबर या भावनात्मक श्रम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
भीमा कोरेगांव युद्ध
भीमा कोरेगांव की लड़ाई 1 जनवरी 1818 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना के बीच लड़ी गई थी। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना में बड़ी संख्या में महार दलित सैनिक थे, जिन्होंने पेशवा की विशाल सेना के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की। यह लड़ाई दलित समुदाय के लिए सामाजिक न्याय और संघर्ष का प्रतीक बन गई। हर साल 1 जनवरी को हजारों लोग भीमा कोरेगांव विजय स्तंभ पर श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र होते हैं, जिसे दलित शौर्य और प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है। भीमा कोरेगांव की लड़ाई के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मेडिकल मिसोजिनी (Medical Misogyny)
मेडिकल साइंस के क्षेत्र में जेंडर आधारित पूर्वाग्रह के चलते महिलाओं को असमानता का सामना करना पड़ता है। इस क्षेत्र में होनेवाले शोध में महिलाओं और एलजीबीटी+ समुदाय के नज़रिए को शामिल नहीं किया जाता है। मेडिकल मिसोजिनी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मेन्स्ट्रूअल कप (Menstrual Cup)
मेन्स्ट्रूअल कप ईको-फ़्रेंड्ली और प्लास्टिक सेनेटरी पैड की अपेक्षा किफ़ायती होते है। रबर, सिलिकॉन या लैटेक्स से बना एक छोटा, लचीला कोन शेप का मेन्स्ट्रूअल कप का इस्तेमाल पीरियड के दौरान वजाइना में इंसर्ट करके किया जाता है, जिसमें पीरियड का ब्लड इकट्ठा हो जाता है। एक मेन्स्ट्रूअल कप को अच्छी तरह साफ़ करके कई सालों तक दुबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। मेन्स्ट्रूअल कप के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मिसकैरिज (Miscarriage)
प्रेगनेंसी के दौरान मिसकैरिज की बहुत ही कॉमन वजह जेनेटिक और मेडिकल समस्याएं हैं। कॉमन जेनेटिक समस्या की वजह से भ्रूण में क्रोमोसॉम की असमान्य संख्या हो जाती है जिस वजह से मिसकैरिज होता है। यह मिसकैरिज होने की सबसे आम वजहों में से एक मानी जाती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान अलग-अलग मेडिकल कंडीशन भी इसका कारण बनती है। मिसकैरिज के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मैरिटल रेप (Marital Rape)
कानून की तरफ़ से भारत के शादीशुदा मर्दों को एक सुरक्षा प्राप्त है अपनी पत्नी के साथ बलात्कार करने का। आईपीसी की धारा 375 के साथ जुड़े अपवाद का निष्कर्ष तो कुछ यही निकलता दिखाई देता है। किसी के साथ जबरन यौन संबंध बनाना अपराध है, बलात्कार है लेकिन वही काम जब कोई पति के रूप में पत्नी के साथ करता है तो वह अपराध की श्रेणी से बाहर हो जाता है। मैरिटल रेप के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
महिला आंदोलन
महिला आंदोलन क़ानून निर्माण या हिंसा के ख़िलाफ़ किसी महिला को न्याय दिलाने की बात करता है। महिला आंदोलन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मेकअप शेमिंग (Make-up Shaming)
‘मेकअप शेमिंग’ अंग्रेज़ी भाषा में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। इसका मतलब उस स्थिति से जहां एक व्यक्ति को मेकअप इस्तेमाल करने पर शर्मसार या अपमानित किया जाता है। ‘मेकअप शेमींग’ की प्रक्रिया घर से शुरू होकर स्कूल या कॉलेज से होते हुए दुनिया के हर कोने में मिल जाती है। मेकअप शेमिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मेनोपॉज (Menopause)
एक उम्र के बाद महिलाओं की ओवरी में फॉलिकल प्रोडक्शन खत्म हो जाता है। इसकी वजह से पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। 40-45 की उम्र के बाद पीरियड्स आना एकदम से बंद नहीं हो जाता, धीरे-धीरे ऐसा होता है। हार्मोन्स में बदलाव के कारण थकान और मूड स्विंगस् आदि भी होते हैं। मगर यह सब कुछ समय के लिए ही होता है। अगर मेनोपॉज़ के बाद भी आप ज्यादा थकान महसूस करें तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। मेनोपॉज़ के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मैनस्प्लेलिंग (Mansplaining)
मैनस्प्लेलिंग एक पुरुषवादी समाज की वास्तविकता है। यह पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा लैंगिक रूप से किया जाने वाला एक व्यवहार है जिसमें वे खुद को श्रेष्ठ मानते हुए महिलाओं से बात करते समय महिलाओं को कमत्तर आंकना, अधिक या कम समझाना के रूप में चीजों का वर्णन करते हैं। पुरुष अपना वर्चस्व बनाते हुए उस स्पेस को छोड़ना नहीं चाहते हैं। मैनस्प्लेलिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मेलगेज (Male Gaze)
मुल्वेय के अनुसार इस शब्द के पीछे की धारणा उन पुरुषों पर आधारित है जो इतरलिंगी (हेट्रोसेक्सुअल) हैं और पितृसत्ता के नियमों के अनुसार मर्दाना हैं। ऐसे पुरुष जिस नज़र से महिलाओं को देखते हैं, उनके अनुभवों को देखते हैं, उनके पूरे अस्तित्व को समझते हैं और समझाते हैं वही मेल गेज़ है। मेल गेज़ के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मथुरा रेप केस (Mathura Rape Case)
मथुरा रेप केस (1972) महाराष्ट्र केगढचिरौली क्षेत्र के देसाईगंज जिले में हुआ, जहां एक नाबालिग आदिवासी लड़की मथुरा के साथ पुलिस थाने में दो पुलिसकर्मियों ने बलात्कार किया। 1979 में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर आरोपियों को बरी कर दिया था कि सर्वाइवर ने प्रतिरोध नहीं किया। अदालत ने तर्क दिया कि मथुरा ने कोई शोर नहीं मचाया और उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं थे, जिससे संघर्ष साबित नहीं हुआ। जजों ने यह भी कहा कि वह पहले से यौन संबंध बना चुकी थी, इसलिए यह संबंध उसकी स्वेच्छा से हुआ। इस फैसले के खिलाफ देशभर में विरोध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 1983 में आईपीसी की धारा 376(2)(a) जोड़ी गई, जिससे पुलिस हिरासत, जेल, अस्पताल आदि में किए गए बलात्कार के लिए कड़ी सजा का प्रावधान हुआ। यह मामला भारत में बलात्कार कानून सुधारों की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हुआ। मथुरा रेप केस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
महिला विषयक चौथा विश्व सम्मेलन (बीजिंग, 1995) (Fouth World Conference on Women (Beijing 1995)
1995 में बीजिंग में आयोजित महिला विषयक चौथा विश्व सम्मेलन महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण वैश्विक पड़ाव था। इस सम्मेलन में 189 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और महिलाओं के सशक्तिकरण को वैश्विक एजेंडा का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में "बीजिंग घोषणा पत्र और कार्यवाही मंच" (Beijing Declaration and Platform for Action) को अपनाया गया, जिसमें 12 महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, हिंसा, राजनीतिक भागीदारी और आर्थिक समानता शामिल थे। यह दस्तावेज़ महिलाओं के अधिकारों को मानवाधिकार के रूप में मान्यता देता है और सरकारों को ठोस नीतियों व कानूनों के माध्यम से लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध करता है। बीजिंग सम्मेलन ने न केवल महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि भविष्य में लैंगिक समानता से जुड़े आंदोलनों और नीतिगत बदलावों की नींव भी रखी। महिला विषयक चौथा विश्व सम्मेलन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
यूटेरिन फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids)
यूटेरिन फाइब्रॉएड यानी गर्भाशय में गांठें एक नॉन कैंसर स्थिति है। यह एक जेनेटिक, हॉर्मोनल और प्रजनन संबंधी स्थिति है जो अक्सर लोगों को प्रभावित करती है। इस स्थिति में गर्भाशय में ट्यूमर हो जाता है जो गर्भाशय या उसके आसपास वाले क्षेत्र में बढ़ता चला जाता है। यूटेरिन फाइब्रॉएड के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
यूटीआई (UTI)
यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जिसे मूत्र मार्ग संक्रमण के नाम से जाना जाता है। यह महिलाओं में होने वाली सामान्य बीमारियों में से एक है। इसमें पेशाब के दौरान तेज जलन और दर्द का अनुभव होता है। बार- बार पेशाब का आना, पेशाब करने की तीव्र इच्छा और पेशाब को ज्यादा देर ना रोक पाना के अलावा पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द महसूस होता है। यूटीआई के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
यूट्राइन प्रोलैप्स (Uterine Prolapse)
बच्चेदानी महिलाओं के शरीर के निचले हिस्से में मूत्राशय और मलाशय के बीच स्थित होती है। जब पेल्विक फ्लोर की माँसपेशियां और टिशू कमज़ोर हो जाते हैं, तो बच्चेदानी के अपनी जगह से खिसकने की संभावना होती है। इसके चार स्टेज होते हैं। यूट्राइन प्रोलैप्स के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
रिप्रोडक्टिव कोअर्शन (Reproductive Coercion)
महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े फैसलों में हस्तक्षेप करना रिप्रोडक्टिव कोअर्शन कहलाता है। यह कई प्रकार का होता है। मान लीजिए किसी महिला को गर्भधारण करने के लिए बाध्य किया गया हो, इसे प्रेग्नेंसी कोअर्शन कहते हैं। यह बाध्यता महिला के पार्टनर, घर के अन्य सदस्यों द्वारा की जाती है। रिप्रोडक्टिव कोअर्शन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
लैंगिक/यौन हिंसा पर कैसे करें रिपोर्ट
लैगिंक/यौन हिंसा पर खबर या रिपोर्ट लिखते वक्त हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खबर/रिपोर्ट की भाषा संवेदनशील हो। अक्सर लैंगिक हिंसा/यौन हिंसा से जुड़ी खबरों को सनसनीखेज़ बनाने के उद्देश्य से खबरों, रिपोर्ट्स में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है जो बेहद असंवेदनशील होती हैं। लैगिंक/यौन हिंसा के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
लिपस्टिक नारीवाद (Lipstick Feminism)
‘लिपस्टिक नारीवाद’ महिला सशक्तिकरण में महिला यौन शक्ति के साथ स्त्रीत्व यानी फेमिनिटी की पारंपरिक अवधारणाओं को साथ लेकर चलता है। इन नारीवादियों का मानना है कि मेकअप और सेक्सी कपड़े पहनने से आप किसी नारीवादी से कम नहीं हो जाते। लिपस्टिक नारीवाद के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
लैंगिक हिंसा (Gender Based Violence)
लैंगिक हिंसा (लिंग आधारित हिंसा) वह हिंसा है जो किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को उनके लिंग के आधार पर लक्षित करती है, जिसके कारण शारीरिक, यौन या मनोवैज्ञानिक नुकसान होता है। यह लैंगिक असमानता, सत्ता के दुरुपयोग और दमनकारी लैंगिक मानदंडों में निहित है। लिंग आधारित हिंसा मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और यह एक ऐसा मुद्दा है जो व्यक्तियों के स्वास्थ्य, जीवन, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक सुरक्षा को खतरे में डालता है। ज़्यादातर मामलों में, लिंग आधारित हिंसा महिलाओं और अन्य लैंगिक अल्पसंख्यकों को असमान रूप से प्रभावित करती है। लैंगिक हिंसा के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
लैंगिक समानता (Gender Equity)
लैंगिक समानता का मतलब है सभी जेंडर के लिए उनकी संबंधित आवश्यकताओं के अनुसार निष्पक्ष व्यवहार। यह सभी जेंडर को एक समान लाने का प्रयास करता है। लैंगिक समानता एक जेंडर को दूसरे के बराबर नहीं मानती, बल्कि यह सभी जेंडर को संसाधनों के वितरण में निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करके उनके ऐतिहासिक और सामाजिक नुकसानों को दूर करने के लिए समान अवसर प्रदान करने का प्रयास करती है। लैंगिक समानता के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
विक्टिम ब्लेमिंग (Victim Blaming)
विक्टिम ब्लेमिंग यानि उसी व्यक्ति/इंसान का दोष निकालना या उसे ही दोषी करार दे देना जिसके साथ कोई अपराध हुआ हो। यहां दोषी की जगह पीड़ित/सर्वाइवर से ही सवाल किए जाते हैं। विक्टिम ब्लेमिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
वजाइनल स्पॉटिंग (Vaginal Spotting)
पीरियड्स से अलग अगर कभी भी वजाइना से हल्का खून आता है तो उसे ‘वजाइनल स्पॉटिंग’ कहा जाता है। मुख्य तौर पर यह मेंस्ट्रअल साइकिल के बीच में हल्की ब्लीडिंग होना है। वजाइनल स्पॉटिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
वैजिनिज़्मस (Vaginismus)
वैजिनिज़्मस एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें वजाइना की मसल्स में सिकुड़न होने लगती है, कई बार इसमें ऐठन का भी अनुभव होता है और वजाइना काफ़ी टाइट हो जाता है। इस स्थिति में इंटरकोर्स, मेन्सट्रुअल कप या टेम्पून या फिर डॉक्टर से इंटिमेट पार्ट की जाँच भी बेहद मुश्किल हो जाती है।वैजिनिज़्मस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
वाइट डिस्चार्ज (White Discharge)
महिलाओं के वजाइना से वाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है, ये वजाइना के स्वस्थ और सुरक्षित होने का संकेत देता है। लेकिन जैसे ही वजाइना में किसी भी तरह के इंफ़ेक्शन की शुरुआत होती है तो इसका सीधा असर वाइट डिस्चार्ज में देखने को मिलता है। आमतौर पर लड़कियों में पीरियड शुरू होने के साथ-साथ यानी कि प्यूबर्टी की एज से वाइट डिस्चार्ज होना शुरू होता है। वाइट डिस्चार्ज के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
वजााइनल रिंग (Vaginal Ring)
वजाइनल रिंग एक लचीला गोलाकार उपकरण है जिसे वजाइना यानी योनि के अंदर लगाया जाता है। यह योनि की दीवार के माध्यम से रक्त प्रभाव में धीरे-धीरे हार्मोन जारी करता है। यह हार्मोन गर्भावस्था को रोकने में मदद करते हैं। वजाइनल रिंग या बर्थ कंट्रोल रिंग में हार्मोन प्रोजेस्ट्रॉन और एस्ट्रोजन का संयोजन होता है जो ओव्यूलेशन को रोकता है। वजाइनल रिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
वजाइनल ड्राइनेस (Vaginal Dryness)
योनि के सूखेपन के लिए इलाज विकल्प आमतौर पर इसके कारण पर निर्भर करते हैं। मेनोपॉज की उम्र में पहुंचने के बाद महिलाओं में यह समस्या अधिक होती है। हालांकि, हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण कम उम्र की महिलाएं भी इससे ग्रसित हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भाशय में मौजूद सर्वाइकल ग्रंथि वेजाइना में प्राकृतिक लुब्रिकेशन यानी नमी पैदा करने के लिए जिम्मेदार होती है। यह वजाइना को नम और साफ रखने में मदद करती है। वजाइनल ड्राइनेस के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal Yeast Infection)
वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन एक सामान्य फंगल संक्रमण है, जो कैंडिडा नामक फंगस के अधिक बढ़ने से होता है। इससे खुजली, जलन, सफेद गाढ़ा डिस्चार्ज और सूजन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह आमतौर पर एंटीबायोटिक्स के ज्यादा इस्तेमाल, कमजोर इम्यूनिटी, डायबिटीज या हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। इसका इलाज एंटीफंगल क्रीम, दवाओं या घरेलू उपायों से किया जा सकता है। वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
शारीरिक स्वायत्तता (Bodily Autonomy)
शारीरिक स्वायत्तता या बोडिली औटोनॉमी का सरलतम शब्दों में अर्थ है: मेरा शरीर, मेरी पसंद। इस शब्द का अनिवार्य रूप से अर्थ है कि किसी व्यक्ति को अपने शरीर पर पूर्ण अधिकार होना चाहिए। उन्हें अपने शरीर के बारे में कोई भी विकल्प चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, चाहे वह कोई छोटी-मोटी बात हो जैसे कि अपने शरीर पर टैटू या बॉडी आर्ट बनवाना, सहमति से सेक्शुअल ऐक्टिविटी करना, अपनी पसंद का कोई भी पेशा अपनाना या सबसे बढ़कर अबॉर्शन करवाना। शारीरिक स्वायत्तता या बोडिली औटोनॉमी के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
स्त्री द्वेष (Misogyny)
स्त्री द्वेष महिलाओं या लड़कियों के प्रति नफरत या नापसंद है। ये महिलाओं से द्वेष, भेदभाव, महिलाओं की बदनामी, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और महिलाओं को आब्जेक्टिफाइ करने सहित कई मायनों में प्रकट हो सकता है। स्त्री द्वेष के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
स्टॉकहोम सिंड्रोम (Stockholm Syndrome)
स्टॉकहोम सिंड्रोम एक मानसिक प्रवृत्ति है जो शोषण और हिंसा से पीड़ित महिलाओं में अक्सर देखा जाता है। यह महिलाएं अपने अब्यूज़र का बचाव करती हैं। स्टॉकहोम सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर का मतलब होता है सर्विक्स में सेल्स की बेकाबू वृद्धि। सर्विक्स, यूटेरस के सबसे नीचे वाला हिस्सा होता है और जो वजाइना से भी कनेक्टेड होता है। यूटेरस, महिलाओं के शरीर का वो हिस्सा होता है जहां भ्रूण का विकास होता है। यूटरस और वजाइना, इन दोनों के बीच होता है- सर्विक्स। इस हिस्से में होने वाला कैंसर, सर्वाइकल कैंसर आम-तौर पर 30 साल से ऊपर की महिलाओं में होता है। सर्वाइकल कैंसर के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
सस्टेनबल मेंस्ट्रुएशन (Sustainable Menstruation)
सस्टेनबल मेंस्ट्रुएशन का मतलब है पीरियड्स के दौरान ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल करना जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए। सस्टेनबल मेंस्ट्रुएशन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
सस्टेनेबल फैशन (Sustainable Fashion)
सस्टेनेबल फैशन ऐसा तरीका है जिसमें कंपनियां ऐसे कपड़े बनाती हैं जो प्रदूषण को घटाने के साथ-साथ उन लोगों के प्रति भी सचेत रहते हैं जो यह कपड़े बनाते हैं। सरल शब्दों में कहें तो यह ऐसा फैशन है जो पर्यावरण के अनुकूल है और कपड़ा बनाने वाले मजदूरों के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का पालन करता है। सस्टेनेबल फैशन के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
सांस्कृतिक नारीवाद (Cultural Feminism)
मूल रूप से सांस्कृतिक नारीवाद रेडिकल फेमिनिस्टों से अलग विचार रखता है। रेडिकल फेमिनिज़म के बरक्स यह कोई विचारधारा न होकर मात्र कुछ वैचारिक मतभेद से उपजा नज़रिया है जो महिलाओं को शोषण से मुक्त करने का एक अलग रास्ता सुझाता है। सबसे पहले साल 1975 में ब्रोक विलियम्स ने सांस्कृतिक नारीवाद को परिभाषित करते हुए इसे ‘रेडिकल फेमिनिज़म का अराजनीतिकरण’ कहा था। सांस्कृतिक नारीवाद के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
साइबर वीएडब्ल्यू (महिलाओं के खिलाफ हिंसा)
साइबर वीएडब्ल्यू या महिलाओं के खिलाफ साइबर हिंसा को प्रौद्योगिकी या प्रौद्योगिकी-सहायक हिंसा का उपयोग करके महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार, धमकी, उत्पीड़न, पीछा करने या उल्लंघन के रूप में परिभाषित किया गया है। साइबर वीएडब्ल्यू के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
स्लट शेमिंग (Slut Shaming)
स्लट शेमिंग का मतलब किसी महिला या लड़की को उसके कपड़ों, यौन संबंधों, व्यवहार या पसंद के आधार पर शर्मिंदा करना या जज करना है। यह पितृसत्तात्मक सोच का हिस्सा है, जो महिलाओं की आज़ादी और यौन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण रखना चाहता है। इससे महिलाओं पर मानसिक और सामाजिक दबाव बढ़ता है। स्लट शेमिंग के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हिस्टीरिया (Hysteria)
हिस्टीरिया महिला के यौन स्वास्थ्य या प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक़्क़त नहीं है लेकिन इसे समझने में चिकित्सा क्षेत्र को कई सौ साल लगे। हिस्टीरिया का इतिहास बताता है कि जब डॉक्टरों को महिला शरीर से जुड़ी कोई बीमारी समझ नहीं आती थी वे इसे हिस्टीरिया का नाम दे देते थे, इससे उन्हें महिला शरीर को समझने या महिलाओं डॉक्टरों की ज़रूरत स्वीकारने के सच से छुट्टी मिल जाती। हिस्टीरिया के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हॉट फ्लैशेज (Hot Flashes)
कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान कई तरह के लक्षण नज़र आते हैं, जिसमें हॉट फ्लैशेज का होना सामान्य बात होती है। इसके होने से शरीर के कई हिस्से प्रभावित होते हैं। मॉयो क्लीनिक में छपी जानकारी के अनुसार शरीर के उपरी हिस्से में गर्मी का एहसास होता है। आमतौर पर इससे चेहरा, छाती और गर्दन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, जिसके कारण असुविधा और दिनभर के काम में एक तरह का बाधा होने लगती है। हॉट फ्लैशेज के बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।